प्रदूषण में गिरावट: दिल्ली ने दर्ज किया साल का सबसे साफ दिन, 51 पर पहुंचा एक्यूआई

आज एक बार फिर देश में सूरत की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 175 दर्ज किया गया। हालांकि कल से इसमें 65 अंकों की गिरावट जरूर आई है
प्रदूषण में गिरावट: दिल्ली ने दर्ज किया साल का सबसे साफ दिन, 51 पर पहुंचा एक्यूआई
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राजधानी दिल्ली के लिए साल 2025 में आज का दिन सबसे साफ रहा। जब प्रदूषण में गिरावट के चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) घटकर 51 पर आ गया। कल की तुलना में दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में आठ अंकों की गिरावट आई है।

वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 15 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक आज देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 15 दर्ज किया गया है। रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के करीब 59 फीसदी शहरों की हवा साफ है। वहीं 37 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के पांच फीसदी से भी कम शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

आंकड़ों के मुताबिक आज एक बार फिर देश में सूरत की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 175 दर्ज किया गया। हालांकि कल से सूरत की वायु गुणवत्ता में 65 अंकों का सुधार आया है। बता दें कि कल सूरत में एक्यूआई 240 रिकॉर्ड किया गया था। इसके साथ ही आज देश में एक भी शहर ऐसा नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' दर्ज किया गया हो।

हालांकि अभी भी आइजोल से तुलना करें तो सूरत में वायु गुणवत्ता करीब 11 गुणा खराब है। इसी तरह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों के लिहाज से सूरत में प्रदूषण का स्तर 1067 फीसदी अधिक है।

प्रदूषण के मामले में आज देश में ब्रजराजनगर (156) दूसरे, जबकि कोयंबटूर (135) तीसरे स्थान पर है। 132 अंकों के साथ विशाखापत्तनम चौथे जबकि रूपनगर (116) पांचवें पायदान पर है। गुम्मिडिपूंडी और इंफाल में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 111 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में जैसलमेर, कोरबा, और बर्नीहाट भी शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में विशाखापत्तनम, रूपनगर, गुम्मिडिपूंडी, जैसलमेर, कोरबा आदि शहरों की हवा में पीएम10 हावी है। वहीं ब्रजराजनगर में ओजोन से जबकि सूरत, बर्नीहाट आदि शहरों में पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

आज आइजोल की तरह ही छोटे बड़े 128 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में चुरू, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हुबली, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मालेगांव आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है।

दिल्ली सहित देश के 80 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में जयपुर, जालौर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नगांव, नाहरलगुन, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, सीकर आदि शामिल हैं। साफ हवा वाले शहरों की तरह ही आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ आज देश के दस शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में ब्रजराजनगर, बर्नीहाट, कोयंबटूर, गुम्मिडिपूंडी, इंफाल, जैसलमेर, कोरबा, रूपनगर, सूरत, विशाखापत्तनम शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी 66 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 218 में से 128 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 80 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 14 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 79 दर्ज किया गया था।

10 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में सूरत (175) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 180 के करीब पहुंच गया। कल सूरत में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 240 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 8 अंकों का सुधार आया है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 51 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज विशाखापत्तनम चौथे स्थान पर है, वहीं ब्रजराजनगर (156) दूसरे, जबकि कोयंबटूर (135) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 41, गाजियाबाद में 41, गुवाहाटी में 35, हापुड में 36, नोएडा में 48, ग्रेटर नोएडा में 56 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 40 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 60, चेन्नई में 75, चंडीगढ़ में 49, हैदराबाद में 63, जयपुर में 69 और पटना में 78 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 128 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, आइजोल, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागलकोट, बागपत, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भोपाल, बीदर, बिलासपुर, बुलन्दशहर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हुबली, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मालेगांव, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, हाजीपुर, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जालौर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नगांव, नाहरलगुन, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, सीकर, सिंगरौली, सुआकाती, थूथुकुडी, तिरुपति, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा आदि 80 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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