
देश में प्रदूषण के बढ़ने का सिलसिला आज भी जारी है। हालात यह हैं कि महज तीन फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 70 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इनमें राजधानी दिल्ली भी शामिल हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो आज भी बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 370 दर्ज किया गया है। हालांकि वहां कल से वायु गुणवत्ता में सुधार आया है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 363 दर्ज किया गया है।
इसी तरह देश के सबसे प्रदूषित शहरों में औरंगाबाद (बिहार) तीसरे, जबकि हाजीपुर चौथे स्थान पर है। वहीं धनबाद में भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है।
प्रदूषण में किशनगंज छठे, बागपत सातवें और आरा आठवें स्थान पर है। इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब बना हुआ है। कल से देखें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 60 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में 35 अंकों की गिरावट आई है। इसके बावजूद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 'खराब' बना हुआ है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 35 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अररिया, आसनसोल, बेगूसराय, भागलपुर, भिवाड़ी, बिहार शरीफ, बुलन्दशहर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हापुड, जैसलमेर, कानपुर, कटिहार, कोल्लम, कुंजेमुरा, लखनऊ, मेरठ, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, पूर्णिया, राजगीर, राउरकेला, सहरसा, सासाराम, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, श्री गंगानगर, वापी शामिल हैं।
राहत की बात यह रही कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में दस फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में कांचीपुरम की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 42 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की कांचीपुरम से तुलना करें तो स्थिति आठ गुणा ज्यादा खराब है। कांचीपुरम की तरह ही देश के सात शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में चामराजनगर, हुबली, मदिकेरी, नंदेसरी आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि अगरतला सहित देश के छोटे बड़े 61 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में रायपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर आदि शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कल से 22 फीसदी का इजाफा हुआ है।
अमरावती सहित देश के 118 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। वहीं कल से इन शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 30 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 230 में से महज 7 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 61 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 29 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 50 दर्ज किया गया।
118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (370) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 380 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 412 दर्ज किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज गिरकर 363 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्तर पर बनी हुई है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (363) दूसरे, जबकि औरंगाबाद (बिहार) (346) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 202, गाजियाबाद में 245, गुरुग्राम में 282, नोएडा में 238, ग्रेटर नोएडा में 216 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 124 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 273, चेन्नई में 106, चंडीगढ़ में 165, हैदराबाद में 97, जयपुर में 118 और पटना में 288 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 7 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, चामराजनगर, हुबली, कांचीपुरम, मदिकेरी, नंदेसरी, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं अगरतला, अजमेर, अलवर, अमरावती, बारां, बरेली, बेंगलुरु, भिलाई, भुवनेश्वर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हैदराबाद, जबलपुर, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, मदुरै, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मैसूर, नागपट्टिनम, ऊटी, पालकालाइपेरुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा आदि 61 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
देश में प्रदूषण के बढ़ने का सिलसिला आज भी जारी है। हालात यह हैं कि महज तीन फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 70 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इनमें राजधानी दिल्ली भी शामिल हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो आज भी बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 370 दर्ज किया गया है। हालांकि वहां कल से वायु गुणवत्ता में सुधार आया है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 363 दर्ज किया गया है।
इसी तरह देश के सबसे प्रदूषित शहरों में औरंगाबाद (बिहार) तीसरे, जबकि हाजीपुर चौथे स्थान पर है। वहीं धनबाद में भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है।
प्रदूषण में किशनगंज छठे, बागपत सातवें और आरा आठवें स्थान पर है। इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब बना हुआ है। कल से देखें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 60 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में 35 अंकों की गिरावट आई है। इसके बावजूद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 'खराब' बना हुआ है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 35 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अररिया, आसनसोल, बेगूसराय, भागलपुर, भिवाड़ी, बिहार शरीफ, बुलन्दशहर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हापुड, जैसलमेर, कानपुर, कटिहार, कोल्लम, कुंजेमुरा, लखनऊ, मेरठ, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, पूर्णिया, राजगीर, राउरकेला, सहरसा, सासाराम, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, श्री गंगानगर, वापी शामिल हैं।
राहत की बात यह रही कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में दस फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में कांचीपुरम की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 42 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की कांचीपुरम से तुलना करें तो स्थिति आठ गुणा ज्यादा खराब है। कांचीपुरम की तरह ही देश के सात शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में चामराजनगर, हुबली, मदिकेरी, नंदेसरी आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि अगरतला सहित देश के छोटे बड़े 61 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में रायपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर आदि शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कल से 22 फीसदी का इजाफा हुआ है।
अमरावती सहित देश के 118 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। वहीं कल से इन शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 30 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 230 में से महज 7 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 61 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 29 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 50 दर्ज किया गया।
118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (370) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 380 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 412 दर्ज किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज गिरकर 363 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्तर पर बनी हुई है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (363) दूसरे, जबकि औरंगाबाद (बिहार) (346) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 202, गाजियाबाद में 245, गुरुग्राम में 282, नोएडा में 238, ग्रेटर नोएडा में 216 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 124 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 273, चेन्नई में 106, चंडीगढ़ में 165, हैदराबाद में 97, जयपुर में 118 और पटना में 288 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 7 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, चामराजनगर, हुबली, कांचीपुरम, मदिकेरी, नंदेसरी, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं अगरतला, अजमेर, अलवर, अमरावती, बारां, बरेली, बेंगलुरु, भिलाई, भुवनेश्वर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हैदराबाद, जबलपुर, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, मदुरै, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मैसूर, नागपट्टिनम, ऊटी, पालकालाइपेरुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा आदि 61 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।