दिल्ली में एक बार फिर 'गंभीर' हुआ प्रदूषण, 400 के पार पहुंचा एक्यूआई

ताजा रुझानों के मुताबिक देश में बाड़मेर सहित 317 शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक
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दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गया है, जहां आज एक्यूआई 409 रिकॉर्ड किया गया। कल से देश में प्रदूषण के स्तर 39 अंकों का उछाल आया है। मतलब की दिल्ली वालों को अभी प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही। 

देखा जाए तो आज देश में दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा जहरीली रही, वहीं कल रोहतक में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहा, जो 427 रिकॉर्ड किया गया था।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश में बाड़मेर सहित 317 शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है।

देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब है, उनमें बर्नीहाट, चरखी दादरी, चुरू, गाजियाबाद, गुरूग्राम, हाजीपुर, जैसलमेर, जालौर, नोएडा, पाली, रोहतक, उदयपुर, वापी शामिल हैं।

राहत की बात यह रही कि देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी की गिरावट आई है।

इसी तरह देश में अगरतला सहित 37 शहरों में प्रदूषण से वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बेगूसराय, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, बोईसर, बूंदी, चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, जोधपुर, कटिहार, खुर्जा, कोटा, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, नागौर, पटना, प्रतापगढ़, पूर्णिया, सहरसा, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, श्रीगंगानगर, टोंक, तुमकुरु शामिल हैं।

कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में भी 35 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

बता दें कि दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी आज वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' दर्ज किया गया है, जहां 50 अंकों के भारी उछाल के साथ सूचकांक 244 तक पहुंच गया है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई महज 15 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि दिल्ली की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 27 गुणा ज्यादा खराब है। आइजोल की तरह ही देश के 30 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर साफ बना हुआ है।

इन शहरों में चेन्नई, कटक, गडग, कडपा, क्योंझर, कोल्हापुर, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नागपट्टिनम, पुदुचेरी, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 41 फीसदी का इजाफा हुआ है।

अहमदनगर सहित देश के 67 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया। इन शहरों में धारवाड़, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, काशीपुर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, मैहर, मंगलौर शामिल थे।

हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब डेढ़ फीसदी की गिरावट आई है।

इसी तरह देश में 81 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बैरकपुर, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बुलन्दशहर, चंद्रपुर, कुड्डालोर, दमोह, दौसा, देहरादून, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हापुड, हावड़ा, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, झालावाड़, कल्याण, कानपुर, कटनी, किशनगंज, कोरबा, लातूर, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पंचकुला, परभनी, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, रायचुर, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, ठाणे, उल्हासनगर, वातवा, विरार शामिल हैं।

कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 14 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर कहें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जिसके बाद देश में 13 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा साफ दर्ज की गई। वहीं करीब 58 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक बने हुए है। इसी तरह देश के 29 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 22 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 231 में से महज 31 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 67 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 20 दिसंबर को यह आंकड़ा 68 दर्ज किया गया था।81 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (409) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 420 के करीब पहुंच गया। वहीं कल रोहतक में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 427 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 39 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज एक बार फिर ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गया।

गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। दिल्ली में आज पांचवें दिन वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया है।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज जैसलमेर चौथे स्थान पर है, वहीं रोहतक (396) दूसरे, जबकि बर्नीहाट (383) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 244, गाजियाबाद में 322, गुरुग्राम में 338, नोएडा में 311, ग्रेटर नोएडा में 278 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 178 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 201, चेन्नई में 41, चंडीगढ़ में 282, हैदराबाद में 98, जयपुर में 186 और पटना में 244 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 31 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, बालासोर, बारीपदा, बेलगाम, भुवनेश्वर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चेन्नई, कटक, गडग, कडपा, क्योंझर, कोल्हापुर, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नागपट्टिनम, पुदुचेरी, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, सुआकाती, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अनंतपुर, अंगुल, बारबिल, बरेली, बेंगलुरु, भिलाई, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बक्सर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, दावनगेरे, धारवाड़, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, काशीपुर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, रायपुर, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सिवान, सूरत, तालचेर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुपुर, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 67 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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