
गुरुग्राम में बढ़ता प्रदूषण हावी है, स्थिति यह है कि वहां 150 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 300 के पार पहुंच गया। मतलब कि गुरुग्राम की हवा मध्यम श्रेणी से सीधे बेहद खराब हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 15 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है कि इस दौरान गुरुग्राम की हवा में ओजोन हावी रहा।
प्रदूषण में जहां आज गुरुग्राम अव्वल है। वहीं 256 अंकों के साथ मेघालय का बर्नीहाट दूसरे स्थान पर है। कल से बर्नीहाट में भी प्रदूषण के स्तर में 13 अंकों का इजाफा हुआ है।
इसी तरह 205 अंकों के साथ खुर्जा तीसरा सबसे प्रदूषित शहर है। वहीं चूरू में भी हवा खराब बनी हुई है, जहां एक्यूआई 201 दर्ज किया गया। गौरतलब है कि आज जहां बर्नीहाट, खुर्जा और चूरू तीन शहरों में हवा खराब दर्ज की गई। वहीं खराब हवा वाले शहरों की गिनती दो थी।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में तिरुमाला (188) पांचवें जबकि झुंझुनूं (181) छठे पायदान पर है। ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 181 अंकों के साथ सातवां सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह बीकानेर (176), बुलन्दशहर (171) और नोएडा (159) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 32 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 47 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ देश के 20 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
दूसरी तरफ देश में आज आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 10 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गुरूग्राम की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 29 गुणा खराब है।
गुरूग्राम की तरह ही आज देश में तिरुमाला, झुंझुनूं, हाजीपुर, भरतपुर, बरेली आदि शहरों की हवा में ओजोन हावी है। वहीं बर्नीहाट, समस्तीपुर, नंदेसरी आदि में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक है। इसी तरह देश में खुर्जा, चुरू, ग्रेटर नोएडा, बीकानेर, बुलन्दशहर, नोएडा, बद्दी, गाजियाबाद, हापुड, दिल्ली, बाड़मेर, सीकर, बठिंडा आदि में पीएम10 से हालात खराब हैं।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही 16 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 140 पर पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
दिल्ली की तरह ही देश के 39 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में भरतपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, छपरा, दौसा, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनूं, खन्ना, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मिलुपारा, मुजफ्फरपुर, नागौर, नंदेसरी, नोएडा, आदि शामिल हैं। कल दे देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
वहीं देश में आइजोल सहित 70 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में गंगटोक, हल्दिया, हसन, हुबली, कलबुर्गी, करूर, काशीपुर, क्योंझर, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंगलौर, मुंगेर, मैसूर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सलेम, सांगली आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश में छोटे-बड़े 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में चित्तौड़गढ़, कटक, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 217 में से 70 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 14 जून 2025 को यह आंकड़ा 119 दर्ज किया गया था।
40 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (304) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। कल बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 243 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 16 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 140 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चुरू चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (256) दूसरे, जबकि खुर्जा (205) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 67, गाजियाबाद में 146, गुवाहाटी में 103, गुरूग्राम में 304, नोएडा में 159, ग्रेटर नोएडा में 181 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 53 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 104, चेन्नई में 53, चंडीगढ़ में 107, हैदराबाद में 80, जयपुर में 120 और पटना में 94 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 70 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, धुले, डिंडीगुल, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हुबली, कलबुर्गी, करूर, काशीपुर, क्योंझर, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंगलौर, मुंगेर, मैसूर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सलेम, सांगली, शिवमोगा, शिवसागर, सोलापुर, श्री विजया पुरम, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उल्हासनगर, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारबिल, बेगूसराय, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागपुर, नासिक, पंचगांव, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, राउरकेला, सागर, सहरसा, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिरोही, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, वापी, वाराणसी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।