देश के बाकी शहरों को पीछे छोड़ श्रीगंगानगर, ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण से हालात खराब हैं। इन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 315 पर पहुंच गया है। वहीं फरीदाबाद जो कल देश का सबसे प्रदूषित शहर था, वहां प्रदूषण में 16 अंकों की गिरावट आई है। हालांकि वहां अभी भी प्रदूषण का स्तर जानलेवा बना हुआ है।
इसी तरह देश के छोटे बड़े 15 शहरों में प्रदूषण से स्थिति दमघोंटू है। कल की तुलना में देखें तो देश में 'खराब' गुणवत्ता वाले इन शहरों की संख्या में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि इन शहरों में बद्दी (220), बागपत (256), बहादुरगढ़ (261), बल्लभगढ़ (245), बांसवाड़ा (270), भिवाड़ी (264), दिल्ली (244), फरीदाबाद (288), गाजियाबाद (222), मंडी गोबिंदगढ़ (292), मेरठ (208), मुजफ्फरनगर (218), नोएडा (265), रूपनगर (208), सवाई माधोपुर (222) आदि शामिल हैं।
इन शहरों के विपरीत देश में नाहरलगुन में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 10 रिकॉर्ड किया गया। यदि श्रीगंगानगर में मौजूद प्रदूषण की तुलना नाहरलगुन से करें तो वहां वायु गुणवत्ता करीब 32 गुणा खराब है।
इसी तरह देश के 28 अन्य शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में बेलगाम, चामराजनगर, धनबाद, गडग, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, कलबुर्गी, कारवार, कटिहार, किशनगंज, कोप्पल, मदिकेरी, मैसूर, नाहरलगुन, पालकालाइपेरुर, रायरंगपुर, रामनगर आदि शामिल थे। कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 24 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं देश के 94 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। कल से देखें तो इन शहरों में नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।
बता दें कि संतोषजनक हवा वाले शहरों में गया, गोरखपुर, हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, झांसी, कडपा, कल्याण, कानपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लातूर, लुधियाना, महाड, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नासिक, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायचुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, सहरसा, सलेम आदि शहर शामिल हैं।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। बता दें कि दिल्ली में 21 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 244 पर पहुंच गया है। आंकड़ों के मुताबिक देश के 92 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, देहरादून, धुले, डूंगरपुर, फतेहाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड़, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मुरादाबाद, नागौर, नांदेड़, नंदेसरी, नारनौल, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सागर, सीकर, सिंगरौली आदि शामिल रहे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 232 में से 29 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 94 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 मई 2024 यह आंकड़ा 86 दर्ज किया गया था।
92 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 15 शहरों बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, भिवाड़ी, दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, रूपनगर, सवाई माधोपुर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा-श्रीगंगानगर (315) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।
यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 21 अंक बढ़कर 244 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 288, गाजियाबाद में 222, गुरुग्राम में 159, नोएडा में 265, ग्रेटर नोएडा में 315 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 69 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 124, चेन्नई में 97, चंडीगढ़ में 155, हैदराबाद में 65, जयपुर में 173 और पटना में 101 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
गंगटोक (37) सहित देश के जिन 38 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर 46, आरा 43, बैरकपुर 45, बेलगाम 44, चामराजनगर 46, धनबाद 47, गडग 42, गुवाहाटी 27, हल्दिया 44, हावड़ा 45, कलबुर्गी 48, कारवार 40, कटिहार 28, किशनगंज 46, कोप्पल 46, मदिकेरी 32, मैसूर 41, नाहरलगुन 10, पालकालाइपेरुर 38, रायरंगपुर 49, रामनगर 42, रामनाथपुरम 35, सिलीगुड़ी 44, शिवसागर 49, तिरुवनंतपुरम 46, तिरुपति 50, वाराणसी 33, और विजयपुरा 42 शामिल रहे।
वहीं आगरा, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंबाला, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आसनसोल, बदलापुर, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, झांसी, कडपा, कल्याण, कानपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लातूर, लुधियाना, महाड, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नासिक, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायचुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिरोही, सिरसा, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपुर, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर आदि 94 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।
वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
दूसरी तरफ देश में अमरावती में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है। यदि अमरावती में प्रदूषण की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा से करें तो वहां हवा 17 गुणा साफ है। इसी तरह देश 34 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। यदि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। ऐसा ही कुछ संतोषजनक हवा वाले शहरों के साथ भी हुआ है, जिनकी संख्या में कल से दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि इन शहरों की संख्या 92 बनी हुई है। इनमें अंबाला, अमरावती, बदलापुर, बालासोर, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर आदि शहर शामिल हैं।
देश के 75 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया है। इन शहरों में बागपत, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, धनबाद, धारूहेड़ा, धुले, गडग, ग्वालियर आदि शहर शामिल रहे। कल से देखें तो इन शहरों के आंकड़े में आठ फीसदी की गिरावट आई है।