दिल्ली सहित 66 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक, महज सात फीसदी में हवा साफ

देश में बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 379 पर पहुंच गया है
भारत की 96 फीसदी आबादी यानी 133 करोड़ लोग ऐसी हवा में सांस लेने को मजबूर हैं जहां पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी मानकों से सात गुणा खराब है; फोटो: आईस्टॉक
भारत की 96 फीसदी आबादी यानी 133 करोड़ लोग ऐसी हवा में सांस लेने को मजबूर हैं जहां पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी मानकों से सात गुणा खराब है; फोटो: आईस्टॉक
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2025 का आगाज प्रदूषण के साथ हुआ, वहीं पिछले चार दिनों से इसमें लगातार इजाफा हो रहा है। हालात यह है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक कल से सात अंक बढ़कर 378 पर पहुंच गया है। कुछ ऐसी ही स्थिति देश के अन्य शहरों की भी है। गौरतलब है कि तीन जनवरी 2025 को दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 के निशान को पार कर गया था, जिसके बाद दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का तीसरा चरण लागू कर दिया गया था।

ताजा रुझानों के मुताबिक बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 379 पर पहुंच गया। इसी तरह देश के दस अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। इनमें कई छोटे तो कई बड़े शहर शामिल हैं।

आंकड़ों के मुताबिक आज प्रदूषण के मामले में दिल्ली दूसरे स्थान पर रही। वहीं 365 अंकों के साथ नॉएडा प्रदूषण के मामले में तीसरे, जबकि बद्दी (355) चौथे स्थान पर रहा। इसी तरह राजगीर (325) और तालचेर (315) में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं रही।

आंकड़ों के मुताबिक आज प्रदूषण के मामले में दिल्ली दूसरे स्थान पर रही। वहीं 365 अंकों के साथ नॉएडा प्रदूषण के मामले में तीसरे, जबकि बद्दी (355) चौथे स्थान पर रहा।

इसी तरह राजगीर (325) और तालचेर (315) में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं रही। वहीं प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद सातवें स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 310 दर्ज किया गया। हल्दिया (308) देश का आठवां सबसे प्रदूषित शहर रहा। वहीं सासाराम (307) नौवें स्थान पर था। इसी तरह बैरकपुर (303) और बिहार शरीफ (301) में भी स्थिति बेहद खराब बनी हुई है।

कल से तुलना करें तो देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 83 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर देश में आइजोल में हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 25 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा खराब है। आइजोल की तरह ही देश के 16 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है।

इन शहरों में अमृतसर, बागलकोट, बिलासपुर, चामराजनगर, छाल, गंगटोक, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 13 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है। कल से तुलना करें तो फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में 16 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 284 पर पहुंच गया। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 34 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है।

इन शहरों में अंगुल, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बेगूसराय, भागलपुर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, कटक, धनबाद, दुर्गापुर, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हावड़ा, जैसलमेर, जोधपुर, कटिहार, किशनगंज, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, मंडीदीप, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, पटना, राजमहेंद्रवरम, विशाखापत्तनम शामिल हैं। राहत की बात रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अजमेर सहित 68 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। इन शहरों में लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मैसूर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सतना, सिलचर, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम आदि शहर शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक देश में अगरतला सहित 113 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दौसा, धौलपुर, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हापुड, जयपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंगुराहा, मेरठ, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, श्री गंगानगर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब सात फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 65 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए है। वहीं देश के 28 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 04 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 244 में से महज 17 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 68 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 03 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 75 दर्ज किया गया था।113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (379) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 373 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में सात अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज 378 यानी ‘बेहद खराब’ स्तर पर बना हुआ है।

गौरतलब है कि नवंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बद्दी चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (378) दूसरे, जबकि नोएडा (365) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 284, गाजियाबाद में 310, गुरुग्राम में 280, नोएडा में 365, ग्रेटर नोएडा में 285 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 154 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 209, चेन्नई में 152, चंडीगढ़ में 294, हैदराबाद में 94, जयपुर में 194 और पटना में 245 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 17 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अमृतसर, बागलकोट, बिलासपुर, चामराजनगर, छाल, गंगटोक, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, मदिकेरी, मैहर, शिवमोगा, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, बीदर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, हसन, हावेरी, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, झांसी, कन्नूर, करौली, करूर, कारवार, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मैसूर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सतना, सिलचर, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 68 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

