

धारूहेड़ा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 434 पर पहुंच गया है, जो गंभीर स्थिति को दर्शाता है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 2,790 फीसदी अधिक है।
उत्तर प्रदेश के पांच शहर देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
वहीं, शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 12 है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 366 पर पहुंच गया।
दिल्ली में हालात अभी भी बेहद खराब है, वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 2,340 फीसदी अधिक प्रदूषित है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में मेरठ (381) दूसरे जबकि भिवाड़ी (376) तीसरे स्थान पर है।
इसी तरह 366 अंकों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर है।
गुरूग्राम-गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 357 और 351 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में आज प्रदूषण के मामले में धारूहेड़ा अव्वल है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 434 पर पहुंच गया है। मतलब की आज वहां वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्थिति में पहुंच गई है। वहीं कल सरकारी आंकड़ों में धारूहेड़ा का जिक्र नहीं था।
रुझानों से पता चला है कि आज वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
धारूहेड़ा में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,790 फीसदी अधिक है। दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर धारूहेड़ा की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 35 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 नवंबर, 2025 को 254 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 30 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 33 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 37 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती 13 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस है। वहीं दूसरी तरफ सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में 13 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। वहीं मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 65.6 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। दूसरी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी 70 फीसदी का उछाल आया है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 366 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में हालात अभी भी बेहद खराब है कि वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 2,340 फीसदी अधिक प्रदूषित है।
आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में मेरठ (381) दूसरे जबकि भिवाड़ी (376) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 366 अंकों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर है। गुरूग्राम-गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 357 और 351 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बुलन्दशहर (348) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज करनाल (348), नोएडा (348) और हापुड (346) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के पांच शहर (मेरठ, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, नोएडा, हापुड़) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां धारूहेड़ा, मेरठ, भिवाड़ी, दिल्ली, गुरूग्राम, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, करनाल, नोएडा, हापुड, कुरूक्षेत्र, बागपत, कैथल, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, काशीपुर, यमुनानगर, बल्लभगढ़, जींद, बहादुरगढ़, पंचकुला, खन्ना, फतेहाबाद, मानेसर, चरखी दादरी, पानीपत, बद्दी, पटियाला, सोनीपत, भिवानी, सीकर, झुंझुनूं, चंडीगढ़, नागौर, मुरादाबाद, नारनौल, फरीदाबाद, मंडीदीप, कटनी, जोधपुर, लुधियाना, पीथमपुर, चुरू, जालंधर, ग्वालियर, इंदौर, धौलपुर, आगरा, जयपुर, बरेली, मांडीखेड़ा, पाली, देवास, रूपनगर, लखनऊ, अमृतसर, पलवल, भोपाल, देहरादून, बठिंडा, कोटा, कानपुर, गुम्मिडिपूंडी, ऋषिकेश, बेगूसराय, झालावाड़ आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।
वहीं मंडी गोबिंदगढ़, खुर्जा, दौसा, वृंदावन, बीकानेर, हिसार, जालौर, टोंक, बाड़मेर, रतलाम, जैसलमेर, भीलवाड़ा, पंचगांव, भरतपुर, उदयपुर, बालासोर, हनुमानगढ़, सवाई माधोपुर, अजमेर, अलवर, प्रयागराज, चित्तौड़गढ़ आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 29.9 फीसदी यानी 76 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, होसुर, झांसी, कल्याण, करूर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायरंगपुर, रामनाथपुरम आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें चेन्नई, छाल, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गोरखपुर, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, जलना, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, करौली, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंबई, नागपुर, नमक्कल, ऊटी, पटना, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायपुर आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 53 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अजमेर, अलवर, अमृतसर, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, चुरू, देहरादून, देवास, धनबाद, धौलपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हिसार, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कानपुर, कटनी, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मांडीखेड़ा, पाली, पलवल, पंचगांव, पीथमपुर, प्रयागराज, रतलाम, ऋषिकेश, रूपनगर, सवाई माधोपुर, सिवान, श्री गंगानगर, तालचेर, टोंक, उदयपुर, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 66 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 23 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में बद्दी, भिवानी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, दौसा, फरीदाबाद, फतेहाबाद, झुंझुनूं, मंडीदीप, मानेसर, मुरादाबाद, नागौर, नारनौल, पानीपत, पटियाला, सीकर, सोनीपत शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।
इसी तरह आज देश के 17 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हापुड, जींद, कैथल, करनाल, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कुरूक्षेत्र, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पंचकुला, यमुनानगर शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में ‘बेहद खराब’ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 70 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि बेहद चिंता का विषय है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 254 में से 76 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 84 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 01 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 97 दर्ज किया गया था।
53 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज धारूहेड़ा (434) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 450 के करीब पहुंच गया। हालांकि कल सरकार ने धारूहेड़ा में वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए थे। कल रोहतक में वायु गुणवत्ता सूचकांक 389 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 63 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 366 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर से बेहद खराब श्रेणी में है। वहीं आज फरीदाबाद में प्रदूषण का स्तर 215 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 19 अंकों का इजाफा हुआ है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं मेरठ (381) दूसरे, जबकि भिवाड़ी (376) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 175, गाजियाबाद में 351, गुवाहाटी में 47, गुरूग्राम में 357, नोएडा में 348, ग्रेटर नोएडा में 340 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 53 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 128, चेन्नई में 82, चंडीगढ़ में 233, हैदराबाद में 62, जयपुर में 147 और पटना में 52 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 76 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अनंतपुर, अरियालूर, आसनसोल, रंगाबाद (महाराष्ट्र), बारबिल, बैरकपुर, भागलपुर, भिलाई, बीदर, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, छपरा, चिक्कामगलुरु, दमोह, दुर्गापुर, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, होसुर, झांसी, कल्याण, करूर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, सहरसा, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली, तुमिडीह, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गोरखपुर, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, जलना, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, करौली, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंबई, नागपुर, नमक्कल, ऊटी, पटना, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, राउरकेला, सागर, सासाराम, सतना, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर आदि 84 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।