
देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का सिलसिला लगातार जारी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आज यानी 17 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में बिहार के सासाराम की हवा सबसे प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 269 रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि कल गुरुग्राम की स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल (16 फरवरी 2025) से प्रदूषण के स्तर में 63 अंकों की भारी गिरावट आई है। इसके बावजूद दिल्ली प्रदूषण के मामले में आज दूसरे स्थान पर बना हुआ है।
गुरुग्राम आज तीसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 228 दर्ज किया गया। पटना में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है और वो चौथे स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह औरंगाबाद (बिहार) पांचवे, जबकि बेगूसराय (202) छठे स्थान पर है। यह वो शहर भी हैं जहां वायु गुणवत्ता का स्तर खराब बना हुआ है।
हालांकि राहत की बात रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 65 फीसदी की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ देश में थूथुकुडी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 30 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि सासाराम की तुलना थूथुकुडी से करें तो वहां स्थिति आठ गुणा खराब है। थूथुकुडी की तरह ही देश के 13 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में कांचीपुरम, मंगलौर, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, सिरोही, तंजावुर, थूथुकुडी, विजयपुरा आदि शामिल हैं। वहीं कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में भी 13 फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों पर नजर डालें तो जहां देश के छह फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 52 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह करीब 42 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
देश में अगरतला सहित 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नासिक, ऊटी, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्रीगंगानगर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम आदि शामिल हैं।
वहीं कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।
अहमदाबाद सहित देश में छोटे बड़े 110 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।
इन शहरों में भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हापुड, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा आदि शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में चार फीसद से ज्यादा की गिरावट आई है। फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में 50 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। इसके साथ ही वहां प्रदूषण का स्तर मध्यम से खराब हो गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 223 में से महज 14 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 93 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 16 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 83 दर्ज किया गया।
110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में सासाराम (269) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 270 के करीब पहुंच गया। वहीं कल गुरूग्राम में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 304 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 63 अंकों का भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर सुधारकर 231 पर पहुंच गया, हालांकि इसके बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता अभी भी खराब बनी हुई है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज पटना चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (231) दूसरे, जबकि गुरूग्राम (228) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 165, गाजियाबाद में 129, गुरुग्राम में 228, नोएडा में 164, ग्रेटर नोएडा में 158 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 91 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 193, चेन्नई में 82, चंडीगढ़ में 184, हैदराबाद में 87, जयपुर में 140 और पटना में 213 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, दमोह, हावेरी, हुबली, झांसी, कांचीपुरम, मंगलौर, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, सिरोही, तंजावुर, थूथुकुडी, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जालौर, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, कटिहार, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नासिक, ऊटी, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्रीगंगानगर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम आदि 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का सिलसिला लगातार जारी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आज यानी 17 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में बिहार के सासाराम की हवा सबसे प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 269 रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि कल गुरुग्राम की स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल (16 फरवरी 2025) से प्रदूषण के स्तर में 63 अंकों की भारी गिरावट आई है। इसके बावजूद दिल्ली प्रदूषण के मामले में आज दूसरे स्थान पर बना हुआ है।
गुरुग्राम आज तीसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 228 दर्ज किया गया। पटना में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है और वो चौथे स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह औरंगाबाद (बिहार) पांचवे, जबकि बेगूसराय (202) छठे स्थान पर है। यह वो शहर भी हैं जहां वायु गुणवत्ता का स्तर खराब बना हुआ है।
हालांकि राहत की बात रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 65 फीसदी की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ देश में थूथुकुडी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 30 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि सासाराम की तुलना थूथुकुडी से करें तो वहां स्थिति आठ गुणा खराब है। थूथुकुडी की तरह ही देश के 13 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में कांचीपुरम, मंगलौर, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, सिरोही, तंजावुर, थूथुकुडी, विजयपुरा आदि शामिल हैं। वहीं कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में भी 13 फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों पर नजर डालें तो जहां देश के छह फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 52 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह करीब 42 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
देश में अगरतला सहित 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नासिक, ऊटी, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्रीगंगानगर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम आदि शामिल हैं।
वहीं कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।
अहमदाबाद सहित देश में छोटे बड़े 110 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।
इन शहरों में भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हापुड, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा आदि शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में चार फीसद से ज्यादा की गिरावट आई है। फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में 50 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। इसके साथ ही वहां प्रदूषण का स्तर मध्यम से खराब हो गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 223 में से महज 14 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 93 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 16 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 83 दर्ज किया गया।
110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में सासाराम (269) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 270 के करीब पहुंच गया। वहीं कल गुरूग्राम में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 304 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 63 अंकों का भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर सुधारकर 231 पर पहुंच गया, हालांकि इसके बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता अभी भी खराब बनी हुई है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज पटना चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (231) दूसरे, जबकि गुरूग्राम (228) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 165, गाजियाबाद में 129, गुरुग्राम में 228, नोएडा में 164, ग्रेटर नोएडा में 158 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 91 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 193, चेन्नई में 82, चंडीगढ़ में 184, हैदराबाद में 87, जयपुर में 140 और पटना में 213 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, दमोह, हावेरी, हुबली, झांसी, कांचीपुरम, मंगलौर, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, सिरोही, तंजावुर, थूथुकुडी, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जालौर, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, कटिहार, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नासिक, ऊटी, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्रीगंगानगर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम आदि 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।