
देश में आज ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 211 पर पहुंच गया। इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी रहे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 13 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है कि कल खन्ना की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी। हालांकि कल से आज वहां वायु गुणवत्ता में 102 अंकों का सुधार आया है।
रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 30 फीसदी शहरों की हवा साफ है। इसी तरह 44 फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्त्ता संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ करीब 26 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
वहीं प्रदूषण के मामले में चित्तौड़गढ़ (206) दूसरे, जबकि जलगांव (204) तीसरे स्थान पर है। इन दोनों शहरों में हवा खराब बनी हुई है। इस तरह आज देश के तीन शहरों में हवा खराब दर्ज की गई है। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
इसी तरह 200 अंकों के साथ गुरूग्राम चौथे स्थान पर है। गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही दर्ज की गई है, जहां एक्यूआई 189 दर्ज किया गया है, जोकि आज पांचवें स्थान पर है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में आठ अंकों की गिरावट आई है। इसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 187 पर पहुंच गया है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में झुंझुनूं सातवें पायदान पर है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बुलन्दशहर (178), नोएडा (178) और बद्दी (174) भी शामिल हैं।
विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि देश में चित्तौड़गढ़, भरतपुर, झालावाड़, हाजीपुर आदि शहरों की हवा में ओजोन का स्तर अधिक है। वहीं जलगांव, कोटा, खन्ना, चंडीगढ़, भिवाड़ी आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण यानी पीएम2.5 अधिक हैं।
इसी तरह ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गाजियाबाद, दिल्ली, झुंझुनूं, बुलन्दशहर, नोएडा, बद्दी, बागपत, हापुड, सवाई माधोपुर, करौली, दौसा, पाली, चुरू, सीकर, बीकानेर आदि शहरों में पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 12 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 17 गुणा खराब है।
देश में अहमदनगर सहित 67 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उल्हासनगर, वाराणसी आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 16 फीसदी का इजाफा हुआ है।
देश में बेंगलुरु सहित 100 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।
इन शहरों में मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नमक्कल, नासिक, नयागढ़, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सासाराम, सतना, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, तुमकुरु, तुमिडीह, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि शामिल हैं।
हालांकि कल से तुलना करें तो संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश में अमृतसर सहित 55 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में बांसवाड़ा, बाड़मेर, भरतपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, छपरा, चुरू, दौसा, दिल्ली, गांधीनगर, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, करौली, कटिहार, खन्ना, खुर्जा, कोटा, लखनऊ आदि शामिल हैं। राहत की खबर यह है कि कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 225 में से 67 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 100 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 12 जून 2025 को यह आंकड़ा 107 दर्ज किया गया था।
55 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (211) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया।
कल खन्ना में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 255 रिकॉर्ड किया गया।आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 8 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 187 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम चौथे स्थान पर है, वहीं चित्तौड़गढ़ (206) दूसरे, जबकि जलगांव (204) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 107, गाजियाबाद में 189, गुवाहाटी में 72, गुरूग्राम में 200, नोएडा में 178, ग्रेटर नोएडा में 211 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 51 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 124, चेन्नई में 57, चंडीगढ़ में 136, हैदराबाद में 81, जयपुर में 131 और पटना में 96 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 67 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, बैरकपुर, बेलापुर, बेलगाम, भिलाई, भिवंडी, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बक्सर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हुबली, करूर, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नांदेड़, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, कटक, दमोह, देहरादून, देवास, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नमक्कल, नासिक, नयागढ़, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सासाराम, सतना, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, तुमकुरु, तुमिडीह, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 100 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।