वायु प्रदूषण: राजस्थान का हनुमानगढ़ अव्वल, अगरतला में 333 पर पहुंचा ओजोन

हनुमानगढ़ में जहां पीएम10 हावी है। वहीं अगरतला में ओजोन से सांस लेना दुश्वार हो गया है
फोटो: सम्राट मुखर्जी/ सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट
फोटो: सम्राट मुखर्जी/ सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट
Published on

देश में आज हनुमानगढ़ की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 380 तक पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के करीब 42 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक है, जिनमें हनुमानगढ़ अव्वल है। हनुमानगढ़ की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी हैं।

इसी तरह अगरतला जहां कल वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 24 दर्ज किया गया था। वहीं आज यह 309 अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 333 तक पहुंच गया है।

अगरतला की हवा में आज ओजोन पूरी तरह हावी है। इन दोनों शहरों में हवा बेहद खराब है जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि यहां की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

वहीं दूसरी तरफ आज भिवाड़ी देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर है, जहां एक्यूआई 252 दर्ज किया गया है। हालांकि कल से देखें तो भिवाड़ी की वायु गुणवत्ता में 40 अंकों का सुधार आया है। राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में मामूली गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में सूचकांक 246 पर पहुंच गया है।

बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली देश में चौथे स्थान पर है। मुजफ्फरनगर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 240 दर्ज किया गया है। मुजफ्फरनगर आज पांचवा सबसे प्रदूषित शहर रहा। वहीं बठिंडा (237) छठे, जबकि देहरादून (232) सातवें स्थान पर है।

पटना भी ज्यादा पीछे नहीं है, जो आज आठवें स्थान पर है। वहां एक्यूआई 228 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह गोरखपुर (218) और श्रीगंगानगर (208) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।

रुझानों पर नजर डालें तो आज देश के दस शहरों में हवा 'खराब' है। इन शहरों में गाजियाबाद और नोएडा भी शामिल हैं। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ पुदुचेरी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 21 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हनुमानगढ़ की तुलना पुदुचेरी से करें तो वहां स्थिति 17 गुणा खराब है। पुदुचेरी की तरह ही देश के 24 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में चेन्नई, कुड्डालोर, हल्दिया, हुबली, कलबुर्गी, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिवसागर आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब चार फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि अनंतपुर सहित देश के 100 शहरों में हवा संतोषजनक है।

इन शहरों में गुवाहाटी, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, सागर, सहरसा, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर आदि शहर शामिल हैं।

साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में सन्तोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब तीन फीसदी की गिरावट आई है।

भरतपुर सहित देश के 79 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोटा, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, नागौर, नयागढ़, पाली आदि शामिल हैं। कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी छह फीसदी की गिरावट आई है।

विश्लेषण से पता चला है कि देश के करीब 12 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 46 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ 42 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 216 में से महज 25 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 100 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 103 दर्ज किया गया था।

79 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में हनुमानगढ़ (380) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। कल भिवाड़ी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 292 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आई है। इसके साथ ही एक अंक के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 246 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं अगरतला (333) दूसरे, जबकि भिवाड़ी (252) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 135, गाजियाबाद में 206, गुवाहाटी में 67, गुरूग्राम में 156, नोएडा में 202, ग्रेटर नोएडा में 166 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 69 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 171, चेन्नई में 46, चंडीगढ़ में 119, हैदराबाद में 81, जयपुर में 163 और पटना में 228 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 25 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर, बागलकोट, बेलगाम, चामराजनगर, चेन्नई, कुड्डालोर, हल्दिया, हुबली, कलबुर्गी, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वापी शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, बदलापुर, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, सागर, सहरसा, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 100 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in