जहर बुझी हवा: सूरत में बढ़कर 330 पर पहुंचा एक्यूआई, मानकों से 2,100 फीसदी अधिक प्रदूषण

देश में आज शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 10 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि शिलांग की तुलना सूरत से करें तो वहां स्थिति 32 गुणा बेहतर है
भारत की 96 फीसदी आबादी यानी 133 करोड़ लोग ऐसी हवा में सांस लेने को मजबूर हैं जहां पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी मानकों से सात गुणा खराब है; फोटो: आईस्टॉक
भारत की 96 फीसदी आबादी यानी 133 करोड़ लोग ऐसी हवा में सांस लेने को मजबूर हैं जहां पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी मानकों से सात गुणा खराब है; फोटो: आईस्टॉक
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देश में नंदेसरी-कटिहार को पीछे छोड़ सूरत की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 330 पर पहुंच गया है। मतलब की हवा बेहद खराब हो चुकी है।

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो सूरत में प्रदूषण का स्तर 2100 फीसदी अधिक है। बता दें कि इस दौरान सूरत की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी थे।

रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि देश में जहां 38 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब सात फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। 55 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 11 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक आज देश में एक बार फिर नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 270 दर्ज किया गया है। नंदेसरी प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर है। 182 अंकों के साथ कटिहार तीसरे जबकि मेघालय का बर्नीहाट (156) चौथे स्थान पर है। रूपनगर (132) पांचवें, जबकि आसनसोल (110) छठे स्थान पर बना हुआ है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में इंफाल (110), पाली (108), श्रीगंगानगर (108) और ग्रेटर नोएडा (107) भी शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां देश में कटिहार, रूपनगर, आसनसोल, पाली, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, वापी, बीकानेर, पीथमपुर आदि शहरों की हवा में पीएम10 और ओजोन हावी था। वहीं सूरत, नंदेसरी, बर्नीहाट, श्रीगंगानगर, तिरुपति आदि में पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक है।

इन शहरों के उलट देश में एक बार फिर शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 10 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि शिलांग की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर सूरत से करें तो वहां स्थिति 32 गुणा बेहतर है।

शिलांग की तरह आज देश के 84 अन्य शहरों की हवा साफ है। हालांकि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है, जोकि चिंता का विषय है।

आज देश के जिन शहरों में हवा साफ है, उनमें गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हुबली, जबलपुर, जालंधर, झुंझुनूं, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नयागढ़, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया आदि शहर शामिल हैं।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। हालांकि राहत की बात है कि इसके बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। 

दिल्ली की तरह ही आज देश के छोटे बड़े 122 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पटना, पिंपरी-चिंचवड, प्रतापगढ़, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सांगली आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में सन्तोषजक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब दस फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश के 13 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में आसनसोल, बीकानेर, बर्नीहाट, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, इंफाल, कटिहार, पाली, पीथमपुर, रूपनगर, श्रीगंगानगर, तिरुपति, वापी शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में आठ फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 223 में से 85 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 123 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 112 दर्ज किया गया था।

13 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में सूरत (330) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 340 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 270 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 20 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 79 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बर्नीहाट चौथे स्थान पर है, वहीं नंदेसरी (270) दूसरे, जबकि कटिहार (182) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 57, गाजियाबाद में 97, गुवाहाटी में 42, गुरूग्राम में 84, नोएडा में 91, ग्रेटर नोएडा में 107 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 57 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 59, चेन्नई में 78, चंडीगढ़ में 49, हैदराबाद में 82, जयपुर में 60 और पटना में 96 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 85 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अमृतसर, औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, बारबिल, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, बीदर, बिलासपुर, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, देहरादून, धौलपुर, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हुबली, जबलपुर, जालंधर, झुंझुनूं, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नयागढ़, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, शिलांग, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पटना, पिंपरी-चिंचवड, प्रतापगढ़, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिरोही, सिवान, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 123 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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