2025 का आगाज प्रदूषण के साथ हुआ, वहीं पिछले चार दिनों से इसमें लगातार इजाफा हो रहा है। हालात यह है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक कल से सात अंक बढ़कर 378 पर पहुंच गया है। कुछ ऐसी ही स्थिति देश के अन्य शहरों की भी है। गौरतलब है कि तीन जनवरी 2025 को दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 के निशान को पार कर गया था, जिसके बाद दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का तीसरा चरण लागू कर दिया गया था।

ताजा रुझानों के मुताबिक बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 379 पर पहुंच गया। इसी तरह देश के दस अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। इनमें कई छोटे तो कई बड़े शहर शामिल हैं।

आंकड़ों के मुताबिक आज प्रदूषण के मामले में दिल्ली दूसरे स्थान पर रही। वहीं 365 अंकों के साथ नॉएडा प्रदूषण के मामले में तीसरे, जबकि बद्दी (355) चौथे स्थान पर रहा। इसी तरह राजगीर (325) और तालचेर (315) में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं रही।

आंकड़ों के मुताबिक आज प्रदूषण के मामले में दिल्ली दूसरे स्थान पर रही। वहीं 365 अंकों के साथ नॉएडा प्रदूषण के मामले में तीसरे, जबकि बद्दी (355) चौथे स्थान पर रहा।

इसी तरह राजगीर (325) और तालचेर (315) में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं रही। वहीं प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद सातवें स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 310 दर्ज किया गया। हल्दिया (308) देश का आठवां सबसे प्रदूषित शहर रहा। वहीं सासाराम (307) नौवें स्थान पर था। इसी तरह बैरकपुर (303) और बिहार शरीफ (301) में भी स्थिति बेहद खराब बनी हुई है।

कल से तुलना करें तो देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 83 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर देश में आइजोल में हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 25 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा खराब है। आइजोल की तरह ही देश के 16 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है।

इन शहरों में अमृतसर, बागलकोट, बिलासपुर, चामराजनगर, छाल, गंगटोक, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 13 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है। कल से तुलना करें तो फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में 16 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 284 पर पहुंच गया। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 34 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है।

इन शहरों में अंगुल, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बेगूसराय, भागलपुर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, कटक, धनबाद, दुर्गापुर, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हावड़ा, जैसलमेर, जोधपुर, कटिहार, किशनगंज, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, मंडीदीप, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, पटना, राजमहेंद्रवरम, विशाखापत्तनम शामिल हैं। राहत की बात रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अजमेर सहित 68 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। इन शहरों में लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मैसूर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सतना, सिलचर, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम आदि शहर शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक देश में अगरतला सहित 113 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दौसा, धौलपुर, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हापुड, जयपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंगुराहा, मेरठ, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, श्री गंगानगर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब सात फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 65 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए है। वहीं देश के 28 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 04 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 244 में से महज 17 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 68 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 03 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 75 दर्ज किया गया था।113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (379) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 373 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में सात अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज 378 यानी ‘बेहद खराब’ स्तर पर बना हुआ है।

गौरतलब है कि नवंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बद्दी चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (378) दूसरे, जबकि नोएडा (365) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 284, गाजियाबाद में 310, गुरुग्राम में 280, नोएडा में 365, ग्रेटर नोएडा में 285 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 154 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 209, चेन्नई में 152, चंडीगढ़ में 294, हैदराबाद में 94, जयपुर में 194 और पटना में 245 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 17 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अमृतसर, बागलकोट, बिलासपुर, चामराजनगर, छाल, गंगटोक, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, मदिकेरी, मैहर, शिवमोगा, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, बीदर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, हसन, हावेरी, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, झांसी, कन्नूर, करौली, करूर, कारवार, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मैसूर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सतना, सिलचर, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 68 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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