आज भी प्रदूषण में अव्वल नंदेसरी, साफ हवा वाले शहरों में आई आठ फीसदी की गिरावट

देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 दर्ज किया गया है
फोटो: सम्राट मुखर्जी/ सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट
फोटो: सम्राट मुखर्जी/ सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट
Published on

देश में एक बार फिर नंदेसरी की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 263 दर्ज किया गया है। हालांकि कल से नंदेसरी की हवा में 61 अंकों का सुधार आया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 22 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है कि नंदेसरी सहित देश के करीब 11 फीसदी शहरों में हवा चिंताजनक है। इन शहरों में अहमदाबाद, बद्दी, बागपत, बेगूसराय, भागलपुर, भीलवाड़ा, ब्रजराजनगर, बर्नीहाट, चेन्नई, छपरा, दौसा, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, इंफाल, जैसलमेर, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, नोएडा, समस्तीपुर, श्री गंगानगर, तुमिडीह, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से इन शहरों की गिनती में 57 फीसदी का इजाफा हुआ है।

रुझानों पर नजर डालें तो देश के सबसे प्रदूषित शहरों में बेगूसराय (198) दूसरे स्थान पर है। वहीं भागलपुर (149) तीसरे जबकि भीलवाड़ा (142) चौथे स्थान पर है। इसी तरह 138 अंकों के साथ लुधियाना पांचवें जबकि गुरूग्राम (129) छठे स्थान पर है।

बागपत में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 121 अंकों के साथ सातवें पायदान पर है। वहीं समस्तीपुर (118), ब्रजराजनगर (117) और तुमिडीह (114) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।

आंकड़ों के मुताबिक नंदेसरी, बेगूसराय, भागलपुर, भीलवाड़ा, लुधियाना, समस्तीपुर, बर्नीहाट आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी है। वहीं गुरूग्राम, ब्रजराजनगर आदि में ओजोन जबकि बागपत, तुमिडीह, विशाखापत्तनम, ग्रेटर नोएडा, दौसा, श्री गंगानगर, बद्दी, जैसलमेर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है।

वहीं दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 17 गुणा खराब है।

शिलांग की तरह ही देश के छोटे बड़े 78 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में झांसी, कलबुर्गी, करूर, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रतलाम, सागर, सांगली, सवाई माधोपुर आदि शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में आठ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। हालांकि इसके बावजूद वहां स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

अहमदनगर सहित देश के 112 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रायपुर आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की तरह ही संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब तीन फीसदी की गिरावट आई है।

विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां देश के करीब 37 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 53 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। वहीं दूसरी तरफ करीब 11 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 213 में से 78 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 112 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 21 जून 2025 को यह आंकड़ा 115 दर्ज किया गया था।

22 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (263) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 280 के करीब पहुंच गया। कल भी नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 324 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 7 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 92 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज भीलवाड़ा चौथे स्थान पर है, वहीं बेगूसराय (198) दूसरे, जबकि भागलपुर (149) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 47, गाजियाबाद में 89, गुवाहाटी में 48, गुरूग्राम में 129, नोएडा में 113, ग्रेटर नोएडा में 107 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 56 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 60, चेन्नई में 101, चंडीगढ़ में 53, हैदराबाद में 62, जयपुर में 79 और पटना में 74 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 78 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बारां, बेलापुर, भिलाई, भोपाल, बोईसर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, होसुर, हुबली, जलगांव, झांसी, कलबुर्गी, करूर, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रतलाम, सागर, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपति, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदनगर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दिल्ली, देवास, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, राउरकेला, सहरसा, सीकर, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा आदि 112 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in