प. बंगाल के दुर्गापुर-बैरकपुर जैसे शहरों की हवा में भी घुला जहर, बिगड़ा एक्यूआई

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में अच्छी खासी गिरावट आई है, जहां 69 अंकों की गिरावट के साथ एक्यूआई 193 पर पहुंच गया
सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई
सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई
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देश में बढ़ता प्रदूषण अब दिल्ली-फरीदाबाद जैसे बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है। इसने दुर्गापुर-बैरकपुर जैसे शहरों को भी अपनी जद में ले लिया है।

आलम यह है कि दुर्गापुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 322 तक पहुंच गया। इसी तरह रायरंगपुर (320) और बैरकपुर (305) में भी हालात 'बेहद खराब' बने हुए हैं। इन तीनों शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच गया है।

वहीं कल देश में हाजीपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जहां एक्यूआई 299 रिकॉर्ड किया गया था।

इसी तरह हावड़ा-हाजीपुर-तालचेर सहित देश के छोटे बड़े 19 शहरों में प्रदूषण से हवा 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में आसनसोल, बेलगाम, भागलपुर, भुवनेश्वर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, कटक, हल्दिया, कटिहार, मुंगेर, नलबाड़ी, पटना, पूर्णिया, सहरसा, सीकर, यादगीर शामिल हैं। राहत की बात यह रही की कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 53 फीसदी की गिरावट आई है। बता दें कि कल 29 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई थी।

इन शहरों के उलट देश में तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 23 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दुर्गापुर से तुलना करें तो तिरुनेलवेली की हवा 14 गुणा साफ है।

तिरुनेलवेली की तरह देश के 19 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में कांचीपुरम, मदुरै, मैहर, मैसूर, पलवल, रामनाथपुरम, शिवमोगा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 15 फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों के मुताबिक आज देश के 81 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।

इन शहरों में झांसी, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोप्पल, कोरबा, लुधियाना, मदिकेरी, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 27 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में अच्छी खासी गिरावट देखी गई। जहां 69 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 193 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में हवा खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। दिल्ली की तरह ही फरीदाबाद में भी प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। जहां 21 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई 90 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

देश में दिल्ली की तरह ही 134 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीदर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, दिल्ली, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, गडग, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हिसार, हैदराबाद, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कल्याण, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरसा, सिवान, सोलापुर, सोनीपत, श्री गंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, विरार शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो जहां देश के करीब आठ फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 61 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए है। इसी तरह देश के 31 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 258 में से महज 20 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 81 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 13 दिसंबर को यह आंकड़ा 59 दर्ज किया गया था।

135 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में दुर्गापुर (322) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। वहीं कल हाजीपुर में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 299 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 69 अंकों का गिरावट है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 193 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गया है।

गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज हावड़ा चौथे स्थान पर है, वहीं रायरंगपुर (320) दूसरे, जबकि बैरकपुर (305) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 90, गाजियाबाद में 103, गुरुग्राम में 116, नोएडा में 112, ग्रेटर नोएडा में 134 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 134 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 168, चेन्नई में 96, चंडीगढ़ में 221, हैदराबाद में 113, जयपुर में 167 और पटना में 277 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 20 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, हावेरी, कांचीपुरम, मदुरै, मैहर, मैसूर, पलवल, रामनाथपुरम, शिवमोगा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देवास, धारवाड़, धौलपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, हापुड, हसन, हुबली, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोप्पल, कोरबा, लुधियाना, मदिकेरी, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सांगली, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, ठाणे, तिरुपुर, उडुपी, वातवा, विजयवाड़ा, वृंदावन, यमुनानगर आदि 81 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

देश में बढ़ता प्रदूषण अब दिल्ली-फरीदाबाद जैसे बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है। इसने दुर्गापुर-बैरकपुर जैसे शहरों को भी अपनी जद में ले लिया है।

आलम यह है कि दुर्गापुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 322 तक पहुंच गया। इसी तरह रायरंगपुर (320) और बैरकपुर (305) में भी हालात 'बेहद खराब' बने हुए हैं। इन तीनों शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच गया है।

वहीं कल देश में हाजीपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जहां एक्यूआई 299 रिकॉर्ड किया गया था।

इसी तरह हावड़ा-हाजीपुर-तालचेर सहित देश के छोटे बड़े 19 शहरों में प्रदूषण से हवा 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में आसनसोल, बेलगाम, भागलपुर, भुवनेश्वर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, कटक, हल्दिया, कटिहार, मुंगेर, नलबाड़ी, पटना, पूर्णिया, सहरसा, सीकर, यादगीर शामिल हैं। राहत की बात यह रही की कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 53 फीसदी की गिरावट आई है। बता दें कि कल 29 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई थी।

इन शहरों के उलट देश में तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 23 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दुर्गापुर से तुलना करें तो तिरुनेलवेली की हवा 14 गुणा साफ है।

तिरुनेलवेली की तरह देश के 19 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में कांचीपुरम, मदुरै, मैहर, मैसूर, पलवल, रामनाथपुरम, शिवमोगा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 15 फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों के मुताबिक आज देश के 81 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।

इन शहरों में झांसी, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोप्पल, कोरबा, लुधियाना, मदिकेरी, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 27 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में अच्छी खासी गिरावट देखी गई। जहां 69 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 193 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में हवा खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। दिल्ली की तरह ही फरीदाबाद में भी प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। जहां 21 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई 90 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

देश में दिल्ली की तरह ही 134 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीदर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, दिल्ली, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, गडग, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हिसार, हैदराबाद, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कल्याण, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरसा, सिवान, सोलापुर, सोनीपत, श्री गंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, विरार शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो जहां देश के करीब आठ फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 61 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए है। इसी तरह देश के 31 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 258 में से महज 20 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 81 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 13 दिसंबर को यह आंकड़ा 59 दर्ज किया गया था।

135 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में दुर्गापुर (322) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। वहीं कल हाजीपुर में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 299 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 69 अंकों का गिरावट है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 193 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गया है।

गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज हावड़ा चौथे स्थान पर है, वहीं रायरंगपुर (320) दूसरे, जबकि बैरकपुर (305) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 90, गाजियाबाद में 103, गुरुग्राम में 116, नोएडा में 112, ग्रेटर नोएडा में 134 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 134 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 168, चेन्नई में 96, चंडीगढ़ में 221, हैदराबाद में 113, जयपुर में 167 और पटना में 277 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 20 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, हावेरी, कांचीपुरम, मदुरै, मैहर, मैसूर, पलवल, रामनाथपुरम, शिवमोगा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देवास, धारवाड़, धौलपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, हापुड, हसन, हुबली, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोप्पल, कोरबा, लुधियाना, मदिकेरी, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सांगली, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, ठाणे, तिरुपुर, उडुपी, वातवा, विजयवाड़ा, वृंदावन, यमुनानगर आदि 81 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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