बढ़ते प्रदूषण से दुर्गापुर में सबसे खराब हैं हालात, गिरावट के बावजूद दिल्ली में 'बेहद खराब' है हवा

देश के महज पांच फीसदी से भी शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' है दूसरी तरफ करीब 78 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक है
बढ़ते प्रदूषण से दुर्गापुर में सबसे खराब हैं हालात, गिरावट के बावजूद दिल्ली में 'बेहद खराब' है हवा
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प्रदूषण के मामले में आज फिर दुर्गापुर अव्वल रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पास पहुंच गया है। बता दें कि कल दुर्गापुर में एक्यूआई 360 दर्ज किया गया था। वहीं बैरकपुर (366) दूसरे जबकि हावड़ा (350) तीसरे स्थान पर है।

इसके बाद दिल्ली चौथे स्थान पर है, जहां कल से प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है, लेकिन अभी भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बेहद खराब' बना हुआ है। बता दें कि कल प्रदूषण के मामले में दिल्ली देश में दूसरे स्थान पर थी।

कल के मुकाबले में देखें तो दिल्ली की वायु गुणवत्ता में छह अंकों का सुधार जरूर आया है। हालांकि वहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। दिल्ली की तरह ही देश में आसनसोल (328), हाजीपुर (325), हल्दिया (322), बहादुरगढ़ (315), तालचेर (306), भागलपुर (304) और अररिया (303) में प्रदूषण से स्थिति 'बेहद खराब' है।

इन सभी शहरों में सूचकांक 300 के पार है। हालांकि राहत की बात यह रही कि देश में कल से 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई है।

दिल्ली की तरह ही पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है, जहां 30 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 215 पर पहुंच गया। हालांकि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 50 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' है।

इन शहरों में अगरतला, अमृतसर, अंगुल, बागपत, बालासोर, बल्लभगढ़, भिवानी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, छपरा, कटक, दमोह, धनबाद, धुले, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, लखनऊ, मालेगांव, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नोएडा, पानीपत, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, राजगीर, सहरसा, समस्तीपुर, सिंगरौली, सिरसा, सोनीपत, टोंक, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में कल से 31 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 31 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित दुर्गापुर की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि देश में मदिकेरी की तरह ही 11 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कलबुर्गी, कन्नूर, कोलार, मदिकेरी, नगांव, शिलांग, त्रिशूर आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 22 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश में अमरावती सहित 45 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में गुवाहाटी, हावेरी, इंदौर, करौली, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, मैहर, मैसूर, नाहरलगुन, नयागढ़ आदि शामिल हैं।

हालांकि चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 20 फीसदी की गिरावट आई है।

हालांकि दूसरी तरफ देश के 136 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। कल से तुलना करें तो इन शहरों की संख्या में करीब 39 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, डूंगरपुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, करूर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोल्हापुर, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नंदेसरी, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचकुला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर शामिल हैं।

कुल मिलाकर देखें तो अभी भी देश के महज पांच फीसदी से भी कम शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' है दूसरी तरफ करीब 78 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक है। वहीं देश के करीब 18 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 254 में से महज 11 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 45 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 25 नवंबर 2024 को यह आंकड़ा 56 दर्ज किया गया था। 136 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में दुर्गापुर (392) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी दुर्गापुर में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 360 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में छह अंकों की मामूली गिरावट आई है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 343 पर पहुंच गया। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी 'बेहद खराब' बनी हुई है। मतलब की इस महीने में पिछले 26 दिनों से लगातार दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। इस महीने दिल्ली में आठ दिन वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

कहीं न कहीं देश में प्रदूषण के स्तर में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं बैरकपुर दूसरे, जबकि हावड़ा तीसरे स्थान पर है।      

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 215, गाजियाबाद में 238, गुरुग्राम में 289, नोएडा में 223, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 234 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 156 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 220, चेन्नई में 129, चंडीगढ़ में 233, हैदराबाद में 107, जयपुर में 169 और पटना में 218 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, कलबुर्गी, कन्नूर, कोलार, मदिकेरी, नगांव, शिलांग, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अमरावती, बेंगलुरु, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिक्कामगलुरु, देवास, धारवाड़, धौलपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गुवाहाटी, हावेरी, इंदौर, करौली, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, मैहर, मैसूर, नाहरलगुन, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पलवल, पटियाला, पीथमपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 45 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

