
देश में प्रदूषण के समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। सात फरवरी 2025 को एक तरफ जहां दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण में गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ मुंबई में प्रदूषण के स्तर में इजाफा दर्ज किया गया है।
हालांकि बर्नीहाट अभी भी प्रदूषण के मामले में अव्वल बना हुआ है, जहां एक्यूआई 325 रिकॉर्ड किया गया। वहीं कुंजेमुरा दूसरे पायदान पर है, जहां एक्यूआई 255 रिकॉर्ड किया गया है।
इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में सिलीगुड़ी तीसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 237 रिकॉर्ड किया गया है। चरखी दादरी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 233 रिकॉर्ड किया गया है। हनुमानगढ़ प्रदूषण के मामले में आज पांचवे स्थान पर रहा, जहां सूचकांक 217 दर्ज किया गया है। वहीं गंगटोक छठे (215), जबकि गुम्मिडिपूंडी (212) सातवें स्थान पर बना हुआ है।
इसी तरह जहां नगांव (209) प्रदूषण के मामले में आठवें, जबकि अंगुल (207) नौवें स्थान पर है। गुवाहाटी में भी स्थिति 'खराब' बनी हुई है, जो 204 अंकों के साथ आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है।
देश में तालचेर की हवा भी खराब बनी हुई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 201 रिकॉर्ड किया गया है। इस तरह देश के दस शहरों में हवा 'खराब' बनी हुई है। राहत की बात यह रही कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 31 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना तिरुनेलवेली से करें तो वहां स्थिति दस गुणा ज्यादा खराब है।
तिरुनेलवेली की तरह ही देश के 13 शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में झांसी, कन्नूर, कोलार, मदिकेरी, मैहर, प्रयागराज, तिरुनेलवेली, वाराणसी आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
ताजा रुझानों के मुताबिक अजमेर सहित देश के 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
इन शहरों में ब्रजराजनगर, बूंदी, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर आदि शामिल हैं।
राहत की बात यह रही कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 31 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में अच्छा-खासी गिरावट आई है। दिल्ली में 54 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 156 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी शहर फरीदाबाद में छह अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 139 पर पहुंच गया है। हालांकि इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है।
दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 94 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, दिल्ली, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गोरखपुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जालंधर, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, काशीपुर, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राउरकेला, रूपनगर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी की गिरावट आई है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां करीब छह फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 45 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह देश के 49 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 07 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 232 में से महज 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 06 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 87 दर्ज किया गया।
94 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (325) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 298 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 54 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज गिरकर 156 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ स्तर पर पहुंच गई है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चरखी दादरी चौथे स्थान पर है, वहीं कुंजेमुरा (255) दूसरे, जबकि सिलीगुड़ी (237) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 139, गाजियाबाद में 92, गुरुग्राम में 106, नोएडा में 96, ग्रेटर नोएडा में 98 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 166 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 115, चेन्नई में 122, चंडीगढ़ में 101, हैदराबाद में 95, जयपुर में 123 और पटना में 130 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बरेली, बिलासपुर, गडग, हुबली, झांसी, कन्नूर, कोलार, मदिकेरी, मैहर, प्रयागराज, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बिहार शरीफ, ब्रजराजनगर, बूंदी, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, करूर, कारवार, कटिहार, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नोएडा, ऊटी, परभनी, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तुमिडीह, उडुपी, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
देश में प्रदूषण के समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। सात फरवरी 2025 को एक तरफ जहां दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण में गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ मुंबई में प्रदूषण के स्तर में इजाफा दर्ज किया गया है।
हालांकि बर्नीहाट अभी भी प्रदूषण के मामले में अव्वल बना हुआ है, जहां एक्यूआई 325 रिकॉर्ड किया गया। वहीं कुंजेमुरा दूसरे पायदान पर है, जहां एक्यूआई 255 रिकॉर्ड किया गया है।
इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में सिलीगुड़ी तीसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 237 रिकॉर्ड किया गया है। चरखी दादरी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 233 रिकॉर्ड किया गया है। हनुमानगढ़ प्रदूषण के मामले में आज पांचवे स्थान पर रहा, जहां सूचकांक 217 दर्ज किया गया है। वहीं गंगटोक छठे (215), जबकि गुम्मिडिपूंडी (212) सातवें स्थान पर बना हुआ है।
इसी तरह जहां नगांव (209) प्रदूषण के मामले में आठवें, जबकि अंगुल (207) नौवें स्थान पर है। गुवाहाटी में भी स्थिति 'खराब' बनी हुई है, जो 204 अंकों के साथ आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है।
देश में तालचेर की हवा भी खराब बनी हुई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 201 रिकॉर्ड किया गया है। इस तरह देश के दस शहरों में हवा 'खराब' बनी हुई है। राहत की बात यह रही कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 31 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना तिरुनेलवेली से करें तो वहां स्थिति दस गुणा ज्यादा खराब है।
तिरुनेलवेली की तरह ही देश के 13 शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में झांसी, कन्नूर, कोलार, मदिकेरी, मैहर, प्रयागराज, तिरुनेलवेली, वाराणसी आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
ताजा रुझानों के मुताबिक अजमेर सहित देश के 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
इन शहरों में ब्रजराजनगर, बूंदी, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर आदि शामिल हैं।
राहत की बात यह रही कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 31 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में अच्छा-खासी गिरावट आई है। दिल्ली में 54 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 156 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी शहर फरीदाबाद में छह अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 139 पर पहुंच गया है। हालांकि इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है।
दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 94 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, दिल्ली, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गोरखपुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जालंधर, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, काशीपुर, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राउरकेला, रूपनगर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी की गिरावट आई है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां करीब छह फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 45 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह देश के 49 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 07 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 232 में से महज 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 06 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 87 दर्ज किया गया।
94 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (325) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 298 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 54 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज गिरकर 156 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ स्तर पर पहुंच गई है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चरखी दादरी चौथे स्थान पर है, वहीं कुंजेमुरा (255) दूसरे, जबकि सिलीगुड़ी (237) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 139, गाजियाबाद में 92, गुरुग्राम में 106, नोएडा में 96, ग्रेटर नोएडा में 98 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 166 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 115, चेन्नई में 122, चंडीगढ़ में 101, हैदराबाद में 95, जयपुर में 123 और पटना में 130 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बरेली, बिलासपुर, गडग, हुबली, झांसी, कन्नूर, कोलार, मदिकेरी, मैहर, प्रयागराज, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बिहार शरीफ, ब्रजराजनगर, बूंदी, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, करूर, कारवार, कटिहार, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नोएडा, ऊटी, परभनी, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तुमिडीह, उडुपी, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।