दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक

दिल्ली में शुरू हुआ प्रदूषण का आपातकाल, 364 पहुंचा एक्यूआई, आसपास भी बिगड़े हालात

देश में दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा जहरीली है, जहां लोग के लिए सांस लेना तक दुश्वार हो गई है। कुछ ऐसे ही हालात दौसा और गाजियाबाद के भी हैं
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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा। ताजा रुझानों पर नजर डालें तो दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा जहरीली है, जहां कल से प्रदूषण के स्तर में 37 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 364 तक पहुंच गया है।

कहीं न कहीं दिल्ली की हवा इस कदर खराब हो चुकी है कि वो लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना सकती है। इसी तरह दौसा (316) और गाजियाबाद (305) में भी प्रदूषण से स्थिति 'बेहद खराब' है।

इन तीनों शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार है, जिसका मतलब है कि यहां वायु गुणवत्ता जानलेवा स्तर तक पहुंच चुकी है। इसी तरह देश में नोएडा-खुर्जा सहित 32 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के पार पहुंच गया है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के जिन शहरों में हवा दमघोंटू हो चुकी है, उनमें नोएडा, खुर्जा, भिवानी, हापुड, करनाल, मेरठ, बागपत, सोनीपत, हनुमानगढ़, बुलन्दशहर, हाजीपुर, चरखी दादरी, ग्रेटर नोएडा, बल्लभगढ़, गुरूग्राम, कुंजेमुरा, भिवाड़ी, फरीदाबाद, मंडी गोबिंदगढ़, रोहतक, मंडीदीप, बद्दी, मानेसर, कुरूक्षेत्र, हिसार, सिंगरौली, चंडीगढ़, अमृतसर, बीकानेर, करौली, धारूहेड़ा, लुधियाना, श्रीगंगानगर, टोंक शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में इन 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 21 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

बता दें कि इन शहरों फरीदाबाद भी शामिल है, जहां कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक में 76 अंकों का भारी उछाल आया है। इसके बाद फरीदाबाद में एक्यूआई बढ़कर 238 तक पहुंच गया। मतलब की फरीदाबाद में भी प्रदूषण के चलते हवा 'खराब' हो चली है।

वहीं दूसरी तरफ देश के 42 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहतर' बना हुआ है। इन शहरों में पालकलाईपेरुर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 19 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि दिल्ली की तुलना पालकलाईपेरुर से करें तो वहां स्थिति 19 गुणा ज्यादा खराब है।

गौरतलब है कि देश में पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम, सांगली, शिवमोगा, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तुमकुरु, उडुपी, वेल्लोर आदि शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 80 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, झालावाड़, झांसी, कल्याण, कटिहार, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लातूर, महाड, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, नाहरलगुन, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों में भी 13 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है। जहां 13 फीसदी से ज्यादा के उछाल के साथ इन शहरों की संख्या बढ़कर 93 पर पहुंच गई।

बता दें कि देश में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अम्बाला, अमरावती, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बारां, बारबिल, भरतपुर, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दमोह, देहरादून, देवास, धौलपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नारनौल, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरसा, सिवान, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, उदयपुर, उज्जैन, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है। 

कुल मिलकर देखें तो कल से देश की हवा कहीं ज्यादा जहरीली हुई है। यही वजह है कि देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या गिरकर करीब 17 फीसदी रह गई है। वहीं दूसरी तरफ देश में करीब 52 फीसदी शहरों में बढ़ते प्रदूषण से हालात चिंताजनक हो गए है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 23 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 252 में से 42 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 80 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 22 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 92 दर्ज किया गया था। 93 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (364) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया है। इसी तरह दौसा (316) और गाजियाबाद (305) में भी स्थिति जानलेवा बनी हुई है। गौरतलब है कि कल भी दिल्ली में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जहां आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 37 अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 364 तक पहुंच गया है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 238, गाजियाबाद में 305, गुरुग्राम में 247, नोएडा में 300, ग्रेटर नोएडा में 254 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 71 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 198, चेन्नई में 69, चंडीगढ़ में 215, हैदराबाद में 69, जयपुर में 162 और पटना में 170 दर्ज किया गया।

इन शहरों की सबसे साफ रही हवा

देश के जिन 42 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, डिंडीगुल, गंगटोक, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, करूर, कोल्लम, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम, सांगली, शिवमोगा, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तुमकुरु, उडुपी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चेन्नई, छाल, छपरा, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, झालावाड़, झांसी, कल्याण, कटिहार, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लातूर, महाड, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, नाहरलगुन, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सोलापुर, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरार आदि 80 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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