फिर बर्नीहाट बना सबसे प्रदूषित शहर, छपरा-बरेली में स्थिति चिंताजनक

आंकड़ों से पता चला है कि आज देश में बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 145 तक पहुंच गया
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 अगस्त 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां 65.2 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 32 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 2.3 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा साफ है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज देश में बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 145 तक पहुंच गया। इस दौरान बर्नीहाट की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो वहां प्रदूषण का स्तर तय सुरक्षित सीमा से 867 फीसदी अधिक है।

मतलब की वहां की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

गौरतलब है कि कल धौलपुर में प्रदूषण से स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 115 तक पहुंच गया। हालांकि आज धौलपुर की वायु गुणवत्ता में 44 अंकों का सुधार आया है, जिसके साथ ही धौलपुर में वायु गुणवत्ता मध्यम से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गई है।

दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 9 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा खराब है।

दिल्ली से जुड़े रुझानों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां एक अंक के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 62 पर पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में आज भी हवा संतोषजनक बनी हुई है।

देश के सबसे प्रदूषित शहरों में आज एलूर (117) दूसरे जबकि छपरा (114) तीसरे स्थान पर है। वहीं 106 अंकों के साथ जलना चौथे जबकि बरेली पांचवें पायदान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 103 रिकॉर्ड किया गया है। रुझानों से पता चला है कि आज बर्नीहाट, जलना आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण हावी हैं।

इन शहरों के उलट आज आगरा सहित 65 फीसदी यानी 141 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडीदीप, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 1.4 फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों से यह भी पता चला है कि आज देश में छोटे-बड़े 70 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, झालावाड़, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, नगांव, नलबाड़ी, नांदेड़, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, राजसमंद, रानीपेट, समस्तीपुर, सासाराम, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी आदि शामिल हैं।

साफ हवा वाले शहरों की तरह ही आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी गिरावट आई है, जो चार फीसदी से अधिक है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बरेली, बर्नीहाट, छपरा, एलूर, जलना शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 216 में से 141 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 70 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 24 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 73 दर्ज किया गया था।

5 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (145) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 150 के करीब पहुंच गया। कल धौलपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 115 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 62 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज जलना चौथे स्थान पर है, वहीं एलूर (117) दूसरे, जबकि छपरा (114) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 36, गाजियाबाद में 55, गुवाहाटी में 57, हापुड में 50, नोएडा में 43, ग्रेटर नोएडा में 92 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 41 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 46, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 58, हैदराबाद में 67, जयपुर में 56 और पटना में 68 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 141 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अरियालूर, आसनसोल, बद्दी, बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, दमोह, देहरादून, देवास, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, कारवार, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडीदीप, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, सुआकाती, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, टोंक, तुमिडीह, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अलवर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बाड़मेर, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, होसुर, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, झालावाड़, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, नगांव, नलबाड़ी, नांदेड़, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, राजसमंद, रानीपेट, समस्तीपुर, सासाराम, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 70 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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