
शहरों के प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। आज जहां हिमाचल प्रदेश के बद्दी की हवा सबसे प्रदूषित रही। वहीं कल प्रदूषण में अव्वल रहे बीकानेर की वायु गुणवत्ता में 170 अंकों का भारी सुधार दर्ज किया गया। बद्दी में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 249 पर पहुंच गया है। इस दौरान वहां की हवा में ओजोन के कण हावी रहे।
दिल्ली की भी कमोबेश ऐसी ही कहानी है, जहां कल से प्रदूषण में 16 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली दूसरे स्थान पर है और वहां की हवा में भी ओजोन की अधिकता दर्ज की गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 05 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से चार उत्तर प्रदेश के हैं, जबकि राजस्थान के तीन शहर भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
रुझानों पर नजर डालें तो प्रदूषण के मामले में नोएडा (182) तीसरे जबकि चंडीगढ़ (177) चौथे स्थान पर है। वहीं 176 अंकों के साथ गाजियाबाद पांचवें और हापुड (166) छठे स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में भरतपुर, बाड़मेर, ग्रेटर नोएडा, और जैसलमेर भी शामिल हैं।
आज देश में जहां चंडीगढ़, गाजियाबाद, हापुड, भरतपुर, मेरठ, राउरकेला, भिवाड़ी, झुंझुनूं, मुजफ्फरनगर में ओजोन हावी रहा। वहीं अहमदाबाद, रानीपेट आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कणों पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक रही। इसी तरह नोएडा, बाड़मेर, ग्रेटर नोएडा, जैसलमेर, गुरूग्राम, पाली, विशाखापत्तनम, उदयपुर, खुर्जा, दौसा, कोटा, भोपाल, डूंगरपुर, जालौर, समस्तीपुर, बीकानेर, पीथमपुर, बुलन्दशहर, जयपुर, नागौर आदि की हवा में पीएम10 की अधिकता दर्ज की गई।
विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के दो शहरों में हवा खराब रही। वहीं कल इन शहरों का चार दर्ज किया गया था। मतलब की कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई, जोकि राहत की खबर है।
देश में अहमदाबाद सहित 46 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बीकानेर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, छपरा, कटक, दौसा, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हापुड, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, करौली, कटनी, खुर्जा, कोटा आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 16 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बद्दी की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा खराब है।
बता दें कि आइजोल की तरह ही आज देश के 40 शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में कोयंबटूर, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, कलबुर्गी, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, लातूर, मैहर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नयागढ़, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, ऋषिकेश, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 136 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।
इनमें बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर आदि शहर शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 16 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि आज देश के जहां करीब 18 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 61 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ देश के 21 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 224 में से 40 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 136 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 04 जून 2025 को यह आंकड़ा 117 दर्ज किया गया था।
46 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बद्दी (249) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल बीकानेर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 289 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 16 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 203 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चंडीगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (203) दूसरे, जबकि नोएडा (182) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 83, गाजियाबाद में 176, गुवाहाटी में 50, गुरूग्राम में 149, नोएडा में 182, ग्रेटर नोएडा में 154 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 79 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 97, चेन्नई में 71, चंडीगढ़ में 177, हैदराबाद में 83, जयपुर में 116 और पटना में 76 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 40 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अकोला, आरा, बागलकोट, बेलापुर, भागलपुर, बिलासपुर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, कलबुर्गी, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, लातूर, मैहर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नयागढ़, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, ऋषिकेश, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, विजयपुरा, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, तुमिडीह, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार आदि 136 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।