
धौलपुर की हवा में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ गया है, जहां एक्यूआई 250 तक पहुंच गया।
यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से 1500 फीसदी अधिक है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
वहीं, करूर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई मात्र 17 है।
देश के अधिकांश शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
प्रदूषण के मामले में विशाखापत्तनम (132) दूसरे जबकि बिहार का छपरा (130) तीसरे स्थान पर है
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 05 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 61.2 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 34.8 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 3.9 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा साफ है।
देश के सभी शहरों में आज धौलपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 250 दर्ज किया गया। इस दौरान राजस्थान के इस शहर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो वहां प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 1,567 फीसदी अधिक है। मतलब की वहां की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
गौरतलब है कि कल सरकार ने धौलपुर के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े जारी नहीं किए थे। दूसरी तरफ आज देश में करूर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 17 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर धौलपुर की तुलना करूर से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा खराब है।
आंकड़ों के मुताबिक कल विशाखापत्तनम में प्रदूषण से स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 129 तक पहुंच गया। हालांकि आज भी वहां वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है। इसके साथ ही वो प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो आज प्रदूषण के मामले में विशाखापत्तनम (132) दूसरे जबकि बिहार का छपरा (130) तीसरे स्थान पर है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति समस्तीपुर में भी है, जो 128 अंकों के साथ आज देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर है।
इसी तरह ऊटी और सागर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 106 दर्ज किया गया। वहीं देश के सबसे प्रदूषित शहरों में आज बक्सर (104), थूथुकुडी (104) और हावेरी (103) भी शामिल हैं।
विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि जहां देश में धौलपुर, छपरा, समस्तीपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं। वहीं विशाखापत्तनम, सागर, थूथुकुडी आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह जहां बक्सर में ओजोन जबकि ऊटी में कार्बन से स्थिति चिंताजनक है।
इन शहरों के उलट आज देश के 139 यानी 61 फीसदी शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कटक, दमोह, दौसा, देहरादून, देवास, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुरूग्राम, हल्दिया, हापुड, होसुर, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर आदि शहर शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, हालांकि राहत की बात है कि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही आज देश के 79 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावड़ा, हैदराबाद, जैसलमेर, जालंधर, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोलकाता, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नोएडा, पटना आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।
इन शहरों के उलट आज देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है, जिनमें बक्सर, छपरा, हावेरी, ऊटी, सागर, समस्तीपुर, थूथुकुडी, विशाखापत्तनम शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 227 में से 139 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 79 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 04 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 83 दर्ज किया गया था।
8 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में धौलपुर (250) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 260 के करीब पहुंच गया। कल विशाखापत्तनम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 129 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 67 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज समस्तीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं विशाखापत्तनम (132) दूसरे, जबकि छपरा (130) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 54, गाजियाबाद में 56, गुवाहाटी में 66, गुरूग्राम में 48, नोएडा में 51, ग्रेटर नोएडा में 94 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 53 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 49, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 39, हैदराबाद में 78, जयपुर में 50 और पटना में 63 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 139 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अजमेर, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, देहरादून, देवास, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुरूग्राम, हल्दिया, हापुड, होसुर, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, राउरकेला, सलेम, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, बदलापुर, बाड़मेर, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बर्नीहाट, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, दिल्ली, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावड़ा, हैदराबाद, जैसलमेर, जालंधर, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोलकाता, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नोएडा, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रूपनगर, सहरसा, सतना, सीकर, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तुमिडीह, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा आदि 79 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।