बड़े शहरों को पीछे छोड़ देश में बीकानेर, ग्रेटर नोएडा, श्री गंगानगर में प्रदूषण से हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। इन तीन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 300 के पार पहुंच गया है। आंकड़ों की मानें तो श्री गंगानगर में प्रदूषण की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 326 दर्ज किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ रामनाथपुरम में हवा सबसे ज्यादा साफ है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 29 पर बना हुआ है। यदि इन दोनों शहरों के प्रदूषण की तुलना करें तो सोनीपत में हवा 11 गुणा ज्यादा खराब है। इसी तरह देश में छोटे बड़े 21 शहरों में प्रदूषण से स्थिति दमघोंटू बनी हुई है। कल की तुलना में देखें तो देश में इन 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है। बता दें कि देश में अमृतसर (212), बद्दी (297), बागपत (253), बहादुरगढ़ (210), बल्लभगढ़ (237), बांसवाड़ा (218), भागलपुर (210), भिवाड़ी (250), चूरू (251), देहरादून (220) आदि शहरों में हवा दमघोंटू है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण के स्तर में छह अंकों का सुधार हुआ है, जिसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 238 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी कल के मुकाबले प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद इन दोनों शहरों में प्रदूषण का स्तर लोगों को बीमार करने के लिए काफी है। वहीं दूसरी तरफ देश के 23 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।
इन शहरों में बरेली, बेलगाम, चामराजनगर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देवास, गडग, हावेरी, कलबुर्गी, कन्नूर, कोल्लम, कोप्पल, मदिकेरी, आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में इन बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 21 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों में भी चार फीसदी की मामूली कमी आई है।
हालांकि इसके बावजूद अभी भी इन शहरों की संख्या 90 बनी हुई है। इन शहरों में कोयंबटूर, कटक, दौसा, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जलगांव, झांसी, कडप्पा, कल्याण, कटिहार, क्योंझर, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भयंदर, मुंबई आदि शामिल थे।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश के 93 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। कल से तुलना करें तो इन शहरों में एक फीसदी का मामूली इजाफा हुआ है। बता दें कि इनमें अमरावती, अंगुल, आसनसोल, बारां, बारबिल, बाड़मेर, भिवानी, भोपाल, बीदर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलंदशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरुग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, जींद, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोविंदगढ़, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नंदेसरी, नारनौल, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिरसा, सिवान , सोनीपत आदि शहर शामिल थे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 230 में से 23 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 90 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 28 मई 2024 यह आंकड़ा 94 दर्ज किया गया था।
93 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 21 शहरों अमृतसर, बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, भागलपुर, भिवाड़ी, चूरू, देहरादून, दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, हनुमानगढ़, झुंझुनू, मुजफ्फरनगर, नागौर, नोएडा, पंचकुला, रोहतक, सीकर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (326) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।
यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स छह अंक गिरकर 238 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 272, गाजियाबाद में 228, गुरुग्राम में 171, नोएडा में 262, ग्रेटर नोएडा में 302 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 71 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 142, चेन्नई में 102, चंडीगढ़ में 148, हैदराबाद में 72, जयपुर में 176 और पटना में 136 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
आइजोल (47) सहित देश के जिन 23 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बरेली 46, बेलगाम 47, चामराजनगर 42, कुड्डालोर 44, दावनगेरे 47, देवास 46, गडग 45, हावेरी 36, कलबुर्गी 43, कन्नूर 43, कोल्लम 50, कोप्पल 50, मदिकेरी 50, रामनगर 34, रामनाथपुरम 29, शिलांग 38, सिलचर 43, सिलीगुड़ी 44, शिवसागर 48, तिरुवनंतपुरम 48, तिरुपुर 38, और वाराणसी 45 शामिल रहे।
वहीं आगरा, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बारीपाड़ा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चंद्रपुर, चिकबलपुर, चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, कटक, दौसा, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जलगांव, झांसी, कडप्पा, कल्याण, कटिहार, क्योंझर, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भयंदर, मुंबई, मैसूरु, नागांव, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायचुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपति, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर आदि 90 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।
वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
दूसरी तरफ देश में अमरावती में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है। यदि अमरावती में प्रदूषण की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा से करें तो वहां हवा 17 गुणा साफ है। इसी तरह देश 34 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। यदि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। ऐसा ही कुछ संतोषजनक हवा वाले शहरों के साथ भी हुआ है, जिनकी संख्या में कल से दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि इन शहरों की संख्या 92 बनी हुई है। इनमें अंबाला, अमरावती, बदलापुर, बालासोर, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर आदि शहर शामिल हैं।
देश के 75 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया है। इन शहरों में बागपत, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, धनबाद, धारूहेड़ा, धुले, गडग, ग्वालियर आदि शहर शामिल रहे। कल से देखें तो इन शहरों के आंकड़े में आठ फीसदी की गिरावट आई है।