
देश के 23 फीसदी से अधिक शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक हैं। इन शहरों में आज लगातार चौथे दिन अगरतला की स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 13 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगरतला में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 330 तक पहुंच गया।
मतलब की वहां की फिजाओं में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि इस दौरान अगरतला की हवा में ओजोन पूरी तरह हावी रहा।
प्रदूषण के मामले में मंडी गोबिंदगढ़ दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 221 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इसी तरह बुलन्दशहर (183) तीसरे, जबकि औरंगाबाद (बिहार) (182) चौथे स्थान पर है। बद्दी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 173 दर्ज किया गया है।
इसी तरह 172 अंकों के साथ बागपत छठे, जबकि चंडीगढ़ (166) सातवें स्थान पर है। वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज हाजीपुर (159), जालंधर (153) और दौसा (145) भी शामिल हैं।
अगरतला की तरह ही जहां बद्दी, हाजीपुर और जालंधर में ओजोन से स्थिति चिंताजनक रही। वहीं दौसा, विशाखापत्तनम, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, सिंगरौली, क्योंझर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 छाए रहे। वहीं मंडी गोबिंदगढ़, औरंगाबाद (बिहार), मुजफ्फरनगर, और कटक आदि शहरों में पीएम2.5 का बोलबाला रहा।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही 21 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 141 पर पहुंच गया है। दिल्ली की तरह ही देश के 47 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में भोपाल, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, छपरा, कटक, दौसा, दिल्ली, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, इंफाल, जैसलमेर, जालंधर, जलना, कल्याण, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, लखनऊ, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी बार आज एक बार फिर मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां सूचकांक 11 दर्ज किया गया है।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अगरतला की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 29 गुणा खराब है। मदिकेरी की तरह ही देश के 44 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नमक्कल, नांदेड़, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, राजसमंद, रामनाथपुरम, समस्तीपुर, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 19 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में अलवर सहित 123 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इन शहरों में जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कन्नूर, करौली, कटिहार, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, नागपुर, नलबाड़ी, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचगांव, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सतना, शिलांग, सीकर, सिरोही, सोलापुर आदि शामिल हैं।
देश में कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब चार फीसदी की गिरावट आई है।
विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के 20 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 57 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के 23 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 217 में से 44 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 123 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 12 मई 2025 को यह आंकड़ा 128 दर्ज किया गया था।
48 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में अगरतला (330) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। कल भी अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 309 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 21 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 141 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज औरंगाबाद (बिहार) चौथे स्थान पर है, वहीं मंडी गोबिंदगढ़ (221) दूसरे, जबकि बुलन्दशहर (183) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 102, गाजियाबाद में 114, गुवाहाटी में 59, गुरूग्राम में 126, नोएडा में 116, ग्रेटर नोएडा में 139 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 52 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 127, चेन्नई में 76, चंडीगढ़ में 166, हैदराबाद में 77, जयपुर में 90 और पटना में 102 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 44 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अकोला, बेंगलुरु, भिलाई, चामराजनगर, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, डिंडीगुल, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, किशनगंज, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नमक्कल, नांदेड़, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, राजसमंद, रामनाथपुरम, समस्तीपुर, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, दावनगेरे, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कन्नूर, करौली, कटिहार, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, नागपुर, नलबाड़ी, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचगांव, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सतना, शिलांग, सीकर, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा आदि 123 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।