वायु प्रदूषण में फिर अव्वल आया मेघालय का बर्नीहाट, जानें- दूसरे शहरों का हाल

देश के जहां 17 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 33 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक हैं
फोटो: आईस्टॉक
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देश में आज मेघालय के बर्नीहाट की हवा सबसे खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 01 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 311 दर्ज किया गया है। मतलब की वहां की फिजाओं में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 249 रिकॉर्ड किया गया है। गौरतलब है कि कल से गुरुग्राम की हवा में 21 अंकों का सुधार आया है, इसके बावजूद वहां वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इसी तरह राजस्थान के श्री गंगानगर में एक्यूआई 239 रिकॉर्ड किया गया।

नागौर (233) और हनुमानगढ़ (229) में भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में जहां नागौर चौथे स्थान पर है वहीं हनुमानगढ़ पांचवें स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में कोटा, झुंझुनूं, करौली, भिवाड़ी और दौसा शामिल हैं।

रुझानों पर नजर डालें तो बर्नीहाट, गुरूग्राम को छोड़ देश के सबसे प्रदूषित शहरों में बाकी राजस्थान के हैं। मतलब की देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से आठ राजस्थान के हैं।

सीपीसीबी आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि जहां बर्नीहाट, श्री गंगानगर, हनुमानगढ़ और कोटा की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे। वहीं गुरूग्राम में ओजोन का स्तर तय मानकों से कई गुणा अधिक रहा। इस दौरान चुरू और दिल्ली की ओजोन प्रदूषण का प्रमुख कारण था।

आंकड़ों के मुताबिक आज आठ शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 27 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ देश में नागपट्टिनम की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 20 दर्ज किया गया।

ऐसे में यदि बर्नीहाट की तुलना नागपट्टिनम से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा ज्यादा खराब है।

नागपट्टिनम की तरह ही देश के 38 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में हल्दिया, हुबली, कलबुर्गी, कटिहार, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सूरत, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वापी, विरुधुनगर, वृंदावन शामिल हैं।

हालांकि चिंता की बात यह है कि कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 17 फीसदी की गिरावट आई है।

अगरतला सहित देश के 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इन शहरों में देहरादून, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, झांसी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई आदि शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं देश में बाड़मेर सहित 66 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, जोधपुर, खन्ना, खुर्जा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नगांव, नोएडा, पाली, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रतलाम, राउरकेला, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सोलापुर आदि शामिल है। कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां 17 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 33 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक हैं। देश के करीब आधे शहरों की स्थिति संतोषजनक है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 227 में से 39 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 30 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 105 दर्ज किया गया था।

66 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (311) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। कल गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 270 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 14 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 184 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।  

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नागौर चौथे स्थान पर है, वहीं गुरूग्राम (249) दूसरे, जबकि श्री गंगानगर (239) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 153, गाजियाबाद में 129, गुवाहाटी में 88, गुरूग्राम में 249, नोएडा में 183, ग्रेटर नोएडा में 121 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 55 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 146, चेन्नई में 70, चंडीगढ़ में 112, हैदराबाद में 74, जयपुर में 184 और पटना में 88 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 39 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, आरा, बागलकोट, बारीपदा, बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, बोईसर, चामराजनगर, चिकबलपुर, कुड्डालोर, दमोह, हल्दिया, हुबली, कलबुर्गी, कटिहार, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सूरत, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वापी, विरुधुनगर, वृंदावन शामिल हैं।

वहीं अगरतला, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बदलापुर, बालासोर, बारबिल, बरेली, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, झांसी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पूर्णिया, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सासाराम, सतना, शिलांग, सिलीगुड़ी, सिरोही, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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