प्रदूषण का बदला ग्राफ, साफ हवा वाले शहरों में हुआ 161 फीसदी का इजाफा

देश में साफ हवा वाले शहरों का आंकड़ा छह से बढ़कर 14 फीसदी पर पहुंच गया है। हालांकि 53 फीसदी शहरों में हालात अभी भी चिंताजनक हैं
प्रदूषण का बदला ग्राफ, साफ हवा वाले शहरों में हुआ 161 फीसदी का इजाफा
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देश में एक बार फिर हवा बदल रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 03 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक कल (02 अप्रैल) से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 161 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती बढ़कर 14 फीसदी पर पहुंच गई है।

हालांकि अभी भी देश के 52 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति चिंताजनक है।

रुझानों पर नजर डालें तो देश में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 16 रिकॉर्ड किया गया है। दूसरी तरफ एक बार फिर मेघालय के बर्नीहाट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 268 रिकॉर्ड किया गया। हालांकि कल से वहां एक्यूआई में 37 अंकों का सुधार आया है। इसके बावजूद बर्नीहाट की हवा पालकालाइपेरुर की तुलना में 16 गुणा खराब है।

इसी तरह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो स्थिति प्रदूषण का स्तर 17 गुणा अधिक है। मतलब की हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 258 रिकॉर्ड किया गया। ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 256 अंकों के साथ आज तीसरे स्थान पर है। वहीं बागपत (240) चौथे, जबकि वातवा (231) सबसे प्रदूषित शहरों में पांचवें पायदान पर है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है और वहां एक्यूआई अभी भी 217 पर बना हुआ है। बता दे कि दिल्ली प्रदूषण के मामले में छठे स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में चित्तौड़गढ़ (213), सासाराम (207), अहमदाबाद (206) और सिवान (204) भी शामिल हैं। इन सभी में हवा खराब बनी हुई है।

आंकड़ों की मानें तो देश के जहां दस शहरों में हवा 'खराब' है। इन शहरों की गिनती में कल से नौ फीसदी की गिरावट आई है।

देश में पालकालाइपेरुर की तरह ही 33 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वेल्लोर आदि शामिल हैं। राहत की बात है कि कल से इन शहरों की गिनती में 161 फीसदी का इजाफा हुआ है।

अजमेर सहित देश के 88 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, लातूर, मदुरै, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नाहरलगुन, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, रायपुर आदि शामिल हैं।

हालांकि कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि सरकार ने आज फरीदाबाद से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

रुझानों के मुताबिक आगरा सहित देश के छोटे बड़े 104 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में भोपाल, बीकानेर, बोईसर, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तूर, चुरू, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, खुर्जा, कोहिमा, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुंगेर शामिल हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 236 में से महज 34 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 88 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 02 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 90 दर्ज किया गया।

104 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (268) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 280 के करीब पहुंच गया। कल भी बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 305 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी 217 पर बना हुआ है।

गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बागपत चौथे स्थान पर है, वहीं गाजियाबाद (258) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (256) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो गंगटोक में इंडेक्स 151, गाजियाबाद में 258, गुवाहाटी में 163, नोएडा में 131, ग्रेटर नोएडा में 256 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 99 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 164, चेन्नई में 50, चंडीगढ़ में 117, हैदराबाद में 79, जयपुर में 117 और पटना में 176 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 34 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, चामराजनगर, चेन्नई, कुड्डालोर, दमोह, हल्दिया, हुबली, करूर, कोल्हापुर, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वेल्लोर, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, लातूर, मदुरै, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नाहरलगुन, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सतना, शिलांग, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपति, उज्जैन, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, वृंदावन, यादगीर आदि 88 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

देश में एक बार फिर हवा बदल रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 03 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक कल (02 अप्रैल) से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 161 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती बढ़कर 14 फीसदी पर पहुंच गई है।

हालांकि अभी भी देश के 52 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति चिंताजनक है।

रुझानों पर नजर डालें तो देश में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 16 रिकॉर्ड किया गया है। दूसरी तरफ एक बार फिर मेघालय के बर्नीहाट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 268 रिकॉर्ड किया गया। हालांकि कल से वहां एक्यूआई में 37 अंकों का सुधार आया है। इसके बावजूद बर्नीहाट की हवा पालकालाइपेरुर की तुलना में 16 गुणा खराब है।

इसी तरह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो स्थिति प्रदूषण का स्तर 17 गुणा अधिक है। मतलब की हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 258 रिकॉर्ड किया गया। ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 256 अंकों के साथ आज तीसरे स्थान पर है। वहीं बागपत (240) चौथे, जबकि वातवा (231) सबसे प्रदूषित शहरों में पांचवें पायदान पर है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है और वहां एक्यूआई अभी भी 217 पर बना हुआ है। बता दे कि दिल्ली प्रदूषण के मामले में छठे स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में चित्तौड़गढ़ (213), सासाराम (207), अहमदाबाद (206) और सिवान (204) भी शामिल हैं। इन सभी में हवा खराब बनी हुई है।

आंकड़ों की मानें तो देश के जहां दस शहरों में हवा 'खराब' है। इन शहरों की गिनती में कल से नौ फीसदी की गिरावट आई है।

देश में पालकालाइपेरुर की तरह ही 33 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वेल्लोर आदि शामिल हैं। राहत की बात है कि कल से इन शहरों की गिनती में 161 फीसदी का इजाफा हुआ है।

अजमेर सहित देश के 88 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, लातूर, मदुरै, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नाहरलगुन, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, रायपुर आदि शामिल हैं।

हालांकि कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि सरकार ने आज फरीदाबाद से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

रुझानों के मुताबिक आगरा सहित देश के छोटे बड़े 104 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में भोपाल, बीकानेर, बोईसर, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तूर, चुरू, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, खुर्जा, कोहिमा, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुंगेर शामिल हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 236 में से महज 34 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 88 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 02 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 90 दर्ज किया गया।

104 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (268) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 280 के करीब पहुंच गया। कल भी बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 305 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी 217 पर बना हुआ है।

गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बागपत चौथे स्थान पर है, वहीं गाजियाबाद (258) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (256) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो गंगटोक में इंडेक्स 151, गाजियाबाद में 258, गुवाहाटी में 163, नोएडा में 131, ग्रेटर नोएडा में 256 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 99 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 164, चेन्नई में 50, चंडीगढ़ में 117, हैदराबाद में 79, जयपुर में 117 और पटना में 176 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 34 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, चामराजनगर, चेन्नई, कुड्डालोर, दमोह, हल्दिया, हुबली, करूर, कोल्हापुर, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वेल्लोर, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, लातूर, मदुरै, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नाहरलगुन, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सतना, शिलांग, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपति, उज्जैन, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, वृंदावन, यादगीर आदि 88 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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