प्रदूषण में गिरावट जारी, 14 फीसदी शहरों में बह रही साफ हवा, 43 फीसदी में स्थिति संतोषजनक

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देश में कल से प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, ज्यादातर शहरों में स्थिति में सुधार आया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक सभी शहरों में थूथुकुडी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 23 रिकॉर्ड किया गया।

इसी तरह 31 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में काशीपुर, मदिकेरी, मुरादाबाद, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सलेम, शिवसागर, तंजावुर आदि शामिल हैं।

वहीं कल (01 मार्च 2025) से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ राजस्थान के धौलपुर में स्थिति सबसे खराब है, जहां एक्यूआई 213 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि धौलपुर की तुलना थूथुकुडी से करें तो वहां स्थिति नौ गुणा ज्यादा खराब है। धौलपुर की तरह ही देश के तीन अन्य शहरों में हवा खराब बनी हुई है।

इन शहरों में बिहारशरीफ, मंडीदीप, तालचेर शामिल हैं, जहां एक्यूआई 200 के ऊपर है। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 50 फीसदी की गिरावट आई है।

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में मामूली गिरावट आई है, दूसरी तरफ फरीदाबाद में प्रदूषण में चार अंकों का इजाफा हुआ है। हालांकि जहां दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं फरीदाबाद में स्थिति अभी भी 82 अंकों के साथ वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। 

फरीदाबाद की तरह ही देश के 96 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति सन्तोषजनक है।

इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, कन्नूर, कानपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मैसूर, ऊटी, पटियाला, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिवान, सोलापुर, सूरत आदि शहर शामिल हैं।

कल से तुलना करे तो इन शहरों की गिनती में करीब 16 फीसदी का  इजाफा हुआ है।

कुल मिलकार देखें तो देश के जहां 14 फीसदी शहरों में हवा साफ बनी हुई है। वहीं करीब 43 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ 43 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 15 फीसदी की गिरावट आई है। खराब और मध्यम श्रेणी के शहरों में आई गिरावट इस बात का सबूत है कि देश में वायु गुणवत्ता में सुधार आ रहा है।

देश के जिन 93 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है, उनमें गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जालौर, जोधपुर, कल्याण, करौली, कटनी, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक आदि शामिल हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 226 में से महज 32 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 01 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 84 दर्ज किया गया।

93 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में धौलपुर (213) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 288 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आई है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर एक अंक की गिरावट के साथ 125 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी ‘मध्यम’ श्रेणी में बना हुआ है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज तालचेर चौथे स्थान पर है, वहीं बिहारशरीफ (211) दूसरे, जबकि मंडीदीप (203) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 82, गाजियाबाद में 167, गुरुग्राम में 95, नोएडा में 102, ग्रेटर नोएडा में 102 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 109 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 96, चेन्नई में 46, चंडीगढ़ में 88, हैदराबाद में 82, जयपुर में 115 और पटना में 145 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 32 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती, सहरसा, बठिंडा, चेन्नई, कोयंबटूर, फिरोजाबाद, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, काशीपुर, मदिकेरी, मुरादाबाद, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सलेम, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, विरुधुनगर शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अररिया, अरियालूर, भोपाल, खुर्जा, राजगीर, सासाराम, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चित्तूर, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, फरीदाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, कन्नूर, कानपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मैसूर, ऊटी, पटियाला, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिवान, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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