प्रदूषण के मामले में पाली रहा अव्वल, वहीं साफ हवा वाले शहरों में हुआ करीब दस फीसदी का इजाफा

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो पाली में प्रदूषण का स्तर तय सीमा से 780 फीसदी ज्यादा है
फोटो: सम्राट मुखर्जी/ सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट
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प्रदूषण के मामले में पाली सबसे आगे है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 132 दर्ज किया गया है। दूसरी तरफ पालकलाईपेरुर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 12 है। मतलब की पालकलाईपेरुर की तुलना में पाली की हवा 11 गुणा खराब है। इसी तरह ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, और श्रीगंगानगर में भी स्थिति चिंताजनक है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 120 के ऊपर है।

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो पाली में प्रदूषण का स्तर 780 फीसदी ज्यादा है। इसी तरह श्रीगंगानगर में भी हवा डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी गुणवत्ता मानकों से 767 फीसदी खराब है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में सिंगरौली, बिलीपाड़ा, तुमकुरु, इंफाल, मानेसर, और नोएडा भी शामिल थे। वहीं दूसरी तरफ देश में पालकलाईपेरुर सहित 103 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है।

बता दें कि इन शहरों में कटक, दौसा, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हुबली, इंदौर, जबलपुर, कडपा, कल्याण, करौली, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 9.6 फीसदी का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है। इस गिरावट के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक 19 अंक चढ़कर 85 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही है, जहां कल से सूचकांक में 10 अंकों का उछाल आया है। इसके बाद फरीदाबाद में एक्यूआई बढ़कर 72 पर पहुंच गया।

राहत की बात रही कि इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक बना हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 123 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक स्तर पर है।

इन शहरों में हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कानपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी आदि शामिल थे।

वहीं कल की तुलना में देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है। देश में प्रदूषण की स्थिति को लेकर जो रिपोर्ट जारी की गई है, उसके मुताबिक देश के नौ शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम दर्जे की है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या जस की तस बनी हुई है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में बिलीपाड़ा, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, इंफाल, मानेसर, पाली, सिंगरौली, श्रीगंगानगर, तुमकुरु में स्थिति चिंताजनक है। कुल मिलकर देखें तो देश में 43 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है, जबकि 53 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। वहीं करीब चार फीसदी शहरों में स्थिति चिंताजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 237 में से 103 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 125 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 20 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 115 दर्ज किया गया था। नौ शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में पाली (132) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 150 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (85) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 19 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 82, गाजियाबाद में 84, गुरुग्राम में 127, नोएडा में 98, ग्रेटर नोएडा में 122 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 55 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 55, चेन्नई में 82, चंडीगढ़ में 72, हैदराबाद में 63, जयपुर में 61 और पटना में 61 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 103 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती, अमरावती, अरियालूर, आरा, बागलकोट, बहादुरगढ़, बारां, बरेली, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कटक, दौसा, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हुबली, इंदौर, जबलपुर, कडपा, कल्याण, करौली, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पालकलाईपेरुर, परभनी, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, रोहतक, सासाराम, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, टोंक, उडुपी, वातवा, विजयपुरा, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलगाम, भिलाई, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बीदर, बीकानेर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, दिल्ली, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कानपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नवी मुंबई, नोएडा, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रायरंगपुर, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर आदि 125 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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