नंदेसरी में मानकों से 1,400 फीसदी अधिक प्रदूषण, साफ हवा वाले शहरों में 20 फीसदी की गिरावट

दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 10 दर्ज किया गया
प्रतीकात्मक तस्वीर: विकास चौधरी/सीएसई
प्रतीकात्मक तस्वीर: विकास चौधरी/सीएसई
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देश में आज एक बार फिर नंदेसरी की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो वहां प्रदूषण का स्तर 1,460 फीसदी अधिक है।

हालांकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 07 जुलाई 2025 को जारी रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि कल से नंदेसरी के प्रदूषण में 17 अंकों की गिरावट आई है। इसके बावजूद वहां वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इस दौरान नंदेसरी की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी थे।

दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 10 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 22 गुणा खराब है।

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 49 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 46 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ चार फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

आंकड़ों के मुताबिक प्रदूषण के मामले में खुर्जा (135) दूसरे, जबकि नोएडा (118) तीसरे स्थान पर है। इंफाल में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 110 अंकों के साथ आज चौथे पायदान पर है। इसी तरह देश में बद्दी (109), विशाखापत्तनम (105), गुरूग्राम (104), वापी (102), लुधियाना (101) आदि शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

देश में आज जहां नोएडा, गुरूग्राम आदि शहरों की हवा में ओजोन हावी है। वहीं खुर्जा, बद्दी, विशाखापत्तनम, वापी आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है।

रुझानों से यह भी पता चला है कि देश में शिलांग सहित 99 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में हापुड, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, करौली, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 20 फीसदी की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही देश के 92 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

इन शहरों में चंद्रपुर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चुरू, कटक, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, खन्ना, कोरबा, कोटा, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर आदि शामिल है।

राहत की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 18 फीसदी का इजाफा हुआ है।

देश में इंफाल सहित आठ शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, गुरूग्राम, खुर्जा, लुधियाना, नोएडा, वापी, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 60 फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 201 में से 99 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 93 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 06 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 79 दर्ज किया गया था।

8 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (234) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 251 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 10 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 85 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज इंफाल चौथे स्थान पर है, वहीं खुर्जा (135) दूसरे, जबकि नोएडा (118) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 55, गाजियाबाद में 75, गुवाहाटी में 68, गुरूग्राम में 104, नोएडा में 118, ग्रेटर नोएडा में 98 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 62, चेन्नई में 64, चंडीगढ़ में 75, हैदराबाद में 64, जयपुर में 63 और पटना में 58 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 99 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भोपाल, बिलासपुर, बोईसर, बक्सर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, देहरादून, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, करौली, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, राउरकेला, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, बदलापुर, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, बर्निहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चुरू, कटक, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, खन्ना, कोरबा, कोटा, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, पाली, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रतलाम, सागर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सोलापुर, श्री गंगानगर, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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