चार फीसदी से भी कम शहरों में हवा है साफ, जानें देश के प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण का हाल

आंकड़ों के मुताबिक 18 फरवरी 2025 को देश के जहां करीब 41 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है, वहीं 56 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं
सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई
सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के चार फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 56 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

इन शहरों में मेघालय के बर्नीहाट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 336 दर्ज किया गया है। प्रदूषण के मामले में हाजीपुर भी ज्यादा पीछे नहीं है, जो 311 अंकों के साथ वायु गुणवत्ता के मामले में दूसरे स्थान पर है। प्रदूषण के मामले में पटना तीसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 274 दर्ज किया गया है।

कमोबेश ऐसी ही स्थिति ग्वालियर (269) की है, जो प्रदूषण के मामले में चौथे स्थान पर है। इसी तरह बेगूसराय (253) पांचवें, जबकि बारबिल (241) छठे स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह सातवें स्थान पर मौजूद धौलपुर में भी एक्यूआई 237 रिकॉर्ड किया गया है।

वहीं गुरूग्राम (230) आठवें, जबकि सासाराम (227) नवें स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में भिवाड़ी भी शामिल है, जहां एक्यूआई 222 रिकॉर्ड किया गया है।

देखा जाए तो देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल (17 फरवरी) से प्रदूषण के स्तर में 22 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 209 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही देश के 12 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है।

इन शहरों में  बारबिल, बेगूसराय, भिवाड़ी, धौलपुर, दुर्गापुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, लखनऊ, मंडीदीप, मुजफ्फरपुर, पटना, सासाराम शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 117 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं देश के जिन तीन फीसदी शहरों में हवा साफ है, उनमें तिरुनेलवेली की स्थिति सबसे बेहतर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 40 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के छोटे बड़े आठ शहरों में हवा साफ बनी हुई है।

इन शहरों में चामराजनगर, झांसी, कांचीपुरम, रामनाथपुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 43 फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों के मुताबिक अगरतला सहित देश के 95 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, कारवार, कटिहार, खन्ना, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नासिक, ऊटी आदि शहर शामिल हैं।

कल (17 फरवरी) से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के जहां करीब 41 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है, वहीं करीब 56 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

फरीदाबाद की बात करें तो कल से एक्यूआई में चार अंकों का सुधार आया है, जिसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 161 पर पहुंच गया। हालांकि फरीदाबाद की हवा अभी भी मध्यम श्रेणी में है। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 115 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में कानपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोटा, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी आदि शामिल हैं। कल से देखें तो इन शहरों की संख्या में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 233 में से महज 8 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 95 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया।

115 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (336) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल सासाराम में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 269 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 22 अंकों की भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर सुधारकर 209 पर पहुंच गया, हालांकि इसके बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता अभी भी ‘खराब’ बनी हुई है। 

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज ग्वालियर चौथे स्थान पर है, वहीं हाजीपुर (311) दूसरे, जबकि पटना (274) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 161, गाजियाबाद में 133, गुरुग्राम में 230, नोएडा में 140, ग्रेटर नोएडा में 164 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 110 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 221, चेन्नई में 104, चंडीगढ़ में 96, हैदराबाद में 90, जयपुर में 117 और पटना में 274 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन आठ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर, झांसी, कांचीपुरम, रामनाथपुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, चंडीगढ़, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, कारवार, कटिहार, खन्ना, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नासिक, ऊटी, पालकलाईपेरुर, परभनी, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, टोंक, उडुपी, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर आदि 95 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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