देश के बाकी शहरों को पीछे छोड़ ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 373 पर पहुंच गया है। इसी तरह बद्दी में भी एक्यूआई 301 दर्ज किया गया है। वहीं यदि देश के सबसे साफ हवा वाले शहर की बात करें तो गंगटोक में वायु गुणवत्ता सूचकांक 27 दर्ज किया गया है। यदि ग्रेटर नोएडा में मौजूद प्रदूषण की तुलना गंगटोक से करें तो वहां हवा में घुला जहर 14 गुणा ज्यादा है। राजधानी दिल्ली को देखें तो थोड़े समय के लिए प्रदूषण में गिरावट जरूर आई, लेकिन इसके बाद एक बार फिर वायु गुणवत्ता खराब हो गई है, जहां कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक में 55 अंकों का इजाफा हुआ है। फरीदाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां कल से प्रदूषण के स्तर में 25 अंकों की बढ़ोतरी हुई है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश के 24 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में बागपत (252), बहादुरगढ़ (206), बल्लभगढ़ (221), भिवाड़ी (241), बिलीपाड़ा (255), धौलपुर (205), गाजियाबाद (222), ग्वालियर (216), कैथल (265), खुर्जा (205), कुरुक्षेत्र (232), मंडी गोविंदगढ़ (235), मेरठ (239), मुजफ्फरनगर (263), नोएडा (256), पंचकुला (226) शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में 200 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी 21 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इन शहरों की संख्या भी बढ़कर 34 पर पहुंच गई है। इन शहरों में चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, देवास, गडग, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, कारवार, कोप्पल, मदिकेरी, मंगलौर, मोतिहारी, मैसूरु, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नारनौल, पिंपरी-चिंचवाड़, रामनगर आदि शहर शामिल थे। देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी कल से 14 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इन शहरों की संख्या 94 से बढ़कर 107 पर पहुंच गया है। इनमें अलवर, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, चिक्काबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, कुड्डालोर, दौसा, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जबलपुर, जलना, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, आदि शहर शामिल थे।
देश के 71 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में अमृतसर, अनंतपुर, आसनसोल, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बठिंडा, भरतपुर, भिवानी, भोपाल, बीदर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बुलंदशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छाल, चित्तौड़गढ़, चूरू, देहरादून, धुले, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गुरुग्राम, हाजीपुर, हापुड़, हिसार, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जींद, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, खन्ना, लखनऊ, लुधियाना, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मानेसर, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नागौर, नांदेड़, पाली, पलवल, पानीपत, परभनी , पीथमपुर, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरसा, सोलापुर, सोनीपत जैसे शहर शामिल थे। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 32 फीसदी की गिरावट आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 01 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 238 में से 34 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 107 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 31 मई 2024 यह आंकड़ा 94 दर्ज किया गया था।
71 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 24 शहरों बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, दिल्ली, धौलपुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्वालियर, कैथल, खुर्जा, कुरुक्षेत्र, मंडी गोविंदगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पंचकुला, पटियाला, रोहतक, रूपनगर, सिंगरौली, श्री गंगानगर, सुआकाती में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (373) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।
यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 55 अंक बढ़कर 245 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 212, गाजियाबाद में 222, गुरुग्राम में 182, नोएडा में 256, ग्रेटर नोएडा में 373 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 62 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 130, चेन्नई में 85, चंडीगढ़ में 182, हैदराबाद में 94, जयपुर में 129 और पटना में 97 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
हल्दिया (49) सहित देश के जिन 34 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा 50, अरियालुर 42, बरेली 41, बेलगाम 40, चामराजनगर 41, कोयंबटूर 38, कुड्डालोर 43, गडग 44, गंगटोक 38, गुवाहाटी 36, हावेरी 41, कन्नूर 42, कारवार 39, मदिकेरी 34, मंगलौर 45, मैसूरु 43, नारनौल 46, रामनगर 36, रामनाथपुरम 28, सिलचर 44, सिलीगुड़ी 25, शिवसागर 41, तिरुवनंतपुरम 40, तिरुपुर 49, वाराणसी 48, विजयपुरा 39, वृंदावन 46 शामिल रहे।
वहीं अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, बर्नीहाट , चंद्रपुर, चेन्नई, चिक्काबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, कुड्डालोर, दौसा, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जबलपुर, जलना, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मैहर, मालेगांव, मिलुपारा, मीरा-भयंदर, मुंबई, मुंगेर, नागांव, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुचेरी, पुणे, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, सागर, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिरोही, तालचेर, टेनसा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, तुमडीह, उल्हासनगर, वापी, वातवा , विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर, आदि 107 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।
वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
दूसरी तरफ देश में अमरावती में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है। यदि अमरावती में प्रदूषण की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा से करें तो वहां हवा 17 गुणा साफ है। इसी तरह देश 34 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। यदि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। ऐसा ही कुछ संतोषजनक हवा वाले शहरों के साथ भी हुआ है, जिनकी संख्या में कल से दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि इन शहरों की संख्या 92 बनी हुई है। इनमें अंबाला, अमरावती, बदलापुर, बालासोर, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर आदि शहर शामिल हैं।
देश के 75 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया है। इन शहरों में बागपत, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, धनबाद, धारूहेड़ा, धुले, गडग, ग्वालियर आदि शहर शामिल रहे। कल से देखें तो इन शहरों के आंकड़े में आठ फीसदी की गिरावट आई है।