राजस्थान में प्रदूषण से नहीं राहत, बीकानेर में बढ़कर 276 तक पहुंचा एक्यूआई

विश्लेषण से पता चला है कि देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में छह शहर राजस्थान के हैं
गोदारों की ढाणी (बीकानेर) में काचर और काकडिया काट रहीं महिलाएं। इन फलों को सुखाकर रखा जाएगा ताकि बाद में बाजार में बेचा जा सके।
गोदारों की ढाणी (बीकानेर) में काचर और काकडिया काट रहीं महिलाएं। इन फलों को सुखाकर रखा जाएगा ताकि बाद में बाजार में बेचा जा सके।
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राजस्थान में आज भी बढ़ते प्रदूषण से राहत नहीं मिली। देश के सभी शहरों में आज एक बार फिर बीकानेर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 30 अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 276 तक पहुंच गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 01 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में छह शहर राजस्थान के हैं।

आंकड़ों पर नजर डालें तो जहां चुरू (253) दूसरे जबकि जैसलमेर (234) तीसरे स्थान पर है। वहीं नागौर (219) और बाड़मेर(211) में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज चौथे और पांचवें स्थान पर बने हुए हैं। इसी तरह दौसा की हवा भी खराब बनी हुई है, जो 206 अंकों के साथ आज देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर है।

बता दें कि आज देश के छह शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है। वहीं कल इन शहरों की गिनती नौ दर्ज की गई थी। मतलब की कल से खराब हवा वाले शहरों की गिनती में गिरावट आई है। प्रदूषण के मामले में आज बागपत (199) सातवें स्थान पर है।

वहीं राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से 44 अंकों के सुधार के साथ वहां एक्यूआई आई घटकर खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली आज भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आठवें स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में राजगीर (194) और बुलन्दशहर (192) भी शामिल हैं।

रुझानों से यह भी पता चला है कि आज जहां बीकानेर, चुरू, जैसलमेर, नागौर, बाड़मेर, दौसा, बागपत आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी हैं। वहीं बद्दी, हाजीपुर, बारबिल और मुजफ्फरनगर आदि शहरों में ओजोन से स्थिति चिंताजनक है। इसी तरह राजगीर, अमृतसर आदि शहरों में पीएम2.5 से स्थिति बिगड़ी हुई है।

वहीं इन शहरों के विपरीत आज देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज छह दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बीकानेर की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 45 गुणा ज्यादा खराब है।

वहीं दूसरी तरफ राजधानी दिल्ली की तरह ही देश के 59 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इनमें भोपाल, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, छपरा, दमोह, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, जबलपुर, जयपुर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, करौली, कटनी, खुर्जा आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में माध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में आइजोल की तरह ही 30 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में गंगटोक, गुवाहाटी, हुबली, कलबुर्गी, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मुंगेर, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश के छोटे-बड़े 118 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

इन शहरों में हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, जोरापोखर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर आदि शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

विश्लेषण में सामने आया है कि आज जहां देश के महज 14 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 31 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं, जबकि 55 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 215 में से 31 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 31 मई 2025 को यह आंकड़ा 113 दर्ज किया गया था।

60 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में बीकानेर (276) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 280 के करीब पहुंच गया। कल भी बीकानेर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 246 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 44 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 197 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब से एक बार फिर मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नागौर चौथे स्थान पर है, वहीं चुरू (253) दूसरे, जबकि जैसलमेर (234) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 134, गाजियाबाद में 152, गुवाहाटी में 41, गुरूग्राम में 192, नोएडा में 146, ग्रेटर नोएडा में 123 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 63 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 129, चेन्नई में 94, चंडीगढ़ में 156, हैदराबाद में 92, जयपुर में 180 और पटना में 136 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 31 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, आइजोल, बागलकोट, बैरकपुर, बोईसर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, कोयंबटूर, गंगटोक, गुवाहाटी, हुबली, कलबुर्गी, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मुंगेर, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपुर, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं आगरा, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बरेली, बारीपदा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, जोरापोखर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, राउरकेला, सागर, सलेम, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, सोलापुर, श्री विजया पुरम, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तुमिडीह, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन आदि 118 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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