प्रदूषण की मार: जैसलमेर में हाल-बेहाल, आइजोल से 22 गुणा ज्यादा खराब स्थिति

रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 30 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 22 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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देश में प्रदूषण से राजस्थान के जैसलमेर शहर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। हालात यह है कि वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 344 तक पहुंच गया है। मतलब की हवा में जहर इस कदर घुल चुका है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 28 मई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आइजोल की तुलना में जैसलमेर में स्थिति 22 गुणा ज्यादा खराब है। गौरतलब है कि जहां जैसलमेर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है। वहीं आइजोल में वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 15 दर्ज किया गया है।

रझानों के विश्लेषण में सामने आया है कि आज देश के जहां करीब 30 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 49 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ देश के करीब 22 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इनमें जैसलमेर की स्थिति सबसे खराब, जबकि बाड़मेर दूसरे स्थान पर बना हुआ है, जहां एक्यूआई 232 दर्ज किया गया।

झुंझुनूं जो आज देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर है, वहां सूचकांक 216 दर्ज किया गया है। देखा जाए तो देश के सबसे प्रदूषित शहरों में पहले तीन स्थान पर राजस्थान के शहर हैं, जबकि दस सबसे प्रदशित शहरों की लिस्ट में पांच राजस्थान के शहर हैं।

इसी तरह देश के जिन दो शहरों में आज वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है, वो दोनों शहर भी राजस्थान के हैं। वहीं प्रदूषण के मामले में आज क्योंझर (195) चौथे जबकि ब्रजराजनगर (180) पांचवें स्थान पर है। मेघालय का बर्नीहाट भी ज्यादा पीछे नहीं है, जो 177 अंकों के साथ छठे स्थान पर है।

रानीपेट (169) सातवें जबकि पाली (167) आठवें स्थान पर है। इसी  तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में जालौर (163) और दिल्ली (151) भी शामिल हैं।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो लगातार तीसरे दिन प्रदूषण में इजाफा हुआ है। हालांकि अभी भी वहां वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 42 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, धनबाद, डूंगरपुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, इंफाल, जयपुर, जालंधर, जालौर, जोधपुर, क्योंझर, खुर्जा, कोटा, मंडी गोबिंदगढ़, नागौर, नोएडा, पाली आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है, जोकि चिंता का विषय है।

सरकारी एजेंसी द्वारा साझा जानकारी से पता चला है कि आज जहां झुंझुनूं-दिल्ली में ओजोन से स्थिति चिंताजनक है। वहीं जैसलमेर, बाड़मेर, क्योंझर, पाली, जालौर, उदयपुर, बीकानेर, बद्दी, भिवाड़ी आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी रहे। इसी तरह ब्रजराजनगर, बर्नीहाट, रानीपेट आदि में पीएम2.5 से हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

आंकड़ों से पता चला है कि देश में अगरतला सहित 62 शहरों में हवा साफ है।

इन शहरों में बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, बोईसर, बक्सर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कटक, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गुवाहाटी, हल्दिया, हुबली, काशीपुर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

गांधीनगर-गंगटोक सहित देश के 102 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इनमें मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, सागर, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, श्री विजया पुरम, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, टोंक, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा आदि शहर शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 210 में से 62 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 मई 2025 को यह आंकड़ा 102 दर्ज किया गया था।

43 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में जैसलमेर (344) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। कल ब्रजराजनगर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 336 रिकॉर्ड किया गया।आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 18 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 151 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज क्योंझर चौथे स्थान पर है, वहीं बाड़मेर (232) दूसरे, जबकि झुंझुनूं (216) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 90, गाजियाबाद में 136, गुवाहाटी में 49, गुरूग्राम में 128, नोएडा में 119, ग्रेटर नोएडा में 106 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 72 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 91, चेन्नई में 64, चंडीगढ़ में 118, हैदराबाद में 64, जयपुर में 128 और पटना में 77 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 62 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, आइजोल, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, बोईसर, बक्सर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कटक, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गुवाहाटी, हल्दिया, हुबली, काशीपुर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सलेम, सांगली, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सुआकाती, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारां, बरेली, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, दमोह, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोप्पल, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, सागर, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, श्री विजया पुरम, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, टोंक, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 102 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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