
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में ओडिशा के तालचेर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 280 रिकॉर्ड किया गया।
वहीं प्रदूषण के मामले में बिहार का हाजीपुर (276) दूसरे, जबकि तुमिडीह (250) तीसरे स्थान पर है। वहीं 247 अंकों के साथ बदलापुर चौथे, जबकि गाजियाबाद (238) पांचवे स्थान पर बना हुआ है।
दुर्गापुर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज 235 अंकों के साथ छठे स्थान पर रहा। इसी तरह पटना, मिलुपारा, हापुड, कल्याण, अंगुल, राउरकेला, समस्तीपुर और गुरूग्राम में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के पार है। इन सभी 14 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। राहत की बात यह है कि कल (12 मार्च 2025) से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 14 दर्ज किया गया है। देश के सबसे प्रदूषित शहर तालचेर की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 19 गुणा खराब है।
मदिकेरी की तरह देश के 21 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, उडुपी आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में दस फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 49 अंकों की गिरावट आई है, जिसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर सुधरकर 179 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की बात करें तो वहां भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 17 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई 94 पर पहुंच गया। मतलब की फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता मध्यम से संतोषजनक स्तर पर पहुंच गई है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 83 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में जालंधर, जालौर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, करूर, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, लुधियाना, मैहर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामानगर, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर आदि शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 68 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इसी तरह रुझानों के मुताबिक देश में दिल्ली सहित 100 से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में भोपाल, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, ग्वालियर, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली आदि शामिल हैं। कल से देखें तो मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
देश में जहां करीब दस फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 52 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। 38 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 222 में से महज 22 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 84 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 12 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 50 दर्ज किया गया।
102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में तालचेर (280) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 290 के करीब पहुंच गया। कल गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता बेहद खराब थी, जब एक्यूआई 282 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में अच्छा खासी गिरावट आई है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 49 अंकों की गिरावट के साथ 179 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर ‘खराब’ से ‘मध्यम’ हो गया है।
गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देश में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बदलापुर चौथे स्थान पर है, वहीं हाजीपुर (276) दूसरे, जबकि तुमिडीह (250) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 94, गाजियाबाद में 238, गुरुग्राम में 201, नोएडा में 109, ग्रेटर नोएडा में 108 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 121 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 115, चेन्नई में 77, चंडीगढ़ में 97, हैदराबाद में 100, जयपुर में 134 और पटना में 218 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 22 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती, अनंतपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, दमोह, झांसी, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, उडुपी, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं अलवर, अमृतसर, अररिया, अरियालूर, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बोईसर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, करूर, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, लुधियाना, मैहर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामानगर, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार आदि 84 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में ओडिशा के तालचेर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 280 रिकॉर्ड किया गया।
वहीं प्रदूषण के मामले में बिहार का हाजीपुर (276) दूसरे, जबकि तुमिडीह (250) तीसरे स्थान पर है। वहीं 247 अंकों के साथ बदलापुर चौथे, जबकि गाजियाबाद (238) पांचवे स्थान पर बना हुआ है।
दुर्गापुर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज 235 अंकों के साथ छठे स्थान पर रहा। इसी तरह पटना, मिलुपारा, हापुड, कल्याण, अंगुल, राउरकेला, समस्तीपुर और गुरूग्राम में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के पार है। इन सभी 14 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। राहत की बात यह है कि कल (12 मार्च 2025) से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 14 दर्ज किया गया है। देश के सबसे प्रदूषित शहर तालचेर की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 19 गुणा खराब है।
मदिकेरी की तरह देश के 21 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, उडुपी आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में दस फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 49 अंकों की गिरावट आई है, जिसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर सुधरकर 179 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की बात करें तो वहां भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 17 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई 94 पर पहुंच गया। मतलब की फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता मध्यम से संतोषजनक स्तर पर पहुंच गई है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 83 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में जालंधर, जालौर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, करूर, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, लुधियाना, मैहर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामानगर, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर आदि शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 68 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इसी तरह रुझानों के मुताबिक देश में दिल्ली सहित 100 से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में भोपाल, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, ग्वालियर, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली आदि शामिल हैं। कल से देखें तो मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
देश में जहां करीब दस फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 52 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। 38 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 222 में से महज 22 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 84 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 12 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 50 दर्ज किया गया।
102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में तालचेर (280) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 290 के करीब पहुंच गया। कल गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता बेहद खराब थी, जब एक्यूआई 282 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में अच्छा खासी गिरावट आई है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 49 अंकों की गिरावट के साथ 179 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर ‘खराब’ से ‘मध्यम’ हो गया है।
गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देश में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बदलापुर चौथे स्थान पर है, वहीं हाजीपुर (276) दूसरे, जबकि तुमिडीह (250) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 94, गाजियाबाद में 238, गुरुग्राम में 201, नोएडा में 109, ग्रेटर नोएडा में 108 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 121 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 115, चेन्नई में 77, चंडीगढ़ में 97, हैदराबाद में 100, जयपुर में 134 और पटना में 218 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 22 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती, अनंतपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, दमोह, झांसी, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, उडुपी, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं अलवर, अमृतसर, अररिया, अरियालूर, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बोईसर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, करूर, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, लुधियाना, मैहर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामानगर, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार आदि 84 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।