देश के कई शहरों में बढ़ता प्रदूषण अब भी जानलेवा बना हुआ है। इन शहरों में हाजीपुर भी शामिल है, जहां प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि कल के मुकाबले हाजीपुर में प्रदूषण के स्तर में गिरावट जरूर आई है, लेकिन इसके बावजूद वहां सांसों पर लगा आपातकाल जारी है।
ताजा रुझानों के मुताबिक हाजीपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 403 पर बना हुआ है। मतलब की वहां अभी भी वायु गुणवत्ता 'गंभीर' बनी हुई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ें पर गौर करें तो वो देश के दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है। लेकिन वहां कल से प्रदूषण में भारी गिरावट आई है, जहां 48 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 371 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी 'बेहद खराब' है, जो लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है।
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी 24 गुणा ज्यादा खराब है।
देश में दिल्ली की तरह ही 11 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। इन शहरों में बहादुरगढ़, बेतिया, बक्सर, चरखी दादरी, धारूहेड़ा, मुजफ्फरपुर, राजगीर, रोहतक, सिंगरौली, सिरसा और टोंक शामिल हैं।
राहत की बात रही की कल से देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। इसी तरह देश में 'गंभीर' हवा वाले शहरों की संख्या में भी 66 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
दिल्ली की तरह ही फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। जहां 16 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 243 पर पहुंच गया। फरीदाबाद की तरह ही देश के 71 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।
इन शहरों में अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद बिहार, बल्लभगढ़, बारां, बैरकपुर, बेगूसराय, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बिहारशरीफ, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, धुले, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हिसार, हावड़ा, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, जींद, कैथल, कटनी, खन्ना, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मानेसर, मुंगेर, नागौर, नागपुर, नोएडा, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, सागर, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सोनीपत, तालचेर, उज्जैन, यमुनानगर शामिल हैं।
वहीं कल की तुलना में देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में 33 फीसदी से ज्यादा उछाल आया है।
दूसरी तरफ देश में कांचीपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 27 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 14 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 45 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, विजयवाड़ा आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
अगरतला की तरह ही देश के 108 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कटक, दौसा, दावनगेरे, देवास, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, करूर, कटिहार, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचकुला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सांगली, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, ठाणे, तिरुपति, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, यादगीर शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 16 फीसदी की गिरावट आई है। कुल मिलाकर देखें तो देश में वायु गुणवत्ता कल से बेहतर हुई है। हालांकि अभी भी देश में छह फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ है, जबकि 76 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 253 में से महज 15 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 45 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 19 नवंबर 2024 को यह आंकड़ा 46 दर्ज किया गया था। 108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (403) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 410 के करीब पहुंच गया। हालांकि कल बहादुरगढ़ में हवा कहीं ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई 423 दर्ज किया गया था।
वहीं राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में अच्छी खासी गिरावट आई है। इसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक में 48 अंकों की गिरावट के साथ 371 पर पहुंच गया है। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में अब भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। मतलब की इस महीने में लगातार 20 दिनों से दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
पांच दिनों से दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार था, लेकिन आज उसमें कुछ राहत जरूर मिली है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली, हाजीपुर के बाद दूसरे स्थान पर है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 243, गाजियाबाद में 291, गुरुग्राम में 298, नोएडा में 253, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 212 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 276, चेन्नई में 114, चंडीगढ़ में 211, हैदराबाद में 117, जयपुर में 274 और पटना में 256 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 15 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, कुड्डालोर, कांचीपुरम, कोलार, मदिकेरी, मंगलौर, नगांव, नलबाड़ी, ऊटी, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल रहे।
वहीं अनंतपुर, अरियालूर, बरेली, बेंगलुरु, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, देहरादून, धारवाड़, फिरोजाबाद, गडग, गुवाहाटी, हसन, कलबुर्गी, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मदुरै, मुरादाबाद, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पालकलाईपेरुर, पलवल, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 45 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।