दिल्ली-एनसीआर में सर्दी के साथ बढ़ता प्रदूषण बना आफत, बर्नीहाट में 373 तक पहुंचा एक्यूआई

दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में कल से 53 अंकों का भारी उछाल आया है, जिसके बाद राजधानी में एक्यूआई 380 के करीब पहुंच गया
दिल्ली की बढ़ती सर्दी में आग की मदद से अपने आप को गर्म रखने का प्रयास करते लोग; फोटो: आईस्टॉक
दिल्ली की बढ़ती सर्दी में आग की मदद से अपने आप को गर्म रखने का प्रयास करते लोग; फोटो: आईस्टॉक
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दिल्ली-एनसीआर में सर्दी के साथ बढ़ता प्रदूषण आफत बन चुका है। साफ हवा के मामले में इस साल की शुरूआत अच्छी नहीं रही, जहां कल 24 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब थी। वहीं आज यह आंकड़ा बढ़कर 37 पर पहुंच गया है। इसी तरह देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में भी इजाफा हुआ है।

दिल्ली और आसपास के शहरों में भी प्रदूषण से हालात बेहद खराब हैं। गौरतलब है कि दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में कल से 53 अंकों का भारी उछाल आया है, जिसके बाद राजधानी में एक्यूआई 380 के करीब पहुंच गया। कमोबेश ऐसी ही स्थिति ग्रेटर नोएडा (334), नोएडा (332), चंडीगढ़ (312) और गाजियाबाद (309) की भी है, जहां सूचकांक बेहद खराब बना हुआ है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदूषण के मामले में आज बर्नीहाट अव्वल रहा, जहां एक्यूआई 373 दर्ज किया गया है। हालांकि दिल्ली भी उससे ज्यादा पीछे नहीं है। कल से देखें तो कल से बर्नीहाट में प्रदूषण के स्तर में नौ अंकों का इजाफा हुआ है। दिल्ली-बर्नीहाट की तरह ही छह शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब रही।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी आज स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जहां कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक में 80 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम से 'खराब' हो गया है। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 36 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है।

इन शहरों में अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बालासोर, बैरकपुर, भागलपुर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, चरखी दादरी, चुरू, कटक, धनबाद, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, झुंझुनूं, कटनी, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, पंचकुला, पटना, सासाराम, सिंगरौली, तालचेर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

वहीं कल से देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 54 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ एक बार फिर आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 26 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा खराब है। गौरतलब है कि देश में आइजोल की तरह ही 14 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कांचीपुरम, कोप्पल, मदिकेरी, तंजावुर, त्रिशूर, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 36 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश में अजमेर की तरह ही 75 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में नासिक, परभनी, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रतलाम, सलेम, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, उडुपी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा आदि शामिल हैं। हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में सौ से भी ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अलवर, अमरावती, अंगुल, बदलापुर, बागपत, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दमोह, दौसा, देहरादून, धौलपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नागौर, नाहरलगुन, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सांगली, सीकर, सिलीगुड़ी, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, तिरुपति, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरुधुनगर, वृंदावन आदि शहर शामिल हैं।

कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी करीब चार फीसदी की गिरावट आई है।

ऐसे में रुझानों पर नजर डालें तो जहां देश के महज छह फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं दूसरी तरफ करीब 62 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक है। इसी तरह 32 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 03 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 234 में से महज 15 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 75 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 02 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 86 दर्ज किया गया था।

101 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (373) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 364 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 53 अंकों का भारी उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज 371 यानी ‘बेहद खराब’ स्तर पर पहुंच गया।

गौरतलब है कि पिछले नवंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (371) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (334) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 268, गाजियाबाद में 309, गुरुग्राम में 292, नोएडा में 332, ग्रेटर नोएडा में 334 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 126 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 214, चेन्नई में 114, चंडीगढ़ में 312, हैदराबाद में 99, जयपुर में 187 और पटना में 298 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 15 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, बिलासपुर, चामराजनगर, छाल, गंगटोक, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कोप्पल, मदिकेरी, तंजावुर, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अकोला, अमरावती, अमृतसर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बेंगलुरु, भिलाई, बीदर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, गडग, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, करौली, करूर, कारवार, काशीपुर, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, नागपट्टिनम, नागपुर, नलबाड़ी, नंदेसरी, नासिक, परभनी, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रतलाम, सलेम, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, उडुपी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर आदि 75 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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