
हरियाणा के चकाचौंध भरे शहर गुरुग्राम में ओजोन प्रदूषण से हालात खराब बने हुए हैं। वहां लगातार दूसरे दिन एक्यूआई 300 के पार रिकॉर्ड किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 314 रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि कल से प्रदूषण में मामूली गिरावट जरूर आई है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार बना हुआ है।
बता दें कि गुरुग्राम में कल यानी 13 अप्रैल 2025 को एक्यूआई 317, जबकि 11 अप्रैल 2025 को 305 दर्ज किया गया था। वहीं 12 अप्रैल 2025 को गुरुग्राम के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए गए थे। आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि इस दौरान गुरुग्राम की हवा में ओजोन का स्तर बेहद ज्यादा था।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि इस दौरान गुरुग्राम की हवा में ओजोन का स्तर बेहद ज्यादा था। गौरतलब है कि ग्राउंड-लेवल ओजोन एक अत्यधिक प्रतिक्रियाशील गैस है, जो स्वास्थ्य को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। यह सांस संबंधी समस्याओं, अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से जूझ रहे मरीजों को विशेष रूप से प्रभावित करती है।
हाल ही में दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने भी अपनी नई रिपोर्ट में खुलासा किया था कि भारतीय शहरों में ओजोन प्रदूषण के स्तर में चिंताजनक वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक गर्मियों के दौरान भारत के दस प्रमुख शहरी क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर ओजोन का स्तर काफी बढ़ गया, जिससे इन क्षेत्रों में हवा कहीं ज्यादा जहरीली हो गई। इससे दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि प्रदूषण के मामले में बिहार का राजगीर दूसरे स्थान पर रहा, जहां हवा में पीएम10 हावी रहा। बता दें कि राजगीर में एक्यूआई 264 रिकॉर्ड किया गया है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में 16 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 194 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। लेकिन देश के सबसे प्रदूषित शहरों में यह आज तीसरे स्थान पर रही।
दौसा में भी स्थिति कमोबेश दिल्ली जैसी ही है, जहां एक्यूआई 193 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं प्रदूषण के मामले में आज मंडीदीप पांचवे स्थान पर रहा, जहां सूचकांक 185 दर्ज किया गया। इसी तरह सवाई माधोपुर (185) छठे, जबकि नागौर (182) सातवें स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह करौली (180), भिवाड़ी (179) और बद्दी (172) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल रहे।
वहीं दूसरी तरफ देश में रूपनगर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 14 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गुरूग्राम की तुलना रूपनगर से करें तो वहां स्थिति 21 गुणा खराब है।
रूपनगर की तरह ही देश के 27 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में कुड्डालोर, दमोह, हुबली, कलबुर्गी, कटिहार, कोप्पल, मैहर, मुंगेर, नगांव, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश के 121 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, होसुर, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कल्याण, कानपुर, करूर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदुरै, मालेगांव, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
अजमेर सहित देश के छोटे बड़े 69 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इनमें भिवाड़ी, भोपाल, बुलन्दशहर, बूंदी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तूर, चुरू, कटक, दौसा, देहरादून, दिल्ली, धनबाद, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, खुर्जा, कोरबा, कोटा, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नोएडा आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 220 में से महज 28 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 121 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 13 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 117 दर्ज किया गया था।
69 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (314) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 317 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में मामूली इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां 16 अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 194 पर पहुंच गया। मतलब कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दौसा चौथे स्थान पर है, वहीं राजगीर (264) दूसरे, जबकि दिल्ली (194) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 131, गाजियाबाद में 158, गुवाहाटी में 84, हापुड में 86, नोएडा में 134, ग्रेटर नोएडा में 144 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 69 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 87, चेन्नई में 72, चंडीगढ़ में 111, हैदराबाद में 101, जयपुर में 120 और पटना में 105 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 28 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, बठिंडा, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दमोह, हुबली, कलबुर्गी, कटिहार, कोप्पल, मैहर, मुंगेर, नगांव, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रूपनगर, सागर, सिलीगुड़ी, सूरत, ठाणे, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उज्जैन, वापी, विरार शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बरेली, बैरकपुर, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, होसुर, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कल्याण, कानपुर, करूर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदुरै, मालेगांव, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, समस्तीपुर, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, टोंक, तुमिडीह, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 121 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।