
देश में दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ मध्यप्रदेश के सिंगरौली की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 289 पर पहुंच गया है। मतलब की देश में बढ़ता प्रदूषण अब सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है।
वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 09 जून 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक कल हापुड की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब एक्यूआई 255 दर्ज किया गया। हालांकि कल से हापुड़ की हवा में 95 अंकों का भारी सुधार आया है।
प्रदूषण के मामले में आज राजगीर (242) दूसरे जबकि बागपत (237) तीसरे स्थान पर है। राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 235 तक पहुंच गया। बता दें कि देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली चौथे पायदान पर है। इसी तरह 213 अंकों के साथ बद्दी पांचवें जबकि गाजियाबाद (212) छठे स्थान पर है।
रुझानों से पता चला है कि देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हाजीपुर, तुमिडीह, गुरूग्राम, और मंडी गोबिंदगढ़ भी शामिल हैं। कल से देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में भी 125 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों का आंकड़ा बढ़कर नौ पर पहुंच गया।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज सिंगरौली, राजगीर, मंडी गोबिंदगढ़, बुलन्दशहर, भिवाड़ी, लुधियाना, चंडीगढ़, पटना, लखनऊ आदि शहरों की हवा में जहां प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे। वहीं बद्दी, हाजीपुर, तुमिडीह, मेरठ, भरतपुर, हापुड आदि में ओजोन से स्थिति खराब रही।
दूसरी तरफ बागपत, दिल्ली, गाजियाबाद, गुरूग्राम, दौसा, कटनी, नोएडा, हनुमानगढ़, सहरसा, ग्रेटर नोएडा सवाई माधोपुर खुर्जा आदि में पीएम10 हावी बना हुआ है।
इन शहरों के उलट आज देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 17 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि दिल्ली की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है।
मदिकेरी की तरह ही आज देश के 34 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कोल्हापुर, मैसूर, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, शिलांग, सिलचर, सूरत, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 17 फीसदी का इजाफा हुआ है।
देश में चंद्रपुर सहित 89 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, उल्हासनगर, वाराणसी आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 22 फीसदी की गिरावट आई है।
इसी तरह अहमदाबाद सहित देश के 78 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इनमें चंडीगढ़, छपरा, चुरू, कटक, दौसा, देहरादून, देवास, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, झांसी, झुंझुनूं, कानपुर, करौली आदि शहर शामिल हैं। कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब तीन फीसदी की गिरावट आई है।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 17 फीसदी शहरों की हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 41 फीसदी से अधिक में हालात चिंताजनक बने हुए है। इसी तरह 42 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 211 में से 35 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 89 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 08 जून 2025 को यह आंकड़ा 114 दर्ज किया गया था।
78 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में सिंगरौली (289) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल हापुड में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 255 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 37 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 235 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं राजगीर (242) दूसरे, जबकि बागपत (237) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 102, गाजियाबाद में 212, गुवाहाटी में 102, गुरूग्राम में 201, नोएडा में 177, ग्रेटर नोएडा में 156 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 69 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 154, चेन्नई में 49, चंडीगढ़ में 155, हैदराबाद में 77, जयपुर में 138 और पटना में 155 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 35 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, आइजोल, बागलकोट, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गुम्मिडिपूंडी, हुबली, कलबुर्गी, कोल्हापुर, मदिकेरी, मैसूर, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, शिलांग, सिलचर, सूरत, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अंकलेश्वर, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बोईसर, बक्सर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गोरखपुर, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कल्याण, काशीपुर, कोहिमा, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 89 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।