
देश में प्रदूषण की स्थिति मिली-जुली है, जहां कुछ शहरों में प्रदूषण में गिरावट आई है, वहीं कुछ में सूचकांक में इजाफा दर्ज किया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 01 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 285 रिकॉर्ड किया गया है।
इसी तरह 268 अंकों के साथ बर्नीहाट दूसरे जबकि गुवाहाटी (230) दूसरे स्थान पर रहा। बारबिल में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 229 रिकॉर्ड किया गया है।
इसी तरह सिंगरौली में भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है, जहां एक्यूआई 217 रिकॉर्ड किया गया। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज सिंगरौली पांचवें स्थान पर रहा। इसी तरह फरीदाबाद में भी वायु गुणवत्ता 'खराब' है। गौरतलब है कि 39 अंकों के उछाल के साथ फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 205 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हाजीपुर, चित्तौड़गढ़, सिवान और राउरकेला भी शामिल थे।
आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में छह शहरों की हवा खराब रही। राहत की खबर यह है कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में अरियालूर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 28 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर सिलीगुड़ी की तुलना अरियालूर से करें तो वहां स्थिति नौ गुणा खराब है। अरियालूर की तरह ही देश के आठ अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में चरखी दादरी, दमोह, हुबली, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में गिरावट आई है।
रुझानों के मुताबिक अगरतला सहित देश के 98 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इनमें हल्दिया, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, लखनऊ, मदुरै, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, नोएडा, परभनी, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, तालचेर, ठाणे आदि शहर शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 18 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, इसके बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही देश के 120 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में कोहिमा, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिलांग, सीकर, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, टेन्सा, टोंक, तुमकुरु, उल्हासनगर, विरुधुनगर आदि शहर शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां करीब चार फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 54 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं। देश के करीब 42 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 234 में से महज 9 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 98 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 31 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 83 दर्ज किया गया।
121 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी (285) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 252 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 16 अंकों के सुधार के साथ 144 पर पहुंच गया। मतलब की प्रदूषण में गिरावट के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बारबिल चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (268) दूसरे, जबकि गुवाहाटी (230) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 205, गाजियाबाद में 160, गुरुग्राम में 156, नोएडा में 85, ग्रेटर नोएडा में 143 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 96 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 92, चेन्नई में 78, चंडीगढ़ में 88, हैदराबाद में 91, जयपुर में 92 और पटना में 156 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 9 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर, चरखी दादरी, दमोह, हुबली, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं अगरतला, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, बागलकोट, बालासोर, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, हल्दिया, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, लखनऊ, मदुरै, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, नोएडा, परभनी, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, तालचेर, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, उदयपुर, उज्जैन, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 98 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।