प्रदूषण में डूबा हरियाणा: सोनीपत में सांस लेना हुआ दुश्वार, बना देश का सबसे प्रदूषित शहर

आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के सात शहर (सोनीपत, पानीपत, जींद, यमुनानगर, मानेसर, भिवानी, पंचकुला) शामिल हैं
प्रदूषण और कोहरे के आगोश में सड़क; प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक
प्रदूषण और कोहरे के आगोश में सड़क; प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक
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सारांश
  • हरियाणा के सोनीपत में वायु प्रदूषण ने खतरनाक स्तर पर पहुंचकर सांस लेना मुश्किल कर दिया है। एक्यूआई 313 के पार होने से यह शहर देश का सबसे प्रदूषित बन गया है।

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 1,980 फीसदी अधिक प्रदूषण के कारण यहां की हवा बेहद जहरीली हो गई है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है।

  • राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 202 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में हालात अभी भी ‘खराब’ बने हुए हैं

  • आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 171 रिकॉर्ड किया गया है।

  • आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में पानीपत (302) दूसरे जबकि जींद (301) तीसरे स्थान पर है।

  • इसी तरह 274 अंकों के साथ यमुनानगर चौथे स्थान पर है। मानेसर-लखनऊ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 269 और 254 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में सोनीपत की हवा सबसे ज्यादा जहरीले है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 313 दर्ज किया गया है। मतलब कि वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' रिकॉर्ड की गई है। वहीं कल सरकारी आंकड़ों में सोनीपत का जिक्र नहीं था।

रुझानों में सामने आया है कि आज वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

सोनीपत में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 1,980 फीसदी अधिक है। दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया।

ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर सोनीपत की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 25 गुणा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 05 नवंबर, 2025 को 252 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 12.7 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं करीब 46.4 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 40.9 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा संतोषजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में भी एक फीसदी से कम की मामूली गिरावट आई है।

इसी तरह देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 17.8 फीसदी का इजाफा हुआ है। आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस है, जबकि बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है। 

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 202 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में हालात अभी भी ‘खराब’ बने हुए हैं। वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 230 फीसदी अधिक प्रदूषित है।

आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 171 रिकॉर्ड किया गया है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में पानीपत (302) दूसरे जबकि जींद (301) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 274 अंकों के साथ यमुनानगर चौथे स्थान पर है। मानेसर-लखनऊ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 269 और 254 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज हल्दिया (252) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बैरकपुर (248), भिवानी (248), और पंचकुला (245) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के सात (सोनीपत, पानीपत, जींद, यमुनानगर, मानेसर, भिवानी, पंचकुला) शहर शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां सोनीपत, पानीपत, जींद, यमुनानगर, मानेसर, हल्दिया, बैरकपुर, भिवानी, पंचकुला, रोहतक, हावड़ा, गुरूग्राम, हाजीपुर, काशीपुर, कोलकाता, करनाल, नारनौल, बारबिल, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, अम्बाला, हापुड, पटना, सिंगरौली, बालासोर, गुम्मिडिपूंडी, बद्दी, बल्लभगढ़, खुर्जा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, बेगूसराय, आसनसोल, मुरादाबाद, चरखी दादरी, फरीदाबाद, ब्यासनगर, जालंधर, मुजफ्फरनगर, कटक, चंडीगढ़, देहरादून, अमृतसर, बारीपदा, अंगुल, खन्ना, लुधियाना आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं लखनऊ, नोएडा, जैसलमेर, भागलपुर, बीकानेर, गया, मेरठ, क्योंझर, बागपत, दुर्गापुर, बिलीपाड़ा, श्री गंगानगर, टोंक, बाड़मेर, फिरोजाबाद, जालौर, चंद्रपुर, आगरा, नागौर, अजमेर, भीलवाड़ा, बोईसर, विशाखापत्तनम, ब्रजराजनगर, धनबाद, गांधीनगर, कुड्डालोर, सीकर, बूंदी, सिरोही, उदयपुर, चुरू, बरेली, अहमदाबाद, हिसार, प्रतापगढ़, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, पटियाला, वाराणसी, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, मंगुराहा आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 12.7 फीसदी यानी 32 शहरों में हवा साफ है।

इन साफ हवा वाले शहरों में झांसी, करूर, कोल्हापुर, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मैसूर, नासिक, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पेरुंदुरई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, शिवसागर, तिरुमाला आदि शामिल हैं। 

कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 20 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब एक फीसदी की मामूली कमी दर्ज की गई है।

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें भोपाल, बिलासपुर, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दौसा, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फतेहाबाद, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, करौली, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, कोटा, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, नवी मुंबई आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 74 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बेगूसराय, भीलवाड़ा, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चुरू, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, धनबाद, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हिसार, जबलपुर, जालंधर, जालौर, कल्याण, कानपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, श्री गंगानगर, तालचेर, टोंक, उदयपुर, वाराणसी, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 18 फीसदी का इजाफा हुआ है। 

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 26 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अम्बाला, बारबिल, बैरकपुर, भागलपुर, भिवानी, भुवनेश्वर, बुलन्दशहर, दिल्ली, गाजियाबाद, गुरूग्राम, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, जैसलमेर, करनाल, काशीपुर, कोलकाता, लखनऊ, मानेसर, नारनौल, नोएडा, पंचकुला, पटना, रोहतक, यमुनानगर शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के तीन शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में जींद, पानीपत, सोनीपत शामिल हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 252 में से 32 शहरों (-20) में हवा 'बेहतर' है। 117 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 04 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 118 दर्ज किया गया था।

72 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज सोनीपत (313) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। वहीं कल थूथुकुडी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 दर्ज किया गया था। वहीं आज थूथुकुडी में एक्यूआई महज 84 रिकॉर्ड किया गया है। मतलब की कल से तमिलनाडु के इस शहर के वायु गुणवत्ता सूचकांक में 322 अंकों का भारी सुधार आया है।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। दिल्ली में 89 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 202 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ बनी हुई है। आज फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, जहां 23 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई 171 दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सिवान चौथे स्थान पर है, वहीं रोहतक (329) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (325) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 82, गाजियाबाद में 207, गुवाहाटी में 57, गुरूग्राम में 225, नोएडा में 215, ग्रेटर नोएडा में 187 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 68 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 254, चेन्नई में 95, चंडीगढ़ में 152, हैदराबाद में 68, जयपुर में 91 और पटना में 202 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 32 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, बहादुरगढ़, बीदर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छपरा, दावनगेरे, गडग, झांसी, करूर, कोल्हापुर, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मैसूर, नासिक, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पेरुंदुरई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, शिवसागर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उडुपी, वेल्लोर, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारां, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बिलासपुर, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दौसा, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फतेहाबाद, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, करौली, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, कोटा, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पाली, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरसा, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तुमिडीह, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 117 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर मध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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