बड़े शहरों को पीछे छोड़ प्रदूषण में अव्वल मुजफ्फरनगर, दिल्ली में सुधरी हवा

दिल्ली जो कल प्रदूषण में अव्वल था, वहां 110 अंकों के भारी सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 168 पर पहुंच गया
बड़े शहरों को पीछे छोड़ प्रदूषण में अव्वल मुजफ्फरनगर, दिल्ली में सुधरी हवा
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देश में दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 278 तक पहुंच गया है। मतलब की हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।

वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 17 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक कल देश में दिल्ली और बागपत में स्थिति सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 278 दर्ज किया गया था।

रुझानों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में बद्दी (271) दूसरे जबकि राजगीर (248) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह मेरठ, जोकि आज चौथे स्थान पर है, वहां एक्यूआई 205 दर्ज किया गया है। मतलब की देश के इन चार शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। 16 मई 2025 को 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती नौ दर्ज की गई थी। मतलब की इनकी गिनती में करीब 56 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि अच्छी खबर है।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में लखनऊ (188) पांचवें जबकि श्रीगंगानगर (177) छठे स्थान पर है। आगरा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 176 दर्ज किया गया है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में चंडीगढ़ (176), सासाराम (174) और प्रयागराज (170) भी शामिल हैं।

आंकड़ों को देखें तो जहां मुजफ्फरनगर, राजगीर, लखनऊ, सासाराम आदि में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे। वहीं मेरठ, बद्दी, चंडीगढ़ में ओजोन, जबकि श्रीगंगानगर, आगरा और प्रयागराज में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है।

राजधानी दिल्ली जो कल प्रदूषण में अव्वल था, वहां 110 अंकों के भारी सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 168 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'खराब' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।

दिल्ली की तरह ही देश के 52 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में भरतपुर, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, छपरा, कटक, दौसा, धनबाद, धौलपुर, फिरोजाबाद, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर आदि शामिल हैं। कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी 28 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ बेलगाम की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 22 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर मुजफ्फरनगर की तुलना बेलगाम से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है।

बेलगाम की तरह ही देश के 40 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में गुवाहाटी, हल्दिया, हुबली, जलगांव, कलबुर्गी, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नंदेसरी, पालकालाइपेरुर, रामनगर, रामनाथपुरम, सिलचर, सिलीगुड़ी आदि शामिल हैं।

राहत की खबर यह है कि देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी की वृद्धि हुई है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में अलवर सहित छोटे बड़े 132 शहरों  में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कांचीपुरम, करौली, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मुरादाबाद, मोतिहारी आदि शामिल हैं।

साफ हवा वाले शहरों की तरह ही कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी 27 फीसदी का इजाफा हुआ है।

रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि देश में जहां करीब 18 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 25 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह 57 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 230 में से 41 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 132 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 16 मई 2025 को यह आंकड़ा 104 दर्ज किया गया था।

53 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में मुजफ्फरनगर (278) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 280 के करीब पहुंच गया। कल दिल्ली-बागपत में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 278 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 110 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 168 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज मेरठ चौथे स्थान पर है, वहीं बद्दी (271) दूसरे, जबकि राजगीर (248) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 169, गाजियाबाद में 134, गुवाहाटी में 47, गुरूग्राम में 133, नोएडा में 150, ग्रेटर नोएडा में 128 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 78 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 188, चेन्नई में 65, चंडीगढ़ में 176, हैदराबाद में 71, जयपुर में 100 और पटना में 112 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 41 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अकोला, बेलगाम, बेतिया, भिलाई, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, एलूर, गुवाहाटी, हल्दिया, हुबली, जलगांव, कलबुर्गी, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नंदेसरी, पालकालाइपेरुर, रामनगर, रामनाथपुरम, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कांचीपुरम, करौली, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिरोही, सोलापुर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 132 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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