
आज ग्रेटर नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 220 दर्ज किया गया।
एक ही दिन में ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण के स्तर में 104 अंकों का उछाल आया है, इसके साथ ही वहां एक्यूआई 116 से 220 पर पहुंच गया। डब्ल्यूएचओ मानकों के लिहाज से देखें तो वहां प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 389 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ शिलांग की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 11 रिकॉर्ड किया गया, जो ग्रेटर नोएडा से 19 गुणा बेहतर है।
दिल्ली का एक्यूआई 143 तक पहुंचा, जो सुरक्षित सीमा से 853 फीसदी अधिक है।
पीथमपुर (172), औरंगाबाद बिहार (162) और गाजियाबाद (153) भी प्रदूषित शहरों में शामिल।
देश के 43.6 फीसदी शहरों में हवा साफ रही, जबकि 7.4% शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
देश में आज ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 220 रिकॉर्ड किया गया है। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' दर्ज किया गया है। वहां की फिजाओं में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि कल ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 116 दर्ज किया गया था। मतलब कि तब से वहां प्रदूषण के स्तर में 104 अंकों का भारी उछाल आया है।
बता दें कि आज ग्रेटर नोएडा की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 389 फीसदी अधिक है।
वहीं कल देश में किशनगंज की हवा सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 226 दर्ज किया गया था। हालांकि आज सरकार ने किशनगंज से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 11 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 19 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 43.6 फीसदी शहरों में हवा साफ है। राहत की बात है कि आज देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। वहीं कल देश में इन शहरों की गिनती में करीब 10 फीसदी की गिरावट आई थी।
वहीं 49 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 7.4 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा संतोषजनक है।
देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में दो फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है, जबकि मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 45.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 143 पर पहुंच गया। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 853 फीसदी अधिक है।
रुझानों से पता चला है कि आज प्रदूषित शहरों में पीथमपुर (172) दूसरे जबकि बिहार का औरंगाबाद (162) तीसरे स्थान पर है। वहीं 153 अंकों के साथ गाजियाबाद चौथे जबकि नोएडा (149) पांचवें स्थान पर है। इसी तरह दिल्ली भी 143 अंकों के साथ देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है। बिलीपाड़ा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 138 अंकों के साथ प्रदूषित शहरों में आज सातवें पायदान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज हावेरी (127), गुरूग्राम (121) और मुजफ्फरनगर (120) भी शामिल हैं।
विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि आज जहां देश में पीथमपुर, दिल्ली, गुरूग्राम, मुजफ्फरनगर, भिवाड़ी में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं। वहीं ग्रेटर नोएडा, औरंगाबाद (बिहार), गाजियाबाद, नोएडा, बिलीपाड़ा, श्रीगंगानगर, बद्दी, भागलपुर, जालौर, पाली, तुमिडीह में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इन शहरों के विपरीत आज जिन 99 शहरों में हवा साफ है, उनमें खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला आदि शामिल हैं। राहत की खबर यह है कि कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी की गिरावट आई है। इसके साथ ही इन शहरों की गिनती घटकर 111 पर पहुंच गई है।
आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों में दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंगेर, नगांव, नागौर, पंचगांव, पटना, प्रतापगढ़ आदि शामिल हैं।
वहीं इनके उलट आज देश के 16 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, भागलपुर, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, दिल्ली, गाजियाबाद, गुरूग्राम, हावेरी, जालौर, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पाली, पीथमपुर, श्रीगंगानगर, तुमिडीह शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 46 फीसदी की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 227 में से 99 (2.1 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 111 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 18 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 113 दर्ज किया गया था।
16 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (220) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 230 के करीब पहुंच गया। कल किशनगंज में वायु गुणवत्ता सूचकांक 226 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 36 अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 143 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद चौथे स्थान पर है, वहीं औरंगाबाद (बिहार) (162) दूसरे, जबकि पीथमपुर (172) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 52, गाजियाबाद में 153, गुवाहाटी में 37, गुरूग्राम में 121, नोएडा में 149, ग्रेटर नोएडा में 220 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 39 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 60, चेन्नई में 51, चंडीगढ़ में 56, हैदराबाद में 72, जयपुर में 84 और पटना में 98 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 99 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अररिया, अरियालूर, बागलकोट, बारां, बरेली, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बूंदी, चेंगलपट्टू, छपरा, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हुबली, जालंधर, कलबुर्गी, करौली, करूर, कारवार, काशीपुर, कटिहार, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, श्री विजया पुरम, टेन्सा, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उदयपुर, उल्हासनगर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, बिहार शरीफ, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चुरू, देवास, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंगेर, नगांव, नागौर, पंचगांव, पटना, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, ठाणे , तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 111 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।