
देश में प्रदूषण के समीकरण हर दिन बदल रहे हैं। आज जहां प्रदूषण के मामले में चंडीगढ़ अव्वल रहा। वहीं दिल्ली की हवा में कल से सुधार दर्ज किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 06 जून 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 212 पर पहुंच गया है। वहीं बद्दी 60 अंकों के सुधार के साथ देश के सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे पायदान पर है। बता दें कि कल बद्दी इस लिस्ट में पहले स्थान पर था।
इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मुजफ्फरनगर (162) तीसरे जबकि राजधानी दिल्ली चौथे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 161 पर पहुंच गया।
कमोबेश ऐसी ही स्थिति मेरठ की भी है, जहां एक्यूआई 159 दर्ज किया गया। मेरठ प्रदूषण में पांचवें पायदान पर है। इसी तरह गुरूग्राम (157) छठे जबकि पाली (155) सातवें पायदान पर बना हुआ है। इसी तरह राउरकेला, दौसा और अमृतसर भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
रुझानों पर नजर डालें तो कल जहां देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती दो थी। वहीं आज यह आंकड़ा घटकर एक पर पहुंच गया है। विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब के दो-दो शहर, हरियाणा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश के एक-एक शहर और राजधानी दिल्ली शामिल है।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज देश में जहां चंडीगढ़, बद्दी, मुजफ्फरनगर, दिल्ली, मेरठ, राउरकेला, गाजियाबाद, दुर्गापुर आदि शहरों की हवा में ओजोन हावी रहा। वहीं अमृतसर, बर्नीहाट, अंगुल, कोटा, अहमदाबाद, गांधीनगर आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 जबकि गुरूग्राम, पाली, दौसा, चुरू, बागपत, जयपुर, झुंझुनूं, नागौर, सवाई माधोपुर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, डूंगरपुर, नोएडा, सीकर आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में अगरतला की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 24 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि अगरतला की तुलना चंडीगढ़ से करें तो वहां स्थिति आठ गुणा बेहतर है।
अगरतला की तरह ही आज देश के 20 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में गंगटोक, हुबली, मैहर, मैसूर, नाहरलगुन, पूर्णिया, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, वृंदावन अदि शामिल हैं।
हालांकि चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 48 फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के दस फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ है। वहीं 30 फीसदी से अधिक में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ 60 फीसदी से अधिक शहरों में हालात संतोषजनक हैं।
देश में आगरा सहित 135 शहरों में स्थिति संतोषजनक है। इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, पटियाला आदि शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में मामूली गिरावट आई है।
मेघालय के बर्नीहाट सहित देश के छोटे-बड़े 67 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में अहमदाबाद, अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, बद्दी, बागपत, बांसवाड़ा, बारबिल, बाड़मेर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, बर्नीहाट, चंद्रपुर, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दमोह, दौसा, दिल्ली, धनबाद, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, इंफाल, आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 46 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि अच्छी खबर नहीं है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 224 में से 21 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 135 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 जून 2025 को यह आंकड़ा 136 दर्ज किया गया था।
67 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में चंडीगढ़ (212) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल बद्दी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 249 रिकॉर्ड किया गया।आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 42 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधारकर 161 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं बद्दी (189) दूसरे, जबकि मुजफ्फरनगर (162) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 86, गाजियाबाद में 128, गुवाहाटी में 94, गुरूग्राम में 157, नोएडा में 124, ग्रेटर नोएडा में 118 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 94 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 100, चेन्नई में 83, चंडीगढ़ में 212, हैदराबाद में 77, जयपुर में 139 और पटना में 113 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 21 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अकोला, बागलकोट, चिक्कामगलुरु, गंगटोक, हुबली, मैहर, मैसूर, नाहरलगुन, पूर्णिया, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बारां, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर आदि 135 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।