

पंचकुला में वायु प्रदूषण चरम पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 334 तक पहुंच गया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 2,100 फीसदी अधिक है।
दिल्ली में मामूली सुधार के बावजूद, वायु गुणवत्ता अभी भी 1,760 फीसदी अधिक प्रदूषित है।
देश के 247 शहरों में से 28.7 फीसदी में हवा साफ है, जबकि 23.1 फीसदी में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
आज प्रदूषण के मामले में चरखी दादरी (323) दूसरे जबकि बागपत (320) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 319 अंकों के साथ बल्लभगढ़ चौथे स्थान पर है।
मेरठ-धारूहेड़ा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 312 और 298 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश में आज प्रदूषण के मामले में पंचकुला अव्वल है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 334 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की आज वहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। वहीं कल सरकार ने पंचकुला के प्रदूषण से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए थे।
रुझानों से पता चला है कि आज वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना अधिक है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
पंचकुला में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,100 फीसदी अधिक है। दूसरी तरफ आज देश में कुंजेमुरा की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 15 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर पंचकुला की तुलना कुंजेमुरा से करें तो वहां स्थिति 21 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 अक्टूबर 2025 को 247 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 28.7 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 48.2 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 23.1 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा संतोषजनक है। राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में इजाफा हुआ है।
रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 14.5 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में करीब 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दूसरी तरफ मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में खराब और बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 279 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में हालात अभी भी इस कदर खराब है कि वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,760 फीसदी अधिक प्रदूषित है।
दूसरी तरफ आज सरकार ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में चरखी दादरी (323) दूसरे जबकि बागपत (320) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 319 अंकों के साथ बल्लभगढ़ चौथे स्थान पर है। मेरठ-धारूहेड़ा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 312 और 298 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज दिल्ली (279) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज मुजफ्फरनगर (270), बद्दी (269) और रोहतक (268) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के पांच शहर (पंचकुला, चरखी दादरी, बल्लभगढ़, धारूहेड़ा, रोहतक) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां पंचकुला, चरखी दादरी, बागपत, बल्लभगढ़, धारूहेड़ा, दिल्ली, मुजफ्फरनगर, बद्दी, रोहतक, गाजियाबाद, हापुड, ग्रेटर नोएडा, जालंधर, खन्ना, नोएडा, चंडीगढ़, पीथमपुर, भिवाड़ी, जींद, मंडी गोबिंदगढ़, पानीपत, मंडीदीप, पटियाला, बुलन्दशहर, नारनौल, गुरूग्राम, मुरादाबाद, टोंक, कुरूक्षेत्र, भिवानी, सागर, बेगूसराय, लुधियाना, देवास, रूपनगर, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, जबलपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।
वहीं मेरठ, श्री गंगानगर, रतलाम, बीकानेर, खुर्जा, भोपाल, चुरू, किशनगंज, कैथल, मैहर, पटना आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 28.7 फीसदी यानी 71 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में बेलगाम, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, छाल, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हल्दिया, होसुर, हुबली, झांसी, कांचीपुरम, कानपुर, करूर, क्योंझर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मैसूर, नासिक आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 14.5 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 16.7 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें बालासोर, बांसवाड़ा, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, बोईसर, बूंदी, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, करौली, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, कोटा, लखनऊ, मदुरै, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, राजगीर, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, सांगली, सासाराम आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 36 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में बेगूसराय, भिवानी, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बुलन्दशहर, चुरू, दौसा, देवास, धनबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, जबलपुर, कैथल, काशीपुर, खुर्जा, किशनगंज, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मुरादाबाद, नलबाड़ी, नारनौल, पानीपत, पटियाला, पटना, रतलाम, रूपनगर, सागर, सीकर, सिवान, टोंक शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 26.5 फीसदी की गिरावट आई है।
आज देश के जिन 16 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है, उनमें बद्दी, भिवाड़ी, चंडीगढ़, दिल्ली, धारूहेड़ा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, जालंधर, जींद, खन्ना, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पीथमपुर, रोहतक, श्री गंगानगर शामिल हैं।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बागपत, बल्लभगढ़, चरखी दादरी, मेरठ, पंचकुला शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में ‘बेहद खराब’ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 247 में से 71 शहरों (-14.5 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 119 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 28 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 102 दर्ज किया गया था।
36 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज फिर पंचकुला (334) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 340 के करीब पहुंच गया। कल बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 347 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। दिल्ली में 15 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 279 पर पहुंच गया है। मतलब की सुधार के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है।वहीं आज एक बार फिर सरकार फरीदाबाद से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बल्लभगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं चरखी दादरी (323) दूसरे, जबकि बागपत (320) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 60, गाजियाबाद में 266, गुवाहाटी में 96, गुरूग्राम में 150, नोएडा में 236, ग्रेटर नोएडा में 248 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 73 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 58, चेन्नई में 70, चंडीगढ़ में 219, हैदराबाद में 56, जयपुर में 90 और पटना में 104 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 71 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बारां, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेलगाम, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, छाल, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हल्दिया, होसुर, हुबली, झांसी, कांचीपुरम, कानपुर, करूर, क्योंझर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मैसूर, नासिक, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, सलेम, समस्तीपुर, शिलांग, सिरोही, टेन्सा, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विशाखापत्तनम, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, बोईसर, बूंदी, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, करौली, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, कोटा, लखनऊ, मदुरै, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, राजगीर, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, उल्हासनगर, वापी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 119 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।