
प्रदूषण में उत्तर-चढ़ाव का दौर जारी है। कल से आज वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के जहां करीब 12 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं चिंताजनक हवा वाले शहरों की गिनती 42 फीसदी के आसपास रही।
रुझानों से पता चला है कि आज राजस्थान के भिवाड़ी के शहर की हवा सबसे प्रदूषित रही, जहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे।
भिवाड़ी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 292 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो भिवाड़ी की हवा छह गुणा खराब है। वहीं दूसरी तरफ अगरतला की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 24 रिकॉर्ड किया गया। बता दें कि दो दिन पहले अगरतला की हवा सबसे खराब थी, जब वहां एक्यूआई 339 रिकॉर्ड किया गया था।
वहीं कल (25 अप्रैल 2025) को बागपत की हवा सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 289 तक पहुंच गया था। प्रदूषण के मामले में आज उत्तर प्रदेश का बागपत शहर दूसरे स्थान पर है, जहां सूचकांक 265 दर्ज किया गया है।
इसी तरह 257 अंकों के साथ कुंजेमुरा तीसरे स्थान पर है। राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है, इसके बावजूद वहां अभी भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। बता दें कि कल से 11 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 247 रह गया है।
बारबिल (234) अंकों के साथ प्रदूषित हवा वाले शहरों में पांचवें, जबकि गुरूग्राम (228) छठे स्थान पर है। बठिंडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 227 दर्ज किया गया है। इसी तरह गाजियाबाद (214) आठवें, जबकि ग्रेटर नोएडा (210) नवें स्थान पर है।
हनुमानगढ़ भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है, जहां एक्यूआई 200 दर्ज किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक आज देश के नौ शहरों में हवा खराब है। कल से देखें तो इन शहरों की गिनती में 40 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि अच्छी खबर है।
इन शहरों के उलट आज अगरतला की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 24 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर भिवाड़ी की तुलना अगरतला से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है।
अगरतला की तरह ही देश के 25 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में परभनी, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, वापी आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 44 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
आइजोल सहित देश के 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोटा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, सागर, सलेम, शिलांग, सिरोही आदि शामिल हैं।
साफ हवा वाले शहरों के विपरीत देश में कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश में बांसवाड़ा सहित 84 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में भरतपुर, भोपाल, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छपरा, चित्तूर, चुरू, देवास, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर आदि शामिल हैं। कल से मध्यम श्रेणी वाले शहरों की गिनती में भी तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां करीब 12 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 46 फीसदी से अधिक शहरों में हवा संतोषजनक दर्ज की गई है। दूसरी तरफ करीब 42 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 222 में से महज 26 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 25 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 105 दर्ज किया गया था।
84 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में भिवाड़ी (292) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल बागपत में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 289 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 11 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 247 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं बागपत (265) दूसरे, जबकि कुंजेमुरा (257) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 176, गाजियाबाद में 214, गुवाहाटी में 91, गुरूग्राम में 228, नोएडा में 181, ग्रेटर नोएडा में 210 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 68 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 148, चेन्नई में 48, चंडीगढ़ में 104, हैदराबाद में 77, जयपुर में 160 और पटना में 178 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 26 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अरियालूर, बागलकोट, बेलगाम, चामराजनगर, चेन्नई, कुड्डालोर, गडग, हुबली, कलबुर्गी, मदिकेरी, मैसूर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, परभनी, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, वापी शामिल हैं।
वहीं आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोटा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, सागर, सलेम, शिलांग, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।