दिल्ली में 368, बर्नीहाट में 399 पहुंचा एक्यूआई, केवल 5 प्रतिशत शहरों की हवा है साफ

भारत के जहां महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सहित 62 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं
भारत के कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण से बड़े ही नहीं बच्चे भी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं; फोटो: आईस्टॉक
भारत के कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण से बड़े ही नहीं बच्चे भी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं; फोटो: आईस्टॉक
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देश में वायु प्रदूषण थमने का नाम ही नहीं ले रहा, हालात यह हैं कि दिल्ली-बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के करीब पहुंच गया है। आंकड़ों के मुताबिक जहां दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 368 रिकॉर्ड किया गया, वहीं बर्नीहाट प्रदूषण के मामले में अव्वल रहा, जहां एक्यूआई 395 रिकॉर्ड किया गया।

प्रदूषण के मामले में बद्दी तीसरे स्थान पर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 309 दर्ज किया गया। इसी तरह चंडीगढ़ (300) में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं थी।

ताजा रुझानों पर नजर डालें तो देश के छोटे बड़े 29 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बैरकपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हल्दिया, हावड़ा, जालौर, जोधपुर, लातूर, मंडीदीप, नोएडा, पाली, पंचकुला, राजगीर, सिंगरौली, तालचेर, उदयपुर, वापी, यादगीर आदि शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 31 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है। मदिकेरी की तरह ही देश के पांच फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है।

मतलब की देश के 12 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में ऊटी, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 33 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

इसी तरह ताजा रुझानों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 78 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इन शहरों में गांधीनगर, हसन, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, करौली, करूर, कारवार, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मदुरै, मिलुपारा, मैसूर, नागपुर, नंदेसरी, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, सागर, सलेम, समस्तीपुर आदि शामिल हैं। राहत की बात यह रही की देश में कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 16 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश के छोटे बड़े 114 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में अगरतला, अहमदाबाद, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बालासोर, बारबिल, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हैदराबाद, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनूं, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सांगली, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उल्हासनगर, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 62 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह 33 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 236 में से महज 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 78 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 18 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 67 दर्ज किया गया।114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (395) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। वहीं कल तालचेर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 317 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 113 अंकों का भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज बढ़कर 368 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'खराब' से ‘बेहद खराब’ हो गई है।

गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चंडीगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (368) दूसरे, जबकि बद्दी (309) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 272, गाजियाबाद में 236, गुरुग्राम में 291, नोएडा में 253, ग्रेटर नोएडा में 298 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 155 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 152, चेन्नई में 61, चंडीगढ़ में 300, हैदराबाद में 115, जयपुर में 131 और पटना में 192 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, बरेली, चामराजनगर, मदिकेरी, मैहर, ऊटी, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं आगरा, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, बांसवाड़ा, बारां, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, देवास, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, हसन, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, करौली, करूर, कारवार, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मदुरै, मिलुपारा, मैसूर, नागपुर, नंदेसरी, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, शिवसागर, श्री गंगानगर, सुआकाती, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उज्जैन, विजयवाड़ा, विरुधुनगर आदि 78 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

देश में वायु प्रदूषण थमने का नाम ही नहीं ले रहा, हालात यह हैं कि दिल्ली-बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के करीब पहुंच गया है। आंकड़ों के मुताबिक जहां दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 368 रिकॉर्ड किया गया, वहीं बर्नीहाट प्रदूषण के मामले में अव्वल रहा, जहां एक्यूआई 395 रिकॉर्ड किया गया।

प्रदूषण के मामले में बद्दी तीसरे स्थान पर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 309 दर्ज किया गया। इसी तरह चंडीगढ़ (300) में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं थी।

ताजा रुझानों पर नजर डालें तो देश के छोटे बड़े 29 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बैरकपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हल्दिया, हावड़ा, जालौर, जोधपुर, लातूर, मंडीदीप, नोएडा, पाली, पंचकुला, राजगीर, सिंगरौली, तालचेर, उदयपुर, वापी, यादगीर आदि शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 31 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है। मदिकेरी की तरह ही देश के पांच फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है।

मतलब की देश के 12 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में ऊटी, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 33 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

इसी तरह ताजा रुझानों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 78 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इन शहरों में गांधीनगर, हसन, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, करौली, करूर, कारवार, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मदुरै, मिलुपारा, मैसूर, नागपुर, नंदेसरी, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, सागर, सलेम, समस्तीपुर आदि शामिल हैं। राहत की बात यह रही की देश में कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 16 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश के छोटे बड़े 114 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में अगरतला, अहमदाबाद, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बालासोर, बारबिल, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हैदराबाद, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनूं, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सांगली, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उल्हासनगर, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 62 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह 33 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 236 में से महज 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 78 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 18 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 67 दर्ज किया गया।114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (395) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। वहीं कल तालचेर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 317 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 113 अंकों का भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज बढ़कर 368 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'खराब' से ‘बेहद खराब’ हो गई है।

गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चंडीगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (368) दूसरे, जबकि बद्दी (309) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 272, गाजियाबाद में 236, गुरुग्राम में 291, नोएडा में 253, ग्रेटर नोएडा में 298 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 155 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 152, चेन्नई में 61, चंडीगढ़ में 300, हैदराबाद में 115, जयपुर में 131 और पटना में 192 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, बरेली, चामराजनगर, मदिकेरी, मैहर, ऊटी, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं आगरा, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, बांसवाड़ा, बारां, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, देवास, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, हसन, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, करौली, करूर, कारवार, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मदुरै, मिलुपारा, मैसूर, नागपुर, नंदेसरी, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, शिवसागर, श्री गंगानगर, सुआकाती, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, उज्जैन, विजयवाड़ा, विरुधुनगर आदि 78 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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