दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से नहीं राहत, 271 पर पहुंचा एक्यूआई, बर्नीहाट में सबसे खराब हैं हालात

रुझानों के मुताबिक देश के महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। दूसरी तरफ 70 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं
भारत के कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण से बड़े ही नहीं बच्चे भी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं; फोटो: आईस्टॉक
भारत के कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण से बड़े ही नहीं बच्चे भी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं; फोटो: आईस्टॉक
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दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में लगातार दूसरे दिन इजाफा दर्ज किया गया है। आज यानी 10 फरवरी 2025 को 44 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 271 पर पहुंच गया।

दिल्ली की तरह ही आसपास के शहरों में भी प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। फरीदाबाद में 16 अंक बढ़कर वायु गुणवत्ता सूचकांक 164 पर पहुंच गया है।

वहीं आज मेघालय के एक शहर बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही, जहां एक्यूआई 351 रिकॉर्ड किया गया। गौरतलब है कि कल नलबाड़ी में स्थिति सबसे खराब थी, जब सूचकांक 384 दर्ज किया गया। प्रदूषण के मामले में आज तालचेर दूसरे स्थान पर रहा, वहां एक्यूआई 345 दर्ज किया गया है। इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है।

तिरुनेलवेली की तरह ही देश के 10 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कांचीपुरम, कोलार, मैहर, पुदुकोट्टई, शिवमोगा, तिरुनेलवेली, वाराणसी आदि शामिल हैं। राहत की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 38 फीसदी का इजाफा हुआ है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 55 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, करूर, खन्ना, कोल्हापुर, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपट्टिनम, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, ऋषिकेश आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 17 फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों के मुताबिक अहमदाबाद सहित देश के 132 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अकोला, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कटक, धनबाद, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, सूरत, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि शहर शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब चार फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 70 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह देश के करीब 25 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 222 में से महज 11 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 55 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 09 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 66 दर्ज किया गया।

132 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (351) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया। वहीं कल नलबाड़ी में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 384 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 44 अंकों का भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर बढ़कर 271 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ से 'खराब' स्तर पर पहुंच गई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज अहमदनगर चौथे स्थान पर है, वहीं तालचेर (345) दूसरे, जबकि कुंजेमुरा (288) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 164, गाजियाबाद में 172, गुरुग्राम में 230, नोएडा में 192, ग्रेटर नोएडा में 204 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 114 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 157, चेन्नई में 118, चंडीगढ़ में 142, हैदराबाद में 99, जयपुर में 170 और पटना में 255 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, दमोह, कांचीपुरम, कोलार, मैहर, पुदुकोट्टई, शिवमोगा, तिरुनेलवेली, वाराणसी शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बारां, बरेली, बारीपदा, बठिंडा, भिलाई, बिलासपुर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, फिरोजाबाद, गडग, हावेरी, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, करूर, खन्ना, कोल्हापुर, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपट्टिनम, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, ऋषिकेश, सागर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, उडुपी, विजयवाड़ा आदि 55 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में लगातार दूसरे दिन इजाफा दर्ज किया गया है। आज यानी 10 फरवरी 2025 को 44 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 271 पर पहुंच गया।

दिल्ली की तरह ही आसपास के शहरों में भी प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। फरीदाबाद में 16 अंक बढ़कर वायु गुणवत्ता सूचकांक 164 पर पहुंच गया है।

वहीं आज मेघालय के एक शहर बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही, जहां एक्यूआई 351 रिकॉर्ड किया गया। गौरतलब है कि कल नलबाड़ी में स्थिति सबसे खराब थी, जब सूचकांक 384 दर्ज किया गया। प्रदूषण के मामले में आज तालचेर दूसरे स्थान पर रहा, वहां एक्यूआई 345 दर्ज किया गया है। इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है।

प्रदूषण के मामले में कुंजेमुरा तीसरे स्थान पर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 288 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह अहमदनगर (277) चौथे स्थान पर बना हुआ है। देश के सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली पांचवें स्थान पर रही। वापी की भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जो प्रदूषण के मामले में छठे पायदान पर है।

255 अंकों के साथ पटना देश का सातवां सबसे प्रदूषित शहर है। कमोबेश तिरुवनंतपुरम (252) और नलबाड़ी (250) में भी स्थिति ऐसी ही बनी हुई है। वहीं भिवाड़ी (249) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है।

ताजा रुझानों के मुताबिक आज भी देश के 22 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अहमदनगर, बैरकपुर, बेतिया, भिवाड़ी, चरखी दादरी, दिल्ली, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हावड़ा, जलगांव, कुंजेमुरा, मंडीदीप, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, पटना, तिरुवनंतपुरम, वापी, विशाखापत्तनम, शामिल हैं। गौरतलब है कि देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 28 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि तिरुनेलवेली की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर से करें तो वहां स्थिति 11 गुना बेहतर है।

तिरुनेलवेली की तरह ही देश के 10 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कांचीपुरम, कोलार, मैहर, पुदुकोट्टई, शिवमोगा, तिरुनेलवेली, वाराणसी आदि शामिल हैं। राहत की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 38 फीसदी का इजाफा हुआ है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 55 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, करूर, खन्ना, कोल्हापुर, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपट्टिनम, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, ऋषिकेश आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 17 फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों के मुताबिक अहमदाबाद सहित देश के 132 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अकोला, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कटक, धनबाद, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, सूरत, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि शहर शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब चार फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 70 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह देश के करीब 25 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 222 में से महज 11 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 55 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 09 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 66 दर्ज किया गया।

132 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (351) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया। वहीं कल नलबाड़ी में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 384 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 44 अंकों का भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर बढ़कर 271 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ से 'खराब' स्तर पर पहुंच गई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज अहमदनगर चौथे स्थान पर है, वहीं तालचेर (345) दूसरे, जबकि कुंजेमुरा (288) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 164, गाजियाबाद में 172, गुरुग्राम में 230, नोएडा में 192, ग्रेटर नोएडा में 204 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 114 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 157, चेन्नई में 118, चंडीगढ़ में 142, हैदराबाद में 99, जयपुर में 170 और पटना में 255 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, दमोह, कांचीपुरम, कोलार, मैहर, पुदुकोट्टई, शिवमोगा, तिरुनेलवेली, वाराणसी शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बारां, बरेली, बारीपदा, बठिंडा, भिलाई, बिलासपुर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, फिरोजाबाद, गडग, हावेरी, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, करूर, खन्ना, कोल्हापुर, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपट्टिनम, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, ऋषिकेश, सागर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, उडुपी, विजयवाड़ा आदि 55 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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