प्रदूषण के मामले में आज फिर दुर्गापुर अव्वल रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पास पहुंच गया है। बता दें कि कल दुर्गापुर में एक्यूआई 360 दर्ज किया गया था। वहीं बैरकपुर (366) दूसरे जबकि हावड़ा (350) तीसरे स्थान पर है।

इसके बाद दिल्ली चौथे स्थान पर है, जहां कल से प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है, लेकिन अभी भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बेहद खराब' बना हुआ है। बता दें कि कल प्रदूषण के मामले में दिल्ली देश में दूसरे स्थान पर थी।

कल के मुकाबले में देखें तो दिल्ली की वायु गुणवत्ता में छह अंकों का सुधार जरूर आया है। हालांकि वहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। दिल्ली की तरह ही देश में आसनसोल (328), हाजीपुर (325), हल्दिया (322), बहादुरगढ़ (315), तालचेर (306), भागलपुर (304) और अररिया (303) में प्रदूषण से स्थिति 'बेहद खराब' है।

इन सभी शहरों में सूचकांक 300 के पार है। हालांकि राहत की बात यह रही कि देश में कल से 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई है।

दिल्ली की तरह ही पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है, जहां 30 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 215 पर पहुंच गया। हालांकि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 50 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' है।

इन शहरों में अगरतला, अमृतसर, अंगुल, बागपत, बालासोर, बल्लभगढ़, भिवानी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, छपरा, कटक, दमोह, धनबाद, धुले, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, लखनऊ, मालेगांव, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नोएडा, पानीपत, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, राजगीर, सहरसा, समस्तीपुर, सिंगरौली, सिरसा, सोनीपत, टोंक, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में कल से 31 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 31 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित दुर्गापुर की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि देश में मदिकेरी की तरह ही 11 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कलबुर्गी, कन्नूर, कोलार, मदिकेरी, नगांव, शिलांग, त्रिशूर आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 22 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश में अमरावती सहित 45 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में गुवाहाटी, हावेरी, इंदौर, करौली, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, मैहर, मैसूर, नाहरलगुन, नयागढ़ आदि शामिल हैं।

हालांकि चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 20 फीसदी की गिरावट आई है।

हालांकि दूसरी तरफ देश के 136 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। कल से तुलना करें तो इन शहरों की संख्या में करीब 39 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, डूंगरपुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, करूर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोल्हापुर, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नंदेसरी, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचकुला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर शामिल हैं।

कुल मिलाकर देखें तो अभी भी देश के महज पांच फीसदी से भी कम शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' है दूसरी तरफ करीब 78 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक है। वहीं देश के करीब 18 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 254 में से महज 11 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 45 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 25 नवंबर 2024 को यह आंकड़ा 56 दर्ज किया गया था। 136 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में दुर्गापुर (392) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी दुर्गापुर में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 360 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में छह अंकों की मामूली गिरावट आई है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 343 पर पहुंच गया। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी 'बेहद खराब' बनी हुई है। मतलब की इस महीने में पिछले 26 दिनों से लगातार दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। इस महीने दिल्ली में आठ दिन वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

कहीं न कहीं देश में प्रदूषण के स्तर में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं बैरकपुर दूसरे, जबकि हावड़ा तीसरे स्थान पर है।      

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 215, गाजियाबाद में 238, गुरुग्राम में 289, नोएडा में 223, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 234 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 156 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 220, चेन्नई में 129, चंडीगढ़ में 233, हैदराबाद में 107, जयपुर में 169 और पटना में 218 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, कलबुर्गी, कन्नूर, कोलार, मदिकेरी, नगांव, शिलांग, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अमरावती, बेंगलुरु, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिक्कामगलुरु, देवास, धारवाड़, धौलपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गुवाहाटी, हावेरी, इंदौर, करौली, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, मैहर, मैसूर, नाहरलगुन, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पलवल, पटियाला, पीथमपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 45 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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