बर्नीहाट में बढ़कर आपात स्थिति में पहुंचा प्रदूषण, दिल्ली-फरीदाबाद में भी बिगड़े हालात

दिल्ली में 89 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 365 पर पहुंच गया।
फोटो: आईस्टॉक
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बर्नीहाट में बढ़ता प्रदूषण थमने का नाम ही नही ले रहा। स्थिति यह है कि वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 400 के पार पहुंच गया है। ऐसे में मेघालय के इस शहर की हवाओं में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

कई दिन शांत रहने के बाद दिल्ली में भी प्रदूषण उछाल पर है, जहां 89 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 365 पर पहुंच गया।

हाजीपुर में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जहां एक्यूआई 350 दर्ज किया गया है।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 318 दर्ज किया गया। मुजफ्फरपुर-गुवाहाटी में भी सूचकांक 300 के पार है। प्रदूषित शहरों की लिस्ट में पटना सातवें स्थान पर है। वहीं आसनसोल आठवें, जबकि आरा नौवें स्थान पर रहा। वहीं 285 अंकों के साथ किशनगंज दसवें स्थान पर रहा। देश में बेहद खराब हवा वाले  शहरों की संख्या में कल से 150 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं, जहां कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक में 51 अंकों का उछाल आया है, जिसके साथ ही वहां एक्यूआई 237 पर पहुंच गया। इसके साथ ही फरीदाबाद में भी वायु गुणवत्ता खराब हो गई है। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 40 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

इन शहरों में अहमदनगर, अररिया, आरा, आसनसोल, बागपत, बालासोर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, धनबाद, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हावड़ा, कटिहार, किशनगंज, कोल्लम, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंडीदीप, मेरठ, नगांव, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, पूर्णिया, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सिंगरौली शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में 21 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश में आज चामराजनगर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 39 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट से तुलना करें तो चामराजनगर की हवा 10 गुणा साफ है। चामराजनगर की तरह ही देश के नौ शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कांचीपुरम, मदिकेरी, मैहर, नंदेसरी, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं। कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 36 फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों के मुताबिक देश के 50 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई। इन शहरों में प्रतापगढ़, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी आदि शहर शामिल हैं।

हालांकि संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी कल से 24 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

इसी तरह देश में छोटे बड़े 126 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। 

इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अकोला, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दौसा, देहरादून, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, महाड, मालेगांव, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सीकर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कल से छह फीसदी का इजाफा हुआ है।

कल से देखें तो देश में प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही साफ हवा वाले शहरों की संख्या घटकर चार फीसदी रह गई है। वहीं 74 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक है, जबकि 22 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 231 में से महज 9 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 50 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 28 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 66 दर्ज किया गया।

126 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (412) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 420 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 362 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 89 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज बढ़कर 365 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्तर पर पहुंच गई है।

गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (365) दूसरे, जबकि हाजीपुर (350) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 237, गाजियाबाद में 252, गुरुग्राम में 318, नोएडा में 236, ग्रेटर नोएडा में 228 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 117 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 280, चेन्नई में 135, चंडीगढ़ में 235, हैदराबाद में 93, जयपुर में 120 और पटना में 294 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 9 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, हुबली, कांचीपुरम, मदिकेरी, मैहर, नंदेसरी, तिरुनेलवेली शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, बारां, बरेली, बठिंडा, भिलाई, बिलासपुर, चंद्रपुर, छाल, दमोह, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झांसी, कन्नूर, करौली, करूर, कारवार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोरबा, मंडी गोबिंदगढ़, मैसूर, पालकालाइपेरुर, प्रतापगढ़, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 50 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

बर्नीहाट में बढ़ता प्रदूषण थमने का नाम ही नही ले रहा। स्थिति यह है कि वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 400 के पार पहुंच गया है। ऐसे में मेघालय के इस शहर की हवाओं में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

कई दिन शांत रहने के बाद दिल्ली में भी प्रदूषण उछाल पर है, जहां 89 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 365 पर पहुंच गया।

हाजीपुर में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जहां एक्यूआई 350 दर्ज किया गया है।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 318 दर्ज किया गया। मुजफ्फरपुर-गुवाहाटी में भी सूचकांक 300 के पार है। प्रदूषित शहरों की लिस्ट में पटना सातवें स्थान पर है। वहीं आसनसोल आठवें, जबकि आरा नौवें स्थान पर रहा। वहीं 285 अंकों के साथ किशनगंज दसवें स्थान पर रहा। देश में बेहद खराब हवा वाले  शहरों की संख्या में कल से 150 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं, जहां कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक में 51 अंकों का उछाल आया है, जिसके साथ ही वहां एक्यूआई 237 पर पहुंच गया। इसके साथ ही फरीदाबाद में भी वायु गुणवत्ता खराब हो गई है। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 40 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

इन शहरों में अहमदनगर, अररिया, आरा, आसनसोल, बागपत, बालासोर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, धनबाद, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हावड़ा, कटिहार, किशनगंज, कोल्लम, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंडीदीप, मेरठ, नगांव, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, पूर्णिया, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सिंगरौली शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में 21 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश में आज चामराजनगर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 39 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट से तुलना करें तो चामराजनगर की हवा 10 गुणा साफ है। चामराजनगर की तरह ही देश के नौ शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कांचीपुरम, मदिकेरी, मैहर, नंदेसरी, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं। कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 36 फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों के मुताबिक देश के 50 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई। इन शहरों में प्रतापगढ़, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी आदि शहर शामिल हैं।

हालांकि संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी कल से 24 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

इसी तरह देश में छोटे बड़े 126 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। 

इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अकोला, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दौसा, देहरादून, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, महाड, मालेगांव, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सीकर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कल से छह फीसदी का इजाफा हुआ है।

कल से देखें तो देश में प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही साफ हवा वाले शहरों की संख्या घटकर चार फीसदी रह गई है। वहीं 74 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक है, जबकि 22 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 231 में से महज 9 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 50 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 28 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 66 दर्ज किया गया।

126 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (412) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 420 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 362 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 89 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज बढ़कर 365 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्तर पर पहुंच गई है।

गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (365) दूसरे, जबकि हाजीपुर (350) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 237, गाजियाबाद में 252, गुरुग्राम में 318, नोएडा में 236, ग्रेटर नोएडा में 228 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 117 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 280, चेन्नई में 135, चंडीगढ़ में 235, हैदराबाद में 93, जयपुर में 120 और पटना में 294 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 9 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, हुबली, कांचीपुरम, मदिकेरी, मैहर, नंदेसरी, तिरुनेलवेली शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, बारां, बरेली, बठिंडा, भिलाई, बिलासपुर, चंद्रपुर, छाल, दमोह, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झांसी, कन्नूर, करौली, करूर, कारवार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोरबा, मंडी गोबिंदगढ़, मैसूर, पालकालाइपेरुर, प्रतापगढ़, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 50 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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