
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 196 तक पहुंच गया है। यह स्थिति विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 335 फीसदी अधिक है।
दिल्ली में भी प्रदूषण बढ़ा है, जहां एक्यूआई 169 दर्ज किया गया। हालांकि, देश के 88 शहरों में हवा साफ है, जो एक सकारात्मक संकेत है।
41.5 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 19.2 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
कल देश में नंदेसरी की हवा सबसे खराब थी। जब वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 208 तक पहुंच गया था, जो आज 40 अंकों के सुधार के साथ घटकर 168 रह गया है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज प्रदूषण के मामले में आज नोएडा (182) दूसरे जबकि हापुड (170) तीसरे स्थान पर है।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 38 फीसदी का इजाफा हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 39.3 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं 41.5 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 19.2 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा संतोषजनक है। हालांकि अच्छी खबर यह है कि आज देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 38 फीसदी का इजाफा हुआ है।
विश्लेषण से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में ग्रेटर नोएडा की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 196 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी हैं। रुझानों के मुताबिक वहां फिजाओं में घुला जहर इतना है कि वो लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।
ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी सुरक्षित सीमा से 335 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता का स्तर 161 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 35 अंकों का उछाल आया है।
कल देश में नंदेसरी की हवा सबसे खराब थी। जब वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 208 तक पहुंच गया था, जो आज 40 अंकों के सुधार के साथ घटकर 168 रह गया है। मतलब कि आज बद्दी में वायु गुणवत्ता का स्तर ‘खराब’ से ‘मध्यम’ श्रेणी में पहुंच गया है।
दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 11 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 17 गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में एक्यूआई 49 अंको के उछाल के साथ बढ़कर 169 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 1,027 फीसदी अधिक है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज प्रदूषण के मामले में आज नोएडा (182) दूसरे जबकि हापुड (170) तीसरे स्थान पर है।
इसी तरह 169 अंकों के साथ दिल्ली प्रदूषित शहरों में चौथे पायदान पर है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति गाजियाबाद की भी है, जो 168 अंकों के साथ पांचवें जबकि नंदेसरी (168) छठे स्थान पर है। देश के दस प्रदूषित शहरों में आज भिवाड़ी (167), धौलपुर (149), मंडी गोबिंदगढ़ (149), और पीथमपुर (142) भी शामिल हैं।
रुझानों से यह भी पता चला है कि आज दिल्ली, नंदेसरी, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, गुम्मिडिपूंडी, पाली, राजगीर आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, भिवाड़ी, धौलपुर, पीथमपुर, मेरठ, बागपत, जालौर, बद्दी, हनुमानगढ़, टोंक, बठिंडा, बुलन्दशहर, चुरू, दौसा, आगरा, मुजफ्फरनगर, फरीदाबाद, गुरूग्राम, करौली, ग्वालियर, जयपुर, मुरादाबाद, झुंझुनूं, ऊटी, सवाई माधोपुर, बीकानेर, सीकर, बांसवाड़ा, रतलाम, वापी, भरतपुर आदि शहरों में स्थिति चिंताजनक है। दूसरी तरफ कुछ शहरों में ओजोन, कार्बन आदि प्रदूषक हावी हैं।
इन शहरों के विपरीत आज देश में अगरतला सहित 88 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नासिक, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, परभनी, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, राउरकेला, सहरसा, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 38 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश के 43 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में आगरा, बद्दी, बागपत, बांसवाड़ा, बठिंडा, भरतपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, बुलन्दशहर, चुरू, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धौलपुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, जयपुर, जालौर, झुंझुनूं, करौली, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, नोएडा, ऊटी, पाली, पीथमपुर, राजगीर, रतलाम, सवाई माधोपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, टोंक, वापी शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 43 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के छोटे-बड़े 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मुंबई, नगांव, नागौर, नांदेड़, नवी मुंबई, पंचगांव, पटियाला, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शहर शामिल हैं।
देश में कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 26 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 224 में से 88 (+37.5 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 93 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 26 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 126 दर्ज किया गया था।
43 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (196) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 208 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही वहां 49 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 169 पर पहुंच गया है। मतलब कि आज भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। वहीं आज लम्बे समय बाद सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा किए हैं। फरीदाबाद में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 118 दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं नोएडा (182) दूसरे, जबकि हापुड (170) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 117, गाजियाबाद में 168, गुवाहाटी में 61, गुरूग्राम में 118, नोएडा में 182, ग्रेटर नोएडा में 196 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 56 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 87, चेन्नई में 69, चंडीगढ़ में 64, हैदराबाद में 62, जयपुर में 117 और पटना में 54 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 88 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अररिया, बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, भिलाई, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, हाजीपुर, हल्दिया, हावेरी, हुबली, जबलपुर, कलबुर्गी, करूर, कारवार, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नासिक, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, परभनी, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, राउरकेला, सहरसा, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, शिवसागर, सोलापुर, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, वाराणसी, वेल्लोर, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बिहार शरीफ, बिलीपाड़ा, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, देहरादून, देवास, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुवाहाटी, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मुंबई, नगांव, नागौर, नांदेड़, नवी मुंबई, पंचगांव, पटियाला, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, रानीपेट, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।