प्रदूषण में अव्वल बिहार का सासाराम, डब्ल्यूएचओ द्वारा तय मानकों से 18 गुणा ज्यादा प्रदूषण

भारत में शिलांग सहित नौ फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ है, वहीं 42 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं
प्रदूषण में अव्वल बिहार का सासाराम, डब्ल्यूएचओ द्वारा तय मानकों से 18 गुणा ज्यादा प्रदूषण
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 22 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 दर्ज किया गया है। मतलब की शिलांग देश का इकलौता ऐसा शहर है, जहां वायु गुणवत्ता विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों पर खरी है।

वहीं दूसरी तरफ देश में बिहार के सासाराम की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 292 रिकॉर्ड किया गया। गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ द्वारा तय मानकों की तुलना में सासाराम में हवा 18 गुणा खराब है।

बिहार के एक अन्य शहर हाजीपुर में भी स्थिति 'खराब' बनी हुई है, जहां वायु गुणवत्ता मानकों से करीब 15 गुणा खराब है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। वहीं 256 अंकों के साथ बर्नीहाट तीसरे स्थान पर बना हुआ है।

आसनसोल और पटना में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इन शहरों में अहमदाबाद, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बक्सर, बर्नीहाट, डूंगरपुर, हाजीपुर, कुंजेमुरा, पटना, सासाराम, वातवा शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल यानी 21 फरवरी 2025 से देश में खराब वाले शहरों की गिनती में 120 फीसदी का इजाफा हुआ है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश के करीब नौ फीसदी शहरों में हवा साफ बनी हुई है। वहीं 42 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। संतोषजनक हवा वाले शहरों का आंकड़ा कहीं ज्यादा बड़ा है। देश के करीब 49 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

रिपोर्ट के मुताबिक देश के 20 शहरों में हवा साफ बनी हुई है, जिनमें शिलांग भी शामिल हैं। इसी तरह बरेली, बठिंडा, चामराजनगर, झांसी, कलबुर्गी, खन्ना, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम आदि में हवा साफ बनी हुई है। राहत की बात रही कि 21 फरवरी 2025 से इन शहरों की गिनती में 11 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश में हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, झुंझुनूं, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, कारवार, कटिहार, क्योंझर, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नोएडा, ऊटी, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, सागर आदि 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

चिंता तो यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में मामूली गिरावट आई है। दिल्ली में तीन अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 155 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद के प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है। वहां दो अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 86 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

दिल्ली की तरह ही देश के 88 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में देवास, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हसन, हावड़ा, इंफाल, इंदौर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कटनी, खुर्जा आदि शामिल हैं। कल से इन शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के 233 में से महज 20 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 21 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 120 दर्ज किया गया।

88 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बिहार के सासाराम (292) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल हाजीपुर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 299 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में तीन अंकों की गिरावट आई है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर सुधारकर 155 पर पहुंच गया, इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से मध्यम स्तर पर पहुंच गई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज आसनसोल चौथे स्थान पर है, वहीं हाजीपुर (265) दूसरे, जबकि बर्नीहाट (256) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 86, गाजियाबाद में 89, गुरुग्राम में 129, नोएडा में 92, ग्रेटर नोएडा में 82 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 113 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 123, चेन्नई में 70, चंडीगढ़ में 101, हैदराबाद में 94, जयपुर में 95 और पटना में 228 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 20 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अजमेर, अरियालूर, बरेली, बठिंडा, चामराजनगर, झांसी, कलबुर्गी, खन्ना, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, शिलांग, शिवसागर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बारीपदा, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हल्दिया, हापुड, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, झुंझुनूं, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, कारवार, कटिहार, क्योंझर, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नोएडा, ऊटी, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, सागर, समस्तीपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिवान, सूरत, तालचेर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, उल्हासनगर, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, यादगीर आदि 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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