मेरठ-मुजफ्फरनगर में प्रदूषण से बिगड़े हालात, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, नोएडा में भी दमघोंटू हुई हवा

आंकड़ों के अनुसार देश के 23 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर है, जबकि करीब 24 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक बने हुए हैं
प्रतीकात्मक तस्वीर: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट
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देश में बढ़ते प्रदूषण के चलते मेरठ-मुजफ्फरनगर में स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 250 के पास पहुंच गया है। ताजा रुझानों के मुताबिक जहां मेरठ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 241 रिकॉर्ड किया गया। वहीं अन्य सभी शहरों को पीछे छोड़ मुजफ्फरनगर की हवा में घुला जहर 242 तक पहुंच गया है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, हापुड, गाजियाबाद, दिल्ली, बुलन्दशहर, बहादुरगढ़, जलना शामिल थे।

दूसरी तरफ देश में नाहरलगुन की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई नौ दर्ज किया गया है। ऐसे में मुजफ्फरनगर की तुलना यदि देश में सबसे साफ हवा वाले शहर नाहरलगुन से करें तो स्थिति 26 गुणा ज्यादा खराब है।

आंकड़ों के मुताबिक नाहरलगुन की तरह ही देश के 56 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, उडुपी, वापी, वेल्लोर, विजयपुरा आदि शामिल थे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 16 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

हालांकि दूसरी तरफ दिल्ली-फरीदाबाद की हवा पहले से कहीं ज्यादा खराब है। जहां दिल्ली में 21 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 183 पर पहुंच गया है। वहीं फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में भी कल से 17 अंकों की गिरावट आई है। इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम बना हुआ है। दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 51 अन्य शहरों की वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में अंगुल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बरेली, भिवाड़ी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चरखी दादरी, कटक, दमोह, दिल्ली, देवास, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, हनुमानगढ़, हिसार, इंफाल, जयपुर, जलगांव, जलना, कैथल, कानपुर, करनाल, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कुरूक्षेत्र, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुरादाबाद, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, रायचुर, राउरकेला, समस्तीपुर, सिंगरौली, सिवान, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, टोंक, उज्जैन, वाराणसी शामिल थे।

वहीं कल से तुलना करें तो इन शहरों की संख्या में 25 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

सीपीसीबी द्वारा जारी ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 130 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक आदि शहर शामिल थे। वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब चार फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है। आंकड़ों के अनुसार देश के 23 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर है, जबकि करीब 53 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं करीब 24 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 04 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 246 में से 57 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 130 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 03 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 125 दर्ज किया गया था। 53 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में मुजफ्फरनगर (242) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (183) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 21 अंकों का उछाल आया है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 102, गाजियाबाद में 211, गुरुग्राम में 96, नोएडा में 228, ग्रेटर नोएडा में 212 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 94, चेन्नई में 69, चंडीगढ़ में 97, हैदराबाद में 68, जयपुर में 110 और पटना में 80 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 57 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अमरावती, अररिया, अरियालूर, बागलकोट, बेगूसराय, बेलगाम, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, धुले, एलूर, गडग, गंगटोक, गुवाहाटी, हाजीपुर, हुबली, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, किशनगंज, कोल्लम, लातूर, मदिकेरी, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मैसूर, नाहरलगुन, पिंपरी-चिंचवाड, रामनगर, सहरसा, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, उडुपी, वापी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कल्याण, करौली, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, रूपनगर, सागर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, यमुनानगर आदि 130 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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