स्वतंत्रता दिवस पर खुशखबरी: देश में घटा प्रदूषण, 5 फीसदी बढ़े साफ हवा वाले शहर

आज स्वतंत्रता दिवस के दिन देश के जहां 59 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं महज तीन फीसदी में स्थिति चिंताजनक दर्ज की गई है
फोटो: आईस्टॉक
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देश में आज गुरूग्राम की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 185 दर्ज किया गया। हरियाणा के इस शहर की हवा में इस दौरान ओजोन के महीन कण हावी रहे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मानकों के लिहाज से देखें तो गुरूग्राम में प्रदूषण का स्तर 200 फीसदी अधिक है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों की बीमार बना देने के लिए काफी है।

गौरतलब है कि कल प्रदूषण से बिहार के औरंगाबाद की स्थिति सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 273 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 118 अंकों के सुधार के साथ वहां प्रदूषण का स्तर घटकर मध्यम श्रेणी में पहुंच गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 15 अगस्त को जारी आंकड़ों से पता चला है कि देश के जहां 59 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 38 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 3.5 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि प्रदूषण के मामले में आज कटक दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 174 रिकॉर्ड किया गया है। कटक में वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 2,385 फीसदी अधिक है।

औरंगाबाद (बिहार) में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 155 अंकों के साथ आज तीसरे स्थान पर है। इसी तरह छपरा और जालौर चौथे और पांचवें स्थान पर हैं, जहां एक्यूआई 114 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के सबसे प्रदूषित शहरों में एलूर (112), बक्सर (108) और गुम्मिडिपूंडी (104) शामिल हैं।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 13 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई घटकर 77 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 8 दर्ज किया गया। ऐसे में गुरूग्राम की तुलना यदि शिलांग से करें तो वहां स्थिति 22 गुणा खराब है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज शिलांग सहित देश के 135 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में बेगूसराय, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हावेरी, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसी तरह आज देश के छोटे-बड़े 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। इन शहरों में देहरादून, देवास, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावेरी, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करूर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। 

आंकड़ों से यह भी पता चला है कि देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में गुरूग्राम, कटक, औरंगाबाद (बिहार), छपरा, जालौर, एलूर, बक्सर, गुम्मिडिपूंडी शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 27 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 229 में से 135 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 14 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 87 दर्ज किया गया था।

8 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (185) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया। कल औरंगाबाद (बिहार) में वायु गुणवत्ता सूचकांक 273 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 13 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 77 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज भी संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।    

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज छपरा चौथे स्थान पर है, वहीं कटक (174) दूसरे, जबकि औरंगाबाद (बिहार) (155) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 46, गाजियाबाद में 74, गुवाहाटी में 54, गुरूग्राम में 185, नोएडा में 68, ग्रेटर नोएडा में 100 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 36 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 58, चेन्नई में 84, चंडीगढ़ में 44, हैदराबाद में 55, जयपुर में 59 और पटना में 60 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 135 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अररिया, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बारां, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हावेरी, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करूर, काशीपुर, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मुंबई, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पटना, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर शामिल हैं।

वहीं अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बारां, बारबिल, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, चामराजनगर, चंडीगढ़, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावेरी, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करूर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर आदि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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