नंदेसरी में 300 के पार एक्यूआई, वहीं 11 अंकों के साथ आइजोल की हवा सबसे साफ

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है
सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई
सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई
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देश में लगातार कई दिनों से नंदेसरी की हवा सबसे खराब है, जहां 67 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच गया। मतलब कि गुजरात के इस शहर में वायु गुणवत्ता 'खराब' से 'बेहद खराब' हो गई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 08 जुलाई 2025 को जारी रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि इस दौरान नंदेसरी की हवा में प्रदूषण के महीन कण हावी रहे। देखा जाए तो नंदेसरी की हवा इस कदर दूषित हो चुकी है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो नंदेसरी में प्रदूषण का स्तर 1,907 फीसदी अधिक है।

दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 11 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि नंदेसरी की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 26 गुणा खराब है।

आंकड़ों के मुताबिक आज ग्रेटर नोएडा प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 192 दर्ज किया गया है। वहीं 169 अंकों के साथ खुर्जा तीसरे जबकि गुम्मिडिपूंडी (159) चौथे स्थान पर है। इसी तरह नोएडा (131) पांचवें जबकि गाजियाबाद (125) छठे स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बद्दी (121), धौलपुर (121), थूथुकुडी (116) और विशाखापत्तनम (115) शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला हैं कि नंदेसरी, गुम्मिडिपूंडी, बर्नीहाट, लुधियाना आदि शहरों में की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी है। वहीं ग्रेटर नोएडा, खुर्जा, नोएडा, गाजियाबाद, बद्दी, धौलपुर, विशाखापत्तनम आदि में पीएम10 से स्थिति खराब है। इसी तरह थूथुकुडी में कार्बन से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां करीब 38 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 56 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ देश के करीब छह फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

आइजोल सहित आज देश के जिन 83 शहरों की हवा साफ है, उनमें जबलपुर, झांसी, कलबुर्गी, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटियाला, पेरुंदुरई, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सांगली, शिलांग, शिवमोगा आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि दिल्ली सहित आज देश के छोटे-बड़े 124 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लखनऊ, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, पाली, पंचगांव, पटना आदि शामिल हैं।

राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बर्नीहाट, धौलपुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, इंफाल, खुर्जा, लुधियाना, नोएडा, थूथुकुडी, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 220 में से 83 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 124 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 07 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया था।

12 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (301) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 234 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 13 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 98 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गुम्मिडिपूंडी चौथे स्थान पर है, वहीं ग्रेटर नोएडा (192) दूसरे, जबकि खुर्जा (169) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 57, गाजियाबाद में 125, गुवाहाटी में 67, गुरूग्राम में 67, नोएडा में 131, ग्रेटर नोएडा में 192 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 57 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 77, चेन्नई में 100, चंडीगढ़ में 58, हैदराबाद में 68, जयपुर में 72 और पटना में 67 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 83 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, आइजोल, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बक्सर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दमोह, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, हल्दिया, हनुमानगढ़, होसुर, हुबली, जबलपुर, झांसी, कलबुर्गी, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटियाला, पेरुंदुरई, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमकुरु, तुमिडीह, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेगूसराय, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लखनऊ, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, पाली, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, श्रीगंगानगर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 124 